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Badlon ke ghere(बादलों के घेरे)- part-3
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    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही…
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    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही होता था, भागते हुए शहर में रहते हुए पहाड़ों की कल्पना मात्र से एक सपना सा हुआ क़ि चलो कुछ वक़्त फिर वही पुरानी यादों को सहला लिया जाए. कहानी ने बहुत कुछ याद दिला दिया, आज कंप्यूटर और मोबाइल की दुनियाँ में ज़ब ऐसी कुछ कहानियां सुनता हूँ तो बहुत सुकून महसूस होता है, ऐसी आकर्षक आवाज़ के साथ कहानी एक चलचित्र की भांति आँखों के सामने से गुज़र रही थी। धन्यवाद गाथा, धन्यवाद आरती जी 🙏
  • 10
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    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही…
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    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही होता था, भागते हुए शहर में रहते हुए पहाड़ों की कल्पना मात्र से एक सपना सा हुआ क़ि चलो कुछ वक़्त फिर वही पुरानी यादों को सहला लिया जाए. कहानी ने बहुत कुछ याद दिला दिया, आज कंप्यूटर और मोबाइल की दुनियाँ में ज़ब ऐसी कुछ कहानियां सुनता हूँ तो बहुत सुकून महसूस होता है, ऐसी आकर्षक आवाज़ के साथ कहानी एक चलचित्र की भांति आँखों के सामने से गुज़र रही थी। धन्यवाद गाथा, धन्यवाद आरती जी 🙏
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    rs6305344799
    शब्द कम पढ़ जाते हैँ इतनी अच्छी कहानी और आवाज़ की तारीफ में। बेहतरीन 👏👏👏
  • 10
    Nana Lal
    Very tragic end. I found tears in my eyes.
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Badlon ke ghere(बादलों के घेरे)- part-3

Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics

Release Date

24 April, 2021

Duration

22min 38sec

प्यार एक एहसास है। प्यार एक जुनून है। वह किसी दायरे में नहीं बाँधा जा सकता । वह कभी भी ,कहीं भी हो जाता है। फिर चाहे उसको मंजिल मिले या ना मिले। प्यार अधूरा रह जाए तो वह उम्र भर याद रहता है । सभी प्यार करने वालों को मंजिल मिले यह जरूरी तो नहीं । सच्चा प्यार तन से नहीं मन से होता है और मन ! वह तो चंचल होता है।

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    rs6305344799
    शब्द कम पढ़ जाते हैँ इतनी अच्छी कहानी और आवाज़ की तारीफ में। बेहतरीन 👏👏👏
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    Nana Lal
    Very tragic end. I found tears in my eyes.
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Badlon Ke Ghere ( बादलों के घेरे) – Part-1

Badlon Ke Ghere ( बादलों के घेरे) – Part-1

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Badlon Ke Ghere ( बादलों के घेरे) – Part-1

Release Date

24 April, 2021

Duration

26min 12sec

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Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics

प्यार एक एहसास है। प्यार एक जुनून है। वह किसी दायरे में नहीं बाँधा जा सकता । वह कभी भी ,कहीं भी हो जाता है। फिर चाहे उसको मंजिल मिले या ना मिले। प्यार अधूरा रह जाए तो वह उम्र भर याद रहता है । सभी प्यार करने वालों को मंजिल मिले यह जरूरी तो नहीं । सच्चा प्यार तन से नहीं मन से होता है और मन ! वह तो चंचल होता है।

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Release Date

24 April, 2021

Duration

29min 01sec

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Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics

प्यार एक एहसास है। प्यार एक जुनून है। वह किसी दायरे में नहीं बाँधा जा सकता । वह कभी भी ,कहीं भी हो जाता है। फिर चाहे उसको मंजिल मिले या ना मिले। प्यार अधूरा रह जाए तो वह उम्र भर याद रहता है । सभी प्यार करने वालों को मंजिल मिले यह जरूरी तो नहीं । सच्चा प्यार तन से नहीं मन से होता है और मन ! वह तो चंचल होता है।

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24 April, 2021

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Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

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  • Classics

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Release Date

24 April, 2021

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26min 12sec

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Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics

