नवीन का कंचन से प्रेम करना किंतु कह ना पाना इस कहानी को प्रेम के शिखर पर ले जाता है।
A kabuliwala, an merchant from Kabul used to sell the dry fruits in a village. He developed a fatherly relationship with a little girl and used to provide nuts and resins free of cost. That’s the way he was trying to remember his own little daughter. One day he went to jail for stabbing a villager. After returning from jail he figured out the fact that time flew by then and the little girl is not little anymore. He felt lost and depressed thinking that he will have the same experience with his own little daughter and it would be hard to connect with her following the same reason.
The story shows how the groom side of the family used to take upperhand in every area during a marriage settlement. Sometimes it goes to such extent as exploitation and mental torture.
One day lord Vishnu converted the most beautiful thing on earth, The Lotus into a beautiful lady so that he can talk to her, but the told him that though she has been converted to a lady her soul remains like a gentle flower and she feel scared from
बनवारी जो पत्नी से बेहद प्रेम करता है, अपने हालदार परिवार के के बड़े बेटे होने का फर्ज न निभाते हुए केवल उसकी खुशी के लिए ही सब करता है लेकिन परिस्थिति तब बदल जाती है जब उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी किरण की नज़र में उसका कोइ मोल नहीं और वह जी जान से अपने देवर के पुत्र हरिदास की देखभाल करते हुए कब उसकी पत्नी से ज्यादा हालदार परिवार की बड़ी बहू बन गई बनवारी को पता ही नहीं चला।
Awoman with great look, good taste was still not getting the attention from her husband. Each day the distance was impacting huge among their relationship that prompted the lady to leave her house.
सुधा अरोड़ा के द्वारा लिखी गई कहानी रहोगी तुम वही, में देखा जाए तो ऐसी वास्तविकता से परिचय कराया गया है जिसमें एक पति वास्तव में अपनी पत्नी से क्या चाहता है? एक पति अपनी पत्नी को किस रूप में देखना चाहता है? खुद पति को भी मालूम नहीं होता नहीं होता और और फिर भी वह अपनी और अपनी दुविधा का दोष भी वह सिर्फ पत्नी पर डालता है | जानते हैं कैसे ?इसी बात को बेहद रोचक ढंग से कहानी में प्रस्तुत किया गया है ,शिवानी आनंद की आवाज में..
यह कहानी जगन्नाथ नाम के एक बेहद कंजूस बूढ़े व्यक्ति की है जिसने थोड़ा सा धन बचाने के लिए अपनी बीवी और बहु का उचित इलाज नहीं करवाया, परिणाम स्वरूप उनकी मृत्यु के बाद उसका बेटा भी उसके पोते गोकुल को लेकर घर से पलायन कर जाता है। अपने कंजूस स्वभाव से ग्रस्त जगन्नाथ अपने पोते गोकुल की मृत्यु का कारण बनता है तथा पागल हो स्वयं भी प्राण त्याग देता है।
द्रौपदी स्वाभिमानिनी है। वह अपमान सहन नहीं कर सकती। वह अपना अपमान नारी जाति का अपमान समझती है। वह नारी के स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने वाली किसी भी बात को स्वीकार नहीं कर सकती। वह अन्यायी और अधर्मी पुरुषों से संघर्ष करने वाली है। जानते हैं कैसे ?द्वारिका प्रसाद महेश्वरी के द्वारा लिखी गई सत्य की जीत ( भाग – 2),नयनी दीक्षित की आवाज़ में
“सूरत को नहीं सीरत को तवज्जो देना सीखें तभी शायद आप असली खूबसूरती का मतलब समझ पाएंगे।
फणिभूषण और मणिमल्लिका के प्रेम, मिलन और विछोह की रहस्यमई कहानी।
जयशंकर प्रसाद की चूड़ी वाले की नायिका चूड़ीवाली की नायिका विलासिनी है जो गृहस्थ कुलवधू बनने का सपना पूरा करने के लिए बहुत अधीर है ,किंतु जब वह उपेक्षित होती है तो अपनी जीवनचर्या को दूसरों की सेवाभाव के लिए समर्पित कर देती है |जानिए कैसे ?निधि मिश्रा की आवाज में….
सुमेश नंदा एक प्रख्यात चित्रकार है उसके चित्रों की चित्रकला प्रदर्शनी लगी हुई है लेखिका की आंखें दो विशेष चित्रों को बहुत गौर से देख रही है इन दोनों विशेष चित्रों में एक चित्र चाय बागान में चाय की पत्तियों का है और दूसरा एक खूबसूरत पहाड़ी लड़की के साथ एक जाम की तस्वीर | सुमेश नंदा के इन दोनों विशेष चित्रों के पीछे एक बेहद भावुक और उसके जिंदगी से जुड़ी कहानी है क्या है पहाड़ी लड़की की तस्वीर से सुमेश नंदा का कोई संबंध ? क्या है इसके पीछे की कहानी? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अमृता प्रीतम के द्वारा लिखी गई कहानी एक लड़की एक जाम अनुर्वी मेहरा के द्वारा
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