यह कहानी हिंदुस्तान- पाकिस्तान बंटवारे के समय की है |एक वृद्ध मुसलमान महिला अपनी बेटी की तलाश कर रही है उसे अपने ऊपर पूरा विश्वास है कि उसकी बेटी अभी जीवित है |यही बात उसे जीने का हौसला दे रही है |किंतु क्या उसका यह विश्वास सत्य है? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं सआदत हसन मंटो के द्वारा लिखी गई कहानी खुदा की कसम अनुपम ध्यानी जी की आवाज में…
“मेरे घर से बाहर के रास्ते में कई बाजार और गलियां पड़ती थी | जहां मेरी आंखों ने देखा कई दिनों से बना पाकिस्तान अब जिंदाबाद हुआ है |” लेखक सआदत हसन मंटो ने हिंदुस्तान -पाकिस्तान बंटवारे के बाद जब पाकिस्तान गए ,तो वहां की स्थिति से रूबरू हुए | जो उन्हें बेहद जो बेहद अचंभित कर देने वाली थी |सुनते हैं अनुपम ध्यानी की आवाज में यह पूरा वृतांत “सवेरे जो कल मेरी आंख खुली “……
“बू” – जब यादें भी खुशबू छोड़ जाती हैं…
कभी आपने किसी की मौजूदगी को सिर्फ़ खुशबू से महसूस किया है?
मंटो की कहानी “बू” एक अनकही मोहब्बत की दस्तान है — जो एक रात में जगी थी, और बरसों बाद भी रूह में ठहरी रह गई। यह कहानी नहीं, एक एहसास है… उस छुअन का, जो अब छूती नहीं, पर उसकी ‘बू’ अब भी दिल की परतों में कहीं बाकी है।
एक नौजवान, एक लड़की… और एक मुलाक़ात — जो यादों की तह में सिमटती चली जाती है, मगर उसकी खुशबू मिटती नहीं।
अगर आपने कभी किसी को छोड़ा नहीं, सिर्फ खो दिया है — तो ‘बू’ आपको बहुत करीब लगेगी।
सुने “बू” — Saadat Hasan Manto की बेबाक, बेपर्दा और बेहद खूबसूरत कहानी — सिर्फ़ Gaatha पर।
मंटो की लिखी गयी सबसे ज्यादा मशहूर कहानियो में से एक है काली सलवार , ये कहानी एक ऐसे औरत की जो दिल्ली जैसे बड़े शहर में आ जाती है कुछ सपने सजा के , पर समय के साथ जब वो सपने धुंधले पड़ने लगते हैं तब एक शंकर नाम का आदमी उस के घर आता है और शायद दिल में भी, पर वो आदमी इस औरत को कुछ ऐसा देके जाता है जिसे पाकर वो समझ नहीं पाती की वो खुश हो या दुखी
मंटो की ये कहानी जीवन के कई पहलुओं पर नज़र डालती है , जैसा की हम जानते हैं मंटो ने उन औरतो और गलियों के बारे में बहुत लिखा है , जिन्हे लोगो बाज़ारू कहते हैं, पर इंसान वो भी हैं और एहसास उनके दिलों में भी होते हैं , ये कहानी भी एक ऐसी ही औरत की है , जो जवानी से बुढ़ापे की ओर बढ़ती है तो उसके जीवन में बहुत कुछ बदल जाता है
आपने आज तक ऐसे लोगो के बारे में तो सुना ही होगा जो की कही से पैसे उठाते हैं और गरीबो में बांट देते हैं , आप उनको चाहे तो शैतान समझे या फिर देवता ये आपके ऊपर है , कई बार इंसान को ऐसी चीज़ों से लगाव हो जाता है , जो उसके लिए बहुत मायने रखने लगती हैं , और इंसान कई बार उनको खुद से ज़्यादा समझने लगता है , ये कहानी भी एक ऐसे ही इंसान की है , जो कानून की नज़र में गलत होता है उसे सज़ा मिलती है , पर आप खुद ये समझे की क्या वो सच में ग़लत है ?
2021 hai.. aur 2020 mein ham sab nein kuch na kuch aisa mehsoos kiya jiski na to hum vyakhya kar sakte hain na khudh samajh sakte hain..poora.. maine bhi kuch aisa hi mehsoos kiya kisi ek din pichle saal.. aaiye is saal ka shubhaarambh karte hain is kavita se.. kavita ka aanand lein.. aur pasand aaye to channel ko subscribe zaroor karein This is 2021, in 2020 we all felt somethings that we either don’t understand fully or can’t explain. I did too. This is a small effort to express it.
दृढ़ संकल्प के साथ यह ठान लेना होगा हर असंभव बात को संभव करके दिखाना ही होगा , चाहे कोई भी विषम परिस्थिति हमारे सामने खड़ी क्यों ना हो ,अनुपम ध्यानी की आवाज में कविता ” चुनौती” …
30 seconds of positive energy, positive poetry.
30 seconds of positive energy, positive poetry.
एक अध्यापिका और उसके स्टूडेंट के बीच एक आकर्षण पैदा हो जाता है और इसी आकर्षण के तहत वह अपनी सारी सीमाएं तोड़ देते हैं किंतु इस प्रसंग के बाद कहानी में एक नया मोड़ आता है |क्या उन दोनों की जिंदगी में कुछ बदलाव आता है जानने के लिए सुनते हैं कहानी अफेयर
लेफ्टिनेंट सागर शिव सागर जाना चाह रहा है मूसलाधार बारिश के कारण और रास्ते में कीचड़ हो जाने के कारण उसकी गाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रही है |रैन बसेरा करने के लिए किसी जगह की तलाश कर रहा है |उसे एक इमारत दिखाई देती है किंतु इमारत का क्या रहस्य है उसके पीछे क्या कहानी है जानने के लिए सुनते हैं अज्ञेय के द्वारा लिखी गई कहानी जय-दोल, अमित तिवारी की आवाज में के द्वारा लिखी गई कहानी
कहानी ऐसी लड़की की है जिसके लिए विवाह जैसी बातों का कोई मतलब नहीं है | वह पूरी तरह लीव इन पार्टनर जो यूज एण्ड थ्रो में विश्वास करती है। उसके लिए डेटिंग एक फिजिकल डिमांड है , अपनी बायलोजिकल नीड्स को पूरा करने के लिए |उसके व्यवहार में यह बात क्यों शामिल हुई जानने के लिए सुनते हैं स्वाति तिवारी के द्वारा लिखी गई कहानी रिश्तों के कई रंग ,अंजू जेटली की आवाज में
यह कहानी जगन्नाथ नाम के एक बेहद कंजूस बूढ़े व्यक्ति की है जिसने थोड़ा सा धन बचाने के लिए अपनी बीवी और बहु का उचित इलाज नहीं करवाया, परिणाम स्वरूप उनकी मृत्यु के बाद उसका बेटा भी उसके पोते गोकुल को लेकर घर से पलायन कर जाता है। अपने कंजूस स्वभाव से ग्रस्त जगन्नाथ अपने पोते गोकुल की मृत्यु का कारण बनता है तथा पागल हो स्वयं भी प्राण त्याग देता है।
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