कहानी में एक पंडित -पंडिताइन एक मुस्लिम बस्ती में किराए के घर के लिए आते हैं |जब मुसलमान मकान मालिक उनसे हिंदू होने पर भी मुस्लिम घर में रहने की बात को पूछता है तो पंडित जी अपनी पोती के संदर्भ में कहते हैं कि उसका कॉलेज इस बस्ती से पास है और उसे दमा है| किंतु क्या है पूरी सच्चाई ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं जुनैद की लिखी कहानी भगवा फरिश्ते ,अमित तिवारी की आवाज में
“प्रेम सिर्फ प्रेम होता है, ना यह गांव देखता है… ना शहर ..और ना सरहदें ….”” एक ऐसी प्रेम कहानी जिसमें एक ग्रामीण युवक कार्तिक , एक युवती अवनी अवनी से बाल्यकाल से बेतहाशा प्रेम करता है किंतु अवनी उसका उपहास करती है | क्या होता है उस उपहास के कारण युवक कार्तिक के साथ ?? जानते हैं कहानी आई हेट यू में…..
कहानी में सुमित एक अपने कॉलेज की ही मुस्लिम लड़की सिदरा से अपने प्यार का दावा करता है हिज़ाब से सिर्फ उसकी खूबसूरत आकर्षित कर देने वाली आंखों को देख कर | दूसरी ओर मुस्लिम कौम के ही एक दूसरे युवक जीशान भी सिदरा से अपने प्यार का दावा करता है किंतु सिदरा हिज़ाब हटाकर अपना से चेहरा दिखाती है तब क्या होता है? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं जुनैदद्वारा लिखी गई कहानी हिज़ाब ,अमित तिवारी की आवाज में
बुराई और अपराध के दलदल में एक बार इंसान धसता है ,तो फिर लाख कोशिशों के बावजूद वह निकल नहीं पाता | सत्ता की चकाचौंध में इंसान अपना जमीर अपना सब कुछ गवा देता है | ऐसी कहानी है एक युवा लड़के अभिनव सिंह की क्या होता है उसके साथ ?जानते हैं कहानी “गिरता सूरज “ में ….
|
नेहा ओम बाबू और निरूपा की बेटी है ओम बाबू हद से ज्यादा अपनी बेटी नेहा से प्रेम करते हैं रघु नेहा को स्कूल के दिनों से प्रेम करता है नेहा की खातिर कुछ भी करने को हमेशा तैयार रहता है इधर नेहा की दोस्ती अर्जुन और फिर रघुवीर से हो जाती है परंतु अचानक से एक दिन कोई दोनों के सिर पर वार कर उन्हें घायल कर देता है नेहा को इस बात की शंका है कि यह काम रघु के द्वारा किया गया है क्या नेहा की शंका सत्य है या इसके पीछे कोई और कारण है प्रेम और सस्पेंस से भरी इस मनोरंज क जुनैद के द्वारा लिखी गई कहानी फितूर को सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज म
सर मुझे माफ़ कर दीजिए ..लेकिन मैं क्या करती …पापा को ब्लड कैंसर है …अगर तीन दिन के अंदर उनका ऑपरेशन नही हुआ तो पापा मर जायेंगे ….सर अपनी खुशी से नही …अपनी मजबूरी से मैं यहाँ हूँ ….मैं क्या करती ..ये सेठ मुझे एक रात के एक लाख रुपए दे रहा था अजय नाथ शास्त्री एक नास्तिक विचारधारा वाला थानेदार है उसके पड़ोस में रहने वाली पायल कान्हा की भक्त है अजय नाथ शास्त्री पायल से प्रेम करने लग जाता है किंतु एक प्रसंग के बाद जब उसे पायल की सच्चाई पता चलती है तो क्या होता है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में जुनैद की लिखी कहानी है थैंक्स कान्हा
डॉक्टर ब्रूस एक मनोवैज्ञानिक है | वह ऐसे लोगों पर अपना शोध कर रहे हैं ,जो अपने जीवन से निराश होकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं और पुनः जीवित हो जाते हैं |क्या रहा उनका अनुभव जानने के लिए सुनते हैं अमित जी की आवाज में, सुख की नींद
आज भी समाज में लड़के और लड़की की परवरिश में अंतर रखा जाता है| ऐसा ही एक परिवार है , भागवत परिवार |परिवार में उनकी बेटी मीनाक्षी और बेटा मंदार की परवरिश में अंतर रखा जाता है |बेटी मीनाक्षी इस बात से आहत होकर अपने परिवार को सबक देने के लिए क्या कदम उठाती है??, जानने के लिए सुनते हैं कहानी अमित तिवारी जी की आवाज में अशोक कुमार द्वारा लिखी गई कहानी who cares
शोध में पुरातत्व विभाग को एक सन 1950 ईस्वी की स्मारक मिलती है जिसमें खुदी हुई चार पंक्तियां होती है कवि का नाम गोवर्धन दास लिखा होता है पुरातत्व विभाग को गोवर्धन दास के बारे में पहले से कुछ भी ज्ञात नहीं होता है गोवर्धन दास कवि कैसे बना क्या उसका है उसका इतिहास और पुरातत्व विभाग में उनके विषय में क्या लिखा पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं हरिशंकर परसाई द्वारा लिखी गई कहानी सन् 1950 ईसवी
