2 साल पहले की बात है आज करमांवाली, डोली वाली लड़की ,एक औरत बन चुकी है| शादी के बाद करमांवाली के जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ वह उसके चेहरे पर साफ -साफ झलक रहा है |आज जब लेखिका की पुनः करमांवाली से मुलाकात होती है तो लेखिका ने करमांवाली के संघर्ष को कहानी का रूप दिया है| करमांवाली के जीवन को अमृता प्रीतम ने किस तरीके से कहानी का रूप दिया है? जानने के लिए सुनते हैं अनुर्वी मेहरा की अवाज़ में कहानी करमांवाली…2 साल पहले की बात है आज करमांवाली, डोली वाली लड़की ,एक औरत बन चुकी है| शादी के बाद करमांवाली के जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ वह उसके चेहरे पर साफ -साफ झलक रहा है |आज जब लेखिका की पुनः करमांवाली से मुलाकात होती है तो लेखिका ने करमांवाली के संघर्ष को कहानी का रूप दिया है| करमांवाली के जीवन को अमृता प्रीतम ने किस तरीके से कहानी का रूप दिया है? जानने के लिए सुनते हैं अनुर्वी मेहरा की अवाज़ में कहानी करमांवाली…
2 साल पहले की बात है आज करमांवाली, डोली वाली लड़की ,एक औरत बन चुकी है| शादी के बाद करमांवाली के जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ वह उसके चेहरे पर साफ -साफ झलक रहा है |आज जब लेखिका की पुनः करमांवाली से मुलाकात होती है तो लेखिका ने करमांवाली के संघर्ष को कहानी का रूप दिया है| करमांवाली के जीवन को अमृता प्रीतम ने किस तरीके से कहानी का रूप दिया है? जानने के लिए सुनते हैं अनुर्वी मेहरा की अवाज़ में कहानी करमांवाली…
वह एक दिन हीरा मंडी का रास्ता चौबारा छोड़ कर शाहर के सबसे बड़े होटल फ्लैटी में आ गयी थी। वही शहर था, पर सारा शहर जैसे रातों रात उसका नाम भूल गया हो, सबके मुंह से सुनायी देता था -शाह की कंजरी। गजब का गाती थी। कोई गाने वाली उसकी तरह मिर्जे की सद नहीं लगा सकती थी। इसलिये चाहे लोग उसका नाम भूल गये थे पर उसकी आवाज नहीं भूल सके| शाह की कंजरी के नाम से जाने वाली नीलम महफिलों में गाने बजाने एक युवती है शाहनी जी के बड़े बेटे की शादी में उसे बुलाया जाता है तब शाहनी नीलम के साथ किस प्रकार का बर्ताव करती है अमृता प्रीतम के द्वारा लिखी गई कहानी शाह की कंजरी में …
गुलियाना का एक ख़त ….जिसके नाम का अर्थ है फूलों सी औरत ……पर वह लोहे के पैरों से लगातार दो साल चल कर युगोस्लाविया से चल कर अमृता तक आ पहुंची | गुलियाना की कहानी इस दुनिया के किसी भी देश की नारी की कहानी है। ये कहानी अमृता प्रीतम ने दशकों पहले लिखी थी लेकिन आज भी ख़त के वो सवाल वहीं खड़े हैं
अमृता प्रीतम की लिखी हुई इस नज़्म “दुआ ” में ऐसा क्यों महसूस होता है की कोई दुआ कबूल हो या ना हो लेकिन इस नज़्म में मांगी गई दुआ को जरूर कबूल होना चाहिए |आखिर क्या है वह दुआ उसे जानने के लिए सुनते हैं अनुर्वी कीआवाज में अमृता प्रीतम की लिखी हुई नज़्म “दुआ “में”…
2 साल पहले की बात है आज करमांवाली, डोली वाली लड़की ,एक औरत बन चुकी है| शादी के बाद करमांवाली के जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ वह उसके चेहरे पर साफ -साफ झलक रहा है |आज जब लेखिका की पुनः करमांवाली से मुलाकात होती है तो लेखिका ने करमांवाली के संघर्ष को कहानी का रूप दिया है| करमांवाली के जीवन को अमृता प्रीतम ने किस तरीके से कहानी का रूप दिया है? जानने के लिए सुनते हैं अनुर्वी मेहरा की अवाज़ में कहानी करमांवाली…
