यह ऐसी महिला की कहानी है जिसे बारगेन करने में महारत हासिल है |छोटी सी छोटी वस्तु से लेकर बड़ी से बड़ी वस्तुओं पर बेहद कम दामों पर खरीद लेती है| इसमें महारत हासिल होने के कारण व्यापारियों में शोक की लहर क्यों बढ़ जाती है पल्लवी त्रिवेदी द्वारा लिखी गई इस रोचक कहानी को सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में
हे मूर्खो .. जिसको स्वच्छता रखनी होती है वह सरकार के आदेश का इंतज़ार नहीं करता ,जिसके यहाँ कॉकरोच पुश्तों से रहते आये हैं उसकी सात पीढ़ियों का भविष्य वैसे ही उज्जवल है और वैसे भी वे सरकारी कॉकरोच हैं इसलिए चिंता का त्यागकर आनंद मनाएं सरकारी ऑफिसों की खस्ता हालत ,सफाई के प्रति लापरवाही पर व्यंग किया गया है |पल्लवी त्रिवेदी द्वारा लिखी गई कहानी कॉकरोच और कॉकरोचनी अमित तिवारी जी की आवाज में
घासीराम एक सरकारी स्कूल के अध्यापक है उनके प्रत्येक दिन की दिनचर्या एक जैसी है ना ही बदलाव लाने की कोई इच्छा किंतु उन्हें उससे कोई तकलीफ नही सरकारी स्कूल तो उनके आराम करने का विशेष स्थान है जहां पढ़ाई कराने के अलावा सब कुछ करते हैं और घासीराम जी के अनोखे चरित्र और उनकी दिनचर्या और अध्ययन के नाम पर हो रहे सरकारी स्कूलों की स्थिति पर पल्लवी त्रिवेदी जी का व्यंग घासीराम मास्साब सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में
कमज़ोर और टूटन भरे हिस्से दिखाते हैं। उन पलों में यकायक सारे फासले ख़त्म हो जाते हैं, सारी दीवारें ढह जाती हैं। अगर ये क्षण न आयें तो सारी उम्र साथ गुज़ारने पर भी दो प्रेमी अजनबी ही बने रहते हैं। इन क्षणों से गुजरने के लिए थोड़ा सा साहस चाहिए होता है और बहुत बहुत सारा विश्वास। इन क्षणों से गुज़रना आग से गुज़रना है जिसके बाद या तो सब जलकर नष्ट हो जाता है या तपकर रिश्ता फौलाद सा मजबूत हो जाता है। एक प्रेमी युगल अपने बीते हुए दिनों में हुई गलतियों के बारे में एक दूसरे से कन्फेक्शन कर रहे हैं कहानी में जानते हैं कि उनके कन्फेशन से उनके आपसी संबंधों में क्या प्रभाव पड़ता है पल्लवी त्रिवेदी के द्वारा लिखी गई कहानी कन्फेशन, ये कैसे क्षण आते हैं प्रेमी प्रेमिका के जीवन में जब वे एक दूसरे को अपने निजी स्पेस में आमंत्रित कर अपने सबसे सीले, अमित तिवारी जी की आवाज
कहानी में मनसुख कवि बनना चाहता है किंतु कविता लिखने का उसे कोई अभ्यास नहीं है वह अपने गुरु से कविता लिखने के गुण सीखता है उसे भाव विहीन शब्दों से उसके द्वारा लिखी गई कविता को पुरस्कार भी प्राप्त हो जाता है इसी बात पर व्यंग करते हुए पल्लवी त्रिवेदी जी की एक कहानी मनसुख कवि कैसे बने अमित तिवारी जी की आवाज में
काकी कहा करती थीं कि लोग मर जाते हैं लेकिन वास्तव में वे मरते नहीं हैं। बस चोला बदल जाता है। तुम्हारे काका भी मरे नहीं हैं। यहां उनका समय पूरा हो गया था, दाना पानी उठ गया था, इसलिए चले गये। हमें भी साथ ही जाना था, लेकिन हमारा टिकट कहीं खो गया है। दूत लोग ढूंढ रहे होंगे। मिलेगा तैसे ही हमें भी जाना है। ये हां इंतजार कर रहे होंगे। तुम्हारे काका हमसे कहे थे कि हम चल रहे हैं तुम आना। एक वृद्धा है जिसे सब काफी कहते हैं अपने पति की मृत्यु के बाद उसका जीवन कैसा हो जाता है किस प्रकार अपने पति की यादों को सहेज कर रखना चाहती है कृष्णकांत जी के द्वारा लिखी गई कहानी काकी में सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज
यह लड़की अपने पिता की मूर्खता, दहेज बचाने के लालच की यातना में, अपने पति से प्यार की याचना में ऐसे रोए जा रही थी, निःशब्द गोया किसी छलनी से आटा गिरा जा रहा हो, झर-झर, झर-झर। उसे कोई राह नहीं मिल रही थी। जानते- बुझते एक पिता अपनी एक बेटी की शादी पहले से शादीशुदा व्यक्ति से करा देता है किंतु अब वह उससे तलाक भी दिलवाना चाहता है ,पर लड़की इस बात के लिए राजी नहीं होती |कहानी में दोनों पक्षों की जिरह को संवादित किया गया है | सारी परिस्थितियों को जानने और समझने के लिए सुनते हैं कहानी संगम के शहर की लड़की
लोग ना जाने क्या-क्या बातें करते हैं आलसी लोगों के लिए… किंतु गुलाब राय जी ने आलस्य को जीवन का एक अहम हिस्सा बताया है और ऐसे- ऐसे तर्क दिए हैं जो वाकई इस धारणा को गलत साबित कर देंगे जो आलस्य को बुरा मानते हैं ।जानना नहीं चाहेंगे वह कैसे? आलस्य पर व्यंग कसते हुए गुलाब राय जी ने आलस्य को अपनाने और उसकी उपयोगिता पर खूबसूरत ढंग से अपनी बात रखी है उनके इस वक्तव्य को सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज़ में..