पूरी सत्कार कालोनी में मरघट जैसा सन्नाटा छाया था। आज खन्ना साहब के खाली प्लॉट पर किसी तरह का शोर नहीं था। कल तक तो इस प्लॉट पर हर समय कालोनी के बच्चों की धमाचौकड़ी मची रहती थी। बच्चों के मां-बाप लाख समझाते, डांटते-डपटते, यहां तक कि पीटते भी, पर बच्चे यहां आना न छोड़ते। किसी न किसी बहाने इस प्लॉट पर पहुंच जाते। वे प्रतिदिन इस प्लॉट पर इस तरह पहुंचते मानो उनके लिए यह मंदिर-मस्जिरद-गुरुद्वारा हो। बचपन कितना मासूम होता है इस संदर्भ में कहानी में दर्शाया गया है कि किस प्रकार कॉलोनी के छोटे-छोटे बच्चे अपनी कॉलोनी के पिल्लो पर अपनी जान रखते हैं छिड़कते हैं इसी मासूमियत को दर्शाती है कहानी बचपन
यूनुस खान एक क्रांतिकारी है जो लोग काफिर है उनके लिए उसके दिल में कोई हमदर्दी नहीं है लेकिन यूनुस खान को एक खून से लथपथ एक छोटी बच्ची जब दिखती है जो कि काफिर है उसका कठोर दिल भी पिघल जाता है और क्या रिश्ता है उस बच्ची और यूनुस खान के बीच में पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कृष्णा सोबती की लिखी कहानी मेरी मां कहां अमित तिवारी जी की आवाज
इस कहानी में एक पिता और बेटे के कहे अनकहे जज़्बातों को , उनके एहसासों को बड़ी सच्चाई और ख़ूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया है।
वसु के मन में आया, कह दे कि शुलभा जैसे लोग ही सावन के अँधे होते हैं; पर उसका मन राजी न हुआ। निष्कपट बच्चों के मन में दुर्भावना का बीज बोना उचित नहीं था। उन्होंने कहा – “बच्चों, गलत चीजों को देख कर भी जो नहीं देखता, वही सावन का अँधा होता है। कहानी में अलग- अलग वसु और शुलभा के चरित्र का विश्लेषण किया गया है | जहां एक ओर वसु निस्वार्थ भाव से अपने दिव्यांग दोस्तों के साथ समय बिताता है , वही दूसरी ओर शुलभा सिर्फ अपनी लोकप्रियता पाने के लिए समाज सेवा का दिखावा करती है | जानते हैं लोगों के अलग-अलग नजरिए को कहानी सावन का अँधा में
कहानी में एक युवती अपनी दोनों बेटियों के साथ अकेली है |ठंड की एक रात अचानक उसके यहां 60…65 साल का आदमी चादर लपेटे एक वृद्ध व्यक्ति आ जाता है ,जो अपने को उनका रिश्तेदार बतलाता है| अब युवती बेहद असमंजस की स्थिति में है, अतिथि को अपने घर आने दे अथवा नहीं| अब आगे क्या होता है जानने के लिए सुनते हैं सिनीवाली द्वारा लिखी गई कहानी अतिथि, निधि मिश्रा की आवाज में….
कैदी ~ मानसरोवर भाग-4127 आइवन मास्को के सम्पन्न और सम्भ्रान्त कुल का दीपक था। उसने विद्यालय में ऊँची शिक्षा पायी थी, खेल में अभ्यस्त था, निर्भीक था। उदार और सह्रदय था। दिल आईने की भाँति निर्मल, शील का पुतला, दुर्बलों की रक्षा के लिए जान पर खेलनेवाला, जिसकी हिम्मत संकट के सामने नंगी तलवार हो जाती । उसके साथ हेलेन नाम की एक युवती पढ़ती थी, जिस पर विद्यालय के सारे युवक प्राण देते थे। वह जितनी रूपवती थी, उतनी ही तेज थी, बड़ी कल्पनाशील; पर अपने मनोभावों को ताले में बन्द रखनेवाली। आइवन में क्या देखकर वह उसकी ओर आकर्षित हो गयी, यह कहना कठिन है। दोनों में लेशमात्रा भी सामंजस्य न था। आइवन सैर और शराब का प्रेमी था, हेलेन कविता एवं संगीत और नृत्य पर जान देती थी। विपरीत स्वाभाव होने के कारण भी होने के बावजूद दोनों में प्रेम विवाह हुआ |लेकिन क्या ऐसी परिस्थितियां घटी कि आज आइवन एक कैदी के रूप में है, और आज जब जो जेल से छूटा है तो उसके मन में क्या उथल-पुथल थल मच रही है ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी कैदी , सुमन की आवाज में
वकील बाबू की सबसे छोटी बेटी नेहा बेहद खूबसूरत है और संगीत में विशेष रूचि रखती है उसी बिल्डिंग में निश्चल एक बच्चे को संगीत सिखाने आता है दोनों की रुचियां मिलने के कारण उन दोनों में प्रेम हो जाता है वे दोनों विवाह करना चाहते हैं नेहा के पिता को यह रिश्ता स्वीकार नहीं होता नेहा और निश्चल आखिर क्या निर्णय लेते हैं उनके प्रेम का क्या नतीजा निकलता है पूरी कहानी जानने के लिए के लिए सुनते हैं संचिता सक्सेना द्वारा लिखी गई कहानी मासूम की प्रेम कहानी अमित तिवारी जी की आवाज में
Reviews for: Bhagwa Farishtey (भगवा फरिश्ते )