पिंगमाल्य एक मूर्तिकार है सौन्दर्य की देवी अपरोदिता का वरदान उसे प्राप्त है-उसके हाथ में असुन्दर कुछ बन ही नहीं सकता। अपरोदिता का वरदान पिंगमाल्य को असमंजस की स्थिति में डाल देता है क्या था वह वरदान और आखिर पिंगमाल्य क्या निर्णय लेता है जानने के लिए सुनते हैं अज्ञेय की जी के द्वारा लिखी गई कहानी कलाकार की मुक्ति अमित तिवारी जी की आवाज में
हिंदुस्तान- पाकिस्तान बंटवारे में हुए दंगों के समय रफ़ीकुद्दीन और देविन्दरलाल मित्र होते हैं |देविन्दरलाल रफ़ीकुद्दीन के यहां शरण लेता है | देविन्दरलाल को जब यह लगता है कि उसकी वजह से रफ़ीकुद्दीन की जान खतरे में है तो है उसका घर छोड़ देता है और देविन्दरलाल अत्ताउल्लाह के अहाते में शरण लेता है | क्या वास्तव में यह शरणदाता उसके जीवन की रक्षा करता है क्या देविन्दरलाल जी का जीवन वहां वास्तव में सुरक्षित है पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं अज्ञेय द्वारा लिखी गई कहानी शरणदाता सुमन वैध्य की आवाज में
प्रभाकर और रजनी का विवाह हुए दो वर्ष से अधिक हो गया था। किन्तु विवाह-सुख किसे कहते हैं, यह उसे कभी नहीं ज्ञात हुआ। उसे तो अभी तक यही अनुभव होता रहा कि एक सिपाही का जीवन कितना कठोर हो सकता है।ऐसा इनकी जिंदगी में क्यों हो रहा है पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं भूपेश पांडे जी की आवाज में अज्ञेय की लिखी कहानी 1 घंटे में
हिंदू मुसलमानों में जब तनाव की स्थिति आई थी तो बदले की आड़ में इसका खामियाजा बड़ी संख्या में उनकी बहू बेटियों को करना पड़ा यह कहानी एक ऐसे सिख शरणार्थी की है जो ट्रेन में बैठी एक मुस्लिम युवती का संरक्षण करता है
लेखक और उसकी पत्नी के बीच उनकी नीरस भरी जिंदगी को लेकर तनाव होता है| लेखक इस घटना से अपने आप को तुलसीदास के चरित्र से जोड़कर देख कर रहे हैं |
हेमंत और सुधा 3 वर्ष के वैवाहिक जिंदगी के बाद एक दूसरे से अलग होने का निर्णय ले रहे हैं| उनकी वैवाहिक जिंदगी में तलाक लेने की नौबत क्यों आ रही है ?यह निर्णय उनकी जिंदगी में क्या प्रभाव डालता है ? उनकी जिंदगी को समझने के लिए सुनते हैं अज्ञेय जी के द्वारा लिखी गई कहानी वे दूसरे ‘सुमन वैद्य जी की आवाज में…
उस लड़के ने फिर से अपनी बात दोहराई. बच्ची ने कहा–नहीं, मुझे नहीं चाहिए और उसने अपनी झोली में से बेर उठाकर उसकी टोपी काटी. वह लड़का थोड़ी देर असमंजस में खड़ा रहा। फिर उसने कहा–अच्छा, ये तेरे इयररिंग मुझे बहुत अच्छे लगे… मैं ले लूँ!कहानी ने एक साथ 8 साल की छोटी बच्ची जिसे 26 साल का एक युवक बहला कर उसके कानों की बालियां ले लेता है कहानी बच्चे की मासूमियत को दर्शाते हुए एक ऐसा प्रसंग है जिसमें बच्चे 10 पैसे मिलने का लालच छोड़ कर अपनी बालियां युवक को दे देती है इस घटना का उसके बड़े होने तक उस पर क्या प्रभाव पड़ता है जाने के लिए सुनते हैं कहानी इयररिंग्स
आप खुद सोचिये कि अगर सरकार के विचार में हिन्दी कहीं पर रुकी पड़ी है तो उसे आगे बढ़ाने की ही बात होगी न। इस देश में किसी को आगे बढ़ाने की बात सरकार ही तो करती है? हिन्दी के मामले में तो सरकार केवल बात ही नहीं कर रही बल्कि अगर ध्यान दें तो सरकार ने इन साठ सालों में हिन्दी को धक्के लगा-लगा कर इंच-इंच आगे बढ़ाने की कोशिश में क्या-क्या नहीं किया।हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है किंतु आधुनिक समय में हिंदी के प्रयोग के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित करने की जरूरत पड़ रही है इसी बात पर व्यंग करते हुए कमलेश पांडे जी की कहानी प्रोत्साहित होती हिंदी अमित तिवारी जी की आवाज में
मिताली और प्रियंका अपने कैंपस के दिनों में एक ही लड़के परितोष से प्रेम करती हैं किंतु परितोष दोनों के ही प्रेम को अस्वीकार कर देता है आज 40 के उम्र के पड़ाव पर भी अपने कैंपस लव को भूल नहीं पा रही है पूरी कहानी को जानने के लिए सुनते हैं आकांक्षा पारे की लिखी कहानी कैंपस लव अमित तिवारी जी की आवाज में