ये केस सिर्फ जीत -हार का नही बल्कि उस सिस्टम को संतुलित और पवित्र करने का एक माध्यम एक आधार बनेगा जो बिक ही नही गया बल्कि सत्ता और पावर की दलाली का मुख्य केंद्र मुख्य शक्ति बन गया है” … कहानी में एक 30 साल की युवती शादीशुदा गरीब युवती सायरा बी जिसके साथ कुछ दरिंदों ने बलात्कार किया है | पैसे के अभाव के कारण कोई भी वकील उसका साथ नहीं दे रहा था | ऐसे में एक व्यक्ति न्याय दिलाने के लिए सामने आता है |कौन है वह व्यक्ति?? और क्या कारण था उसके पीछे?? और वह क्या न्याय दिला पाएगा?? जाने के लिए सुनते हैं कहानी ONE MEN JUSTICE
आसिफ़ अहमद की फ़र्श से अर्श तक की कहानी, बचपन से आर्थिक तंगी से गुज़रने वाले आसिफ़ अहमद का बड़ा बनने का जुनून ,उनका आत्मविश्वास और अपने सपनों की डोर को हमेशा थामें रखने का हुनर उन्हें एक मामूली से बिरयानी का ठेला लगाने वाले शख़्स से आज 70 करोड़ टर्न ओवर के मालिक होने की पहचान दिला रहा है। यह सब कैसे हुआ? आसिफ़ अहमद की आम आदमी से ख़ास आदमी बनने की क्या रही कहानी ?इसे जानते हैं अमित तिवारी के द्वारा
जीवन का रसायन कब और कैसे इतना कसैला हो गया जीवन के भौतिक शास्त्र में सारे द्रव्य एकत्र करते-करते शायद वह अपने अस्तित्व का द्रव्य ही गवां बैठी। धरा कैमेस्ट्री में एम.एससी. है | फिर भी घर में कितनी उपेक्षित है इसका धरा को एहसास हो रहा है | अब धरा अपने अस्तित्व के लिए क्या करती है जानते हैं ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी गई कहानी रसायन में
घबराहट में किसी ने गाड़ी का रेडियो चला दिया था। रेडियो में भी अब उतनी जिद नहीं बची थी शायद, नहीं तो रात के बारह बजे, भला कोई समय है राग यमन कल्याण बजाने का… स्वप्नमय बाबू कचहरी में कार्यरत हैं| उनका टाइपिंग में अनुभव कमाल का है| अब स्वप्नमय बाबू और रेडियो के बीच में क्या संबंध है इस पूरी कहानी को जानने के लिए सुनते हैं पंकज मित्र के द्वारा लिखी गई कहानी जिद्दी रेडियो अमित तिवारी जी की आवाज में
कावसजी जी और शापूरजी दोनों मित्र है| दोनों खूब कमाई करते हैं किंतु दोनों के जीवन में बहुत अंतर है जहां एक और कावसजी के जीवन में अशांति ,कटुता और निराशा है | वहां दूसरी ओर शाहपुर जी के जीवन में शांति ,सहृदयता है |क्या है वास्तविकता इन दोनों के जीवन में ?दोनों के जीवन में क्या कोई ऐसी घटना घटित होती है जो जीवन का श्राप बन जाती है ,बहुत कुछ है ,इस कहानी में जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद्र जी के द्वारा लिखी गई कहानी जीवन का श्राप, सुमन वैद्य की आवाज
दिल्ली शहर में रहने वाली एक युवती है मीनू | मीनू को अक्सर एक अनजान युवती बार बार मिलती है और किसी ना किसी बहाने उसकी मदद भी करती है |अचानक एक दूसरे शहर आगरा में मीनू की मुलाकात नमिता से होती है जो हूबहू वही अनजान युवती है ,किंतु नमिता इस बात से इंकार करती है कि मीनू और उसकी मुलाकात पहले कभी हुई है | क्या यह मीनू का भ्रम है या फिर इसके पीछे कोई कहानी |जानने के लिए सुनते हैं कहानी वह कौन थी
शीतला प्रसाद जी की सीमित आमदनी है| जैसे ही वह खाना खाने जा रहे होते हैं तभी उनके दरवाजे की घंटी बजती है |दामाद रामअवतार जी के आने की आशंका से जैसे- तैसे उनकी खातिरदारी की तैयारियां शुरू हो जाती है किंतु क्या वास्तव में वह मेहमान राम अवतार जी है या कोई और ?कामतानाथ के द्वारा लिखी गई इस रोचक कहानी को सुनते हैं पूजा श्रीवास्तव जी की आवाज
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