कहानी का नायक कड़ाके की सर्दी में प्लेटफार्म में अपने गाड़ी के आने का इंतजार कर रहा है |नायक एक गरीब तबके का है किंतु दूसरे से मांगे हुए ओवरकोट पहनकर अपने को रौबदार महसूस कर रहा है | प्लेटफार्म में ज्यादातर यात्री गरीब तबके से ही है | तभी प्लेटफार्म में उसकी मुलाकात एक लड़के से होती है जो कड़ाके की सर्दी में गर्म कपड़े नहीं पहने हुए हैं | नायक उसे अपने बिस्तार पर जगह देता है | उस लड़के के चले जाने के बाद नायक सोच में पड़ जाता है | आखिर उसकी सोच क्या है ?पूरी कहानी सुनने के लिए जानते हैं गजानन मुक्तिबोध द्वारा लिखी गई कहानी जंक्शन सुमन वैद्य जी की आवाज में
नरेंद्र के मन में एक प्रश्न डंक की भांति परेशान कर रहा है| यह प्रश्न उसकी मां सुशीला के स्त्रीत्व की पवित्रता को लेकर है |क्या नरेंद्र अपनी मां से अपने प्रश्नों का उत्तर ले पाएगा ?क्या वास्तव में में सुशीला के जीवन में इसके पीछे कोई कहानी थी ?सुशीला अपनी पवित्रता नरेंद्र को समझा पाएगी ? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं गजानन माधव मुक्तिबोध के द्वारा लिखी गई कहानी प्रश्न सुमन वैद्य जी की आवाज में….
एक ऐसा गुरु- शिष्य की कहानी जहां गुरु श्रापित है, कि जब तक उसे कोई योग्य शिष्य नहीं मिल जाता तब तक उसकी आत्मा इसी संसार में अटकी रहेगी क्या उसकी आत्मा को मुक्ति मिल पाती है ? और यदि मिल पाती है तो ,क्या होता है उस शिष्य का यह सब जानने के लिए सुनते हैं कहानी ” ब्रह्मराक्षस का शिष्य “
हिंदुस्तान पाकिस्तान बंटवारे के बाद जो कि अमृतसर जा रही है कुछ मुसाफिर जिसमें तीन पठान, सरदार ,बाबू बैठे हुए हैं एक बुढ़िया बैठी हुई है वजीराबाद स्टेशन में हलचल होने लगती है जैसे कहीं दंगा हुआ हूं पठान चढ़े हुए मुसाफिरों के साथ बदसलूकी करने लगता है बाकी यात्री में बैठे हुए हैं अमृतसर पहुंचती है पठानों से बदला लेने लगता है किस लिए ऐसा क्या कारण है इसके पीछे
50 की उम्र पार करने के बाद भी नेउर एक मेहनती इंसान है| गांव में वह अपनी बूढ़ी पत्नी के साथ खुशी-खुशी रहता है| एक महात्मा के चक्कर में पड़कर के नेउर अपनी पत्नी के सारे गहने और रुपए गवा देता है ||इसके बाद नेउर की जिंदगी में बहुत बड़ी तब्दीली आ जाती है |वह क्या है? जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद्र जी की रोचक कहानी नेउर सुमन वैद्य जी की आवाज में
कहानी मंदी में जान सकते हैं कि मंदी के दौर में किस प्रकार ग्राहकों को लुभाने की कोशिश की जा रही है |नायक किस प्रकार इन बातों को अनुभव कर रहा है |जानने के लिए सुनते हैं मोहन राकेश के द्वारा लिखी गई कहानी मंदी ,सुमन वैद्य की आवाज में
महाशय मेहता उन अभागों में से हैं जिनको अपनी मेहनत के हिसाब से प्रशंसा या पुरस्कार नहीं मिलता| किंतु अब उन्होंने सोच लिया है कि वह राजा साहब के आगे स्तुति गान करेंगे| इसके चलते वह शीघ्र दीवान बन गए |किंतु मेहता जी की परेशानियां यहीं खत्म नहीं हुई ,आगे अब क्या क्या हुआ? पूरी बात जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद्र जी के द्वारा लिखी गई कहानी रियासत का दीवान ,सुमन वैद्य की आवाज में