अमृता प्रीतम की कहानी “एक रुमाल ,एक अंगूठी और एक छलनी” उन सभी औरतों को समर्पित कहानी है जो अपने अंदर अपने सारे जज्बात को समेटे रहती हैं और पूरी जिंदगी उसी के साथ जीती हैं और अपने ही साथ उसे दफन कर देती हैं| ऐसे ही कहानी की नायिका ‘बनती ‘की है जो अपने सारे जज्बात अपने अंदर समेट के रखी हुई है |पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अमृता प्रीतम के द्वारा लिखी गई कहानी “एक रुमाल ,एक अंगूठी और एक छलनी”,जिसे आवाज दी है अनुर्वी मेहरा ने
सुमेश नंदा एक प्रख्यात चित्रकार है उसके चित्रों की चित्रकला प्रदर्शनी लगी हुई है लेखिका की आंखें दो विशेष चित्रों को बहुत गौर से देख रही है इन दोनों विशेष चित्रों में एक चित्र चाय बागान में चाय की पत्तियों का है और दूसरा एक खूबसूरत पहाड़ी लड़की के साथ एक जाम की तस्वीर | सुमेश नंदा के इन दोनों विशेष चित्रों के पीछे एक बेहद भावुक और उसके जिंदगी से जुड़ी कहानी है क्या है पहाड़ी लड़की की तस्वीर से सुमेश नंदा का कोई संबंध ? क्या है इसके पीछे की कहानी? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अमृता प्रीतम के द्वारा लिखी गई कहानी एक लड़की एक जाम अनुर्वी मेहरा के द्वारा
2 साल पहले की बात है आज करमांवाली, डोली वाली लड़की ,एक औरत बन चुकी है| शादी के बाद करमांवाली के जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ वह उसके चेहरे पर साफ -साफ झलक रहा है |आज जब लेखिका की पुनः करमांवाली से मुलाकात होती है तो लेखिका ने करमांवाली के संघर्ष को कहानी का रूप दिया है| करमांवाली के जीवन को अमृता प्रीतम ने किस तरीके से कहानी का रूप दिया है? जानने के लिए सुनते हैं अनुर्वी मेहरा की अवाज़ में कहानी करमांवाली…
दंगे में सिराजुद्दीन की पत्नी मर जाती है |मरते समय वह अपनी बेटी सकीना को दंगाइयों से दूर रखने के वास्ते सिराजुद्दीन से उसे लेकर भागने के लिए कहती है| सिराजुद्दीन उसे लेकर गाड़ी में बैठता है लेकिन वहां पर वह बेहोश हो जाता है जब उसे होश आता है तो उसे सकीना नजर नहीं आती| क्या हुआ सकीना का ? क्या सिराजुद्दीन अपनी बेटी सकीना को पुनः को ढूंढ पाएगा? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं सआदत हसन मंटो की लिखी कहानी ‘खोल दो ‘, अनुपम ध्यानी की आवाज में
कहते हैं “ अपनी धरती और जड़ों से जुड़कर ही मनुष्य अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है क्योंकि वे जड़े ही उसकी ज़िन्दगी को मज़बूती देती हैं जिनके सहारे वह आगे सदा आगे बढ़ता है और ज़िन्दगी को गहराई से समझता है “ सब उसे प्यार और दुलार से बाला पुकारते थे और बहुत कम उम्र में ही बाला ने इस बात को समझ कर जीवन में धारण कर लिया था इनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है , आइये जानते हैं इनके बारे में
22- 23 साल कीकी साल कीएकखूबसूरत युवती रेस्तरां में बैली डांसर है |उसकी विवशता ने उसे बेली डांसर बना दिया है किंतु अब यही डांस उसका जीवन है, उसकी रोजी -रोटी है|इसके चलते ही वह अपनी बीमार मां का इलाज करा रही है |बेहद मार्मिक ,संवेदना से भरपूर अंजना वर्मा जी के द्वारा लिखी गई कहानी बेली डांस ,सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज में…
एकता का पाठ घर से ही शुरू होता है तो विषम परिस्थितियों में कैसे परिवार अलग हो जाते हैं ये कविता बखूबी बता रही है।
रीना ने अभी तक शादी नहीं की है क्योंकि उसे अपने हिसाब से उपयुक्त जीवनसाथी नहीं मिल रहा है इसी बात को छेड़ते हुए उसकी मित्र अनुजा उसे कविता मैडम का उदाहरण देती है कविता मैडम ने काफी उम्र बढ़ने पर शादी की है कविता मैडम की जिंदगी में क्या-क्या उतार-चढ़ाव आए और उन्होंने इतनी बड़ी उम्र में विवाह क्यों किया पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं मालती जोशी की लिखी कहानी हादसे और हौसले शिवानी खरे की आवाज में .
Reviews for: karmawali part-2 (करमावली भाग 2)