एक बार पाँचों पाण्डव आवश्यक कार्यवश बाहर गये हुए थे। आश्रम में केवल द्रौपदी, उसकी एक दासी और पुरोहित धौम्य ही थे। उसी समय सिन्धु देश का राजा जयद्रथ, जो विवाह की इच्छा से शाल्व देश जा रहा था, उधर से निकला। अचानक आश्रम के द्वार पर खड़ी द्रौपदी पर उसकी दृष्टि पड़ी और वह उस पर मुग्ध हो उठा। किन्तु कामान्ध जयद्रध ने बलपूर्वक द्रौपदी को खींचकर अपने रथ में बैठा लिया| भीम ने जयद्रथ की इस दुर्भावना का सबक किस प्रकार जयद्रथ को सिखलाया ?सुनते हैं महाभारत की कहानी भीम द्वारा जयद्रथ की दुर्गति, शिवानी आनंद की आवाज में…
शल्य पर्व में कर्ण की मृत्यु के पश्चात कृपाचार्य द्वारा सन्धि के लिए दुर्योधन को समझाना, सेनापति पद पर शल्य का अभिषेक, मद्रराज शल्य का अदभुत पराक्रम, युधिष्ठिर द्वारा शल्य और उनके भाई का वध, सहदेव द्वारा शकुनि का वध, बची हुई सेना के साथ दुर्योधन का पलायन, दुर्योधन का ह्रद में प्रवेश, व्याधों द्वारा जानकारी मिलने पर युधिष्ठिर का ह्रद पर जाना, युधिष्ठिर का दुर्योधन से संवाद, श्रीकृष्ण और बलराम का भी वहाँ पहुँचना, दुर्योधन के साथ भीम का वाग्युद्ध और गदा युद्ध और दुर्योधन का धराशायी होना, क्रुद्ध बलराम को श्री कृष्ण द्वारा समझाया जाना, दुर्योधन का विलाप और सेनापति पद पर अश्वत्थामा का अभिषेक आदि वर्णित है। महाभारत की कहानियों में से एक कहानी शल्य पर्व में. जिसे सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में…
महाभारत की कहानी में से एक कहानी “अश्वत्थामा की प्रतिज्ञा “ ,जिसमें अश्वत्थामा प्रतिज्ञा करते हैं कि जब तक वह धृष्टद्युम्न को नहीं मार लेंगे तब तक वह अपना कवच नहीं उतारेंगे | इस प्रसंग का पूरा वर्णन सुनते हैं, शिवानी आनंद की आवाज में |
काचू एक बेहद भला और ईमानदार व्यक्ति है। वो कभी किसी का बुरा या किसी के साथ गलत नही कर सकता, इसलिए अपनी टोपी चोर द्वारा ली जाने पर जब वह चुपके से उसे वापस ले लेता है तो अपराध बोध से ग्रसित हो खुद ही जेल चला जाता है और वहां इंस्पेक्टर से कहता है कि उसे सजा दी जाए।
राजा विराट के साले कीचक के वध हो जाने पर राजा सुशर्मा और कौरवों विराट नगर पर आक्रमण करने के उद्देश्य से विराटनगर पर आक्रमण कर दिया किंतु उसी समय चारों पांडव भाई सुशर्मा से युद्ध करने के लिए चले गए थे ऐसे में किस प्रकार राजकुमार उत्तर ने किसकी सहायता से कौरवों से युद्ध किया ?इसे जानने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी विराटनगर पर कौरवों का आक्रमण, शिवानी आनंद की आवाज में…
this story contains the description of a tarbooj (watermelon) and the whole world inside it.
द्यूत क्रीड़ा में युधिष्ठिर के द्वारा द्रौपदी को भी दाँव लगाने के पश्चात, हार जाने के पश्चात, दुर्योधन ने अपने अनुज भाई दुशासन से से भरी सभा में द्रोपदी का चीर हरण करने का आदेश दिया |इसके उपरांत क्या हुआ?इस कथा को जानने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी द्रौपदी चीर हरण ,शिवानी आनंद की आवाज में…
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