लीला ,लाला डंगामल पहली पत्नी है| जो पूरा जीवन लाला जी के लिए समर्पित कर देती है |किंतु लालाजी हमेशा उसकी उपेक्षा करते रहते हैं और अंत में मिला यही दर्द लेकर लीला मृत्यु को प्राप्त हो जाती है |अब लालाजी ने दूसरा विवाह कर लिया है| क्या लाला जी के जीवन में कुछ बदलाव आएगा या उनका व्यवहार वैसा ही रहेगा? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद्र जी के द्वारा लिखी गई कहानी नया विवाह ,सुमन वैद्य की आवाज में
रामा बेहद भद्दा बेडौल था। लेकिन उसका मन उतना ही सुंदर और भोला था ।इसी से रामा हमें बेहद अच्छा लगता था। घर में सभी कामों के लिए नौकर थे इसलिए हमारी जिम्मेदारी रामा को सौंपी गई ।हम रामा को बहुत परेशान करते थे ।एक दिन माँ से खूब विनती के उपरांत रामा हम सबको मेला दिखाने ले गया । एक को कंधे पर उठाकर दूसरे का हाथ पकड़कर और तीसरेको साथ रहने का कहकर वह मेला दिखाने लगा । मैं भीड़ में खो गई ।वह बेहाल हो गया मुझे ढूँढता रहा । घर आकर इस बात के लिए उसे खूब डाँट पड़ी ।उसका वात्सल्य , उसका प्रेम हमारे प्रति कभी कम ना हुआ।
शुरु से तो वह जानती थी कि यह जो छोटा सा अनाकर्षक मगर भला सा चेहरा है, वह सच नहीं एक घुटा हुआ साईकियाट्रिस्ट है, उसे पता है, विवाहित महिलाओं की ग्रंथियां, मन की जरूरतें।कहानी की नायिका 45 वर्ष की शादीशुदा महिला है |उसकी दोस्ती एक पुरुष साईकियाट्रिस्ट से हो जाती है | किंतु अब नायिका को को महसूस हो रहा है कहीं ना कहीं मन में एक खेद का रेशा अटका पड़ा है, नायिका ऐसा क्यों सोच रही है क्या है इसके पीछे की कहानी| जानने के लिए सुनते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ के द्वारा लिखी गई कहानी खेद का रेशा अटका, पूजा श्रीवास्तव की आवाज में
यह मनी ऑर्डर तेरे दादा दादी के लिए संजीवनी है उनका मानसिक संबल है यह बात उन्हें एहसास लाती है कि उनका बड़ा बेटा उन्हें भूला नहीं और अपने कर्तव्य से विमुख नहीं हुआ | मात्र ₹1000 के मनीआर्डर आने पर जो कि उनके बड़े बेटे के द्वारा भेजा जाता है दादा दादी गदगद हो जाते हैं जबकि छोटा बेटा और परिवार अपने मां-बाप की सेवा पूरे दिल से करता है ऐसे में उनकी पोती के मन में कई प्रकार के संशय पैदा होते हैं | दिल को छू लेने वाली कहानी
आध्यात्मिक प्रेम – आर्या झा – शेफ़ाली कपूर
रिया और आदित्य एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं ।आदित्य सिविल सर्विसेज की तैयारी भी कर रहा है ।आदित्य, रिया के सामने अपने प्यार का इज़हार करता है और रिया को जीवनसंगिनी बनाना चाहता है। रिया के मन में भी आदित्य के लिए प्रेम भाव है, किंतु रिया के पिता इस रिश्ते को मंजूरी देने के लिए आदित्य के सामने एक शर्त रखते हैं । क्या है वह शर्त? क्या आदित्य उस शर्त को पूरा कर पाएगा? क्या आदित्य और रिया शादी के बंधन में बंध पाएंगे ?क्या आदित्य के मन में रिया के प्रति वही प्रेम रह पाएगा? पूरी कहानी जानने के लिए सुनें आर्या झा के द्वारा लिखी गई कहानी आध्यात्मिक प्रेम।
कहानी की नायिका मालती की एक उबाऊ और रोजमर्रा की नीरस जिंदगी को चित्रित किया गया है | जो नायिका के व्यक्तित्व को किस प्रकार प्रभावित कर रही है ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अज्ञेय के द्वारा लिखी गई कहानी गैंग्रीन, सुमन वैद्य जी की आवाज में
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