अमेरिका मुझे क्यों पसंद नहीं है एक व्यंग कहानी है जिसमें भारतीय प्रजातंत्र में मिली स्वतंत्रता का अभाव अमेरिका जैसे देश में देखा जा सकता है कहानी में लेखक ने कई ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किए हैं जो भारतीय परिवेश से बिल्कुल भिन्न है जानने के लिए सुनते हैं Hari जोशी का व्यंग अमित तिवारी जी की आवाज में
चिरौटे ने गहरी साँस भरी। चिरैया को देखा और तनकर बोला – मैं अब इसी घर में घोंसला बनाऊँगा, देखता हूँ कब तक नोंचता है यह जल्लाद बात-बात पर गुस्सा करने वाले एक व्यक्ति के घर में चिरौटा और चिरैया घोंसला बनाते हैं आदमी और चिरोटे के बीच इस प्रकार एक जंग छिड़ जाती है हरि भटनागर के द्वारा लिखी गई कहानी जंग में इसका वर्णन सुनते हैं
कहानी में सुमित एक अपने कॉलेज की ही मुस्लिम लड़की सिदरा से अपने प्यार का दावा करता है हिज़ाब से सिर्फ उसकी खूबसूरत आकर्षित कर देने वाली आंखों को देख कर | दूसरी ओर मुस्लिम कौम के ही एक दूसरे युवक जीशान भी सिदरा से अपने प्यार का दावा करता है किंतु सिदरा हिज़ाब हटाकर अपना से चेहरा दिखाती है तब क्या होता है? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं जुनैदद्वारा लिखी गई कहानी हिज़ाब ,अमित तिवारी की आवाज में
गैंडा- मोटी चमड़ी का , थोड़ा कुरूप सा दिखने वाला प्राणी। राज मेहरा, सुपर्णा की बचपन की सहेली थी और स्कूल कॉलेज की हर प्रतियोगिता में पूरे समय बराबर रहकर अन्त में बाज़ी मार ले जाती थी । जब काफ़ी समय बाद दोनो सहेलियाँ मिली तो अपने सुदर्शन फौजी पति के सामने राज के मोटे काले पति को देखकर सुपर्णा को ना जाने क्यों बहुत सन्तोष हुआ था। पर जब रूपसी वाचाल राज , सुपर्णा के घर रहने आयी और सहेली के पति को ही पुरस्कार की तरह जीत लिया, तब सुपर्णा ये विश्वासघात सहन ना कर पायीं. फिर सुपर्णा ने उस आघात को कैसे झेला? क्या एक पत्नी , सहेली के सामने एक बार फिर हार गयी या उसने एक ऐसा कदम उठाया जिसके बारे में राज ने कल्पना भी ना करी थी . जानिए शिवानी की इस कहानी “गैंडा “ में … ((सुनिए शिवानी जी की लेखनी का जादू इस कहानी गैंडा में , जहाँ एक सहेली और पत्नी के मनोभवों को बड़ी सुंदरता और सजीवता से प्रस्तुत किया गया है )
सुधा अरोड़ा की कहानियां आम लोगों के जीवन से कहीं ना कहीं जुड़ी हुई होती है |कहानी सत्ता संवाद में स्पष्ट रूप से इस बात की झलक मिलती है |कहानी में घर की सत्ता घर की महिला के पास है कहानी में घर की मुख्य कर्ताधर्ता महिला किस प्रकार का व्यवहार करती है? ऐसे में वह किस प्रकार घर में सभी से संवाद करती है?इसे बेहद रोचक ढंग से कहानी में प्रस्तुत किया गया है|
हीरा और मोती नाम के दो बैलों की कहानी है दोनों एक साथ रहते हैं और एक दूसरे के बहुत अच्छे मित्र हैं झूरी उनका मालिक है झूरी का साला इन दोनों बैलों को अपने साथ ले जाता है वहां जमकर काम करवाता है और खाने को कुछ भी नहीं देता है दोनों बैल वहां से भाग जाते हैं यहां से शुरू हो जाती है उनके संघर्ष की कहानी क्या फिर से अपने मालिक के पास पहुंच पाते हैं उनके साथ क्या होता है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद्र जी के द्वारा लिखी गई कहानी दो बैलों की कथा सुमन वैद्य जी की आवाज में
सयानी बुआ का नाम वास्तव में ही सयानी था या उनके सयानेपन को देखकर लोग उन्हें सयानी कहने लगे थे, । बचपन में ही वे समय की जितनी पाबंद थीं, अपना सामान संभालकर रखने में जितनी पटु थीं, और व्यवस्था की जितना कायल थीं, उसे देखकर चकित हो जाना पडता था| कहानी में सयानी बुआ के चरित्र को और अच्छे से समझने के लिए मनु भंडारी जी के द्वारा लिखी गई कहानी सयानी बुआ सुनते हैं माधवी शंकर जी की आवाज में
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