प्यार एक एहसास है। प्यार एक जुनून है। वह किसी दायरे में नहीं बाँधा जा सकता । वह कभी भी ,कहीं भी हो जाता है। फिर चाहे उसको मंजिल मिले या ना मिले। प्यार अधूरा रह जाए तो वह उम्र भर याद रहता है । सभी प्यार करने वालों को मंजिल मिले यह जरूरी तो नहीं । सच्चा प्यार तन से नहीं मन से होता है और मन ! वह तो चंचल होता है।

Ammaen (अम्माएँ )

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24 April, 2021

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Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics

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Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics
  • Social

लड़की देखने जाने के लिए उतावला परिवार होटल पहुँचता है। और वहाँ पर लड़की के पिता को स्वागत के लिए ना पाकर नाराज होता है । जब लड़की अपनी माँ के साथ आती है तो अफसर पुत्र के पिता उसकी लंबाई नापते हैं। और वास्तविक रंग देखने के लिए लड़की को मुँह धोने के लिए कहते हैं ।उसके बाद तो वहाँ का सारा माहौल बदल जाता है।

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Release Date

16 October, 2021

Duration

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Writer

  • Malti Joshi

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

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Eesa ke ghar insaan (ईसा के घर इंसान)

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2 July, 2020

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Writer

  • Mannu Bhandari

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

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कहानी की नायिका ने एक मिशनरी स्कूल मैं अध्यापन कार्य शुरू किया है| मिशनरी स्कूल के नियम बहुत ही कठिन है ,फादर नियमों को ना मानने वालों के साथ कड़ा रवैया अपनाते हैं किंतु कहानी के अंत में फादर स्वयं बीमार हो जाते हैं |फादर की बीमारी की क्या वजह है आखिर क्या हुआ था उनके साथ? मन्नू भंडारी की कहानी ईसा के घर इंसान सुनते हैं आरती श्रीवास्तव जी की आवाज में

Durmukh (दुर्मुख)

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Durmukh (दुर्मुख)

Release Date

18 January, 2021

Durmukh (दुर्मुख)

Writer

  • Mahadevi Verma

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Fiction

किसी सजातीय -विजातीय जीव से मेल ना रखने के कारण माली ने उस खरगोश का नाम लड़ाकू रखा। मेरी शिष्याओ ने उसके कट खन्ने स्वभाव के कारण उसे दुर्मुख पुकारना आरंभ किया , और मैंने दुर्वासा की संज्ञा से विभूषित किया । उसका मिलना भी एक दुर्योग ही कहा जाएगा । पड़ोस के दंपति ने खरगोश का एक जोड़ा पाल रखा था। एक रात मार्जारी ने दोनों खरगोश और उनके तीन बच्चों को क्षत-विक्षत कर डाला। केवल एक शशक- शिशु जीवित बचा, जिसे हमारा माली मेरे घर ले आया। मैं उसके अकेलेपन को दूर करने के लिए एक शशक- वधू खरीद लाई। किंतु दुर्मुख ने उसे स्वीकार नहीं किया , परंतु कुछ महीनों के अंतराल में उसकी कलहप्रियता में कुछ अंतर दिखाई पड़ा।

Gheesa (घीसा)

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Gheesa (घीसा)

9.5
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Gheesa (घीसा)

Release Date

22 January, 2021

Duration

33min 19sec

Gheesa (घीसा)

Writer

  • Mahadevi Verma

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics
  • Social

जिस अवकाश के समय को लोग आमोद प्रमोद के लिए सुरक्षित रखते हैं उसी को मैं इस खंडहर और उसके क्षत-विक्षत चरणों पर पछाड़े खाती हुई भागीरथी के तट पर सुख से काट देती हूँ। कब और कैसे मुझे उन बालकों को कुछ सिखाने का ध्यान आया मैं नहीं जानती। मेरे विद्यार्थी पीपल की छाया में मेरे चारों ओर एकत्र हो गए। वह गोधूलि मुझे अब तक ना भूली जब एक मलिन स्त्री ने मुझे कुछ शब्दों और कुछ संकेतों से कहा कि उसके अकेले लड़के को भी और बच्चों के साथ बैठने दिया करूँ। तो यह कुछ तो सीख सकें । वह घीसा था जिसकी सचेत आँखों में ना जाने कौन सी जिज्ञासा भरी थी । जब उन लोगों को मुझे छोड़ जाना था तब मेरा मन बहुत ही अधीर हो उठा। मैं घीसा को ढूँढ रही थी । हार कर मैं चली किंतु अंधेरे में एक काला धब्बा आता दिखा। वह घीसा था। उसके दोनों हाथों में एक बड़ा तरबूज था ।घीसा के पास न पैसा था ना खेत। तब क्या वह इसे चुरा लाया है? मन का संदेह बाहर आया। तब पता चला कि घीसा आज नया कुर्ता दे आया और उसके बदले में मेरे लिए तरबूज लाया है। किंतु चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि गर्मी में वह कुर्ता पहनता ही नहीं।

Abhineta (अभिनेता)

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Abhineta (अभिनेता)

Release Date

1 October, 2020

Duration

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Abhineta (अभिनेता)

Writer

  • Mannu Bhandari

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Love aur romance
  • Popular Love Stories

सौंदर्य की देवी और प्रसिद्ध रंजना को पहली बार किसी ने अनदेखा किया था। वह बर्दाश्त नहीं कर पाई ,लेकिन इसी अदा ने उसे दिलीप की ओर आकर्षित किया । वह एक- दूसरे को बेपनाह चाहने लगे और सुनहरे भविष्य के सपने संजोने लगे । दिलीप काम के सिलसिले में 15 दिन के लिए देहरादून गया और फिर उसका कोई खत ना आया। रंजना परेशान होकर उसके घर गई तो उसके ड्रावर में रेखा नाम की लड़की के प्रेम पत्र हाथ लगे। वह सन्न रह गई। फिर एक पत्र मिला जो दिलीप के पिताजी का था। जिसमें उन्होंने दिलीप की पत्नी और एक बच्ची का जिक्र किया था। यह खत देखकर रंजना को गहरा धक्का लगा। और वह फूट-फूट कर रोने लगी।

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24 April, 2021

Duration

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Writer

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Narrator

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  • Classics
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Writer

  • Mohan Rakesh

Narrator

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Writer

  • Arvind saxena

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  • Priya bhatia

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कादम्बिनी में प्राण तब वापस आए जब उसे जलाने के लिए शमशान में रखकर, लोग लकड़ी लेने चले गए। अपने आस पास किसी को ना पाकर कादंबनी को लगा कि वह मर चुकी है और जीवन तथा मृत्यु के बीच लटक रही है, उसकी इसी जीवन और मृत्यु के बीच की यात्रा की कहानी।

Viram ( विराम)

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Viram ( विराम)

Viram ( विराम)

10
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Viram ( विराम)

Duration

10min 09s

Viram ( विराम)

Writer

  • Jaishankar Prasad

Narrator

  • Nidhi Mishra

Genre

  • Classics
  • Fiction
  • Social
  • Stories(Kahani)
  • Teen and Young Adult

एक निम्न जाति की वृद्धा मंदिर के पास बैठी है |वह 3 दिन से भूखी है तभी उसका बेटा राधे शराब के मद में चूर होकर उसके पास आता है और मंदिर में अछूतों के साथ दर्शन करने की जिद करने लगता है| किंतु मंदिर के अपवित्र होने के डर से मंदिर के महाराज उसे इस बात की चेतावनी देता है राधे की जिद्द का क्या नतीजा निकलता है क्या उसे मंदिर में दर्शन मिल पाते हैं क्या होता है राधे के साथ ?पूरी कहानी सुनने के लिए जानते हैं जयशंकर प्रसाद के द्वारा लिखी गई कहानी विराम चिन्ह निधि मिश्रा की आवाज में

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Reviews for: Badlon ke ghere(बादलों के घेरे)- part-3

Average Rating
10
  • 10
    rs6305344799
    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही…
    Read more
    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही होता था, भागते हुए शहर में रहते हुए पहाड़ों की कल्पना मात्र से एक सपना सा हुआ क़ि चलो कुछ वक़्त फिर वही पुरानी यादों को सहला लिया जाए. कहानी ने बहुत कुछ याद दिला दिया, आज कंप्यूटर और मोबाइल की दुनियाँ में ज़ब ऐसी कुछ कहानियां सुनता हूँ तो बहुत सुकून महसूस होता है, ऐसी आकर्षक आवाज़ के साथ कहानी एक चलचित्र की भांति आँखों के सामने से गुज़र रही थी। धन्यवाद गाथा, धन्यवाद आरती जी 🙏
  • 10
    rs6305344799
    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही…
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    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही होता था, भागते हुए शहर में रहते हुए पहाड़ों की कल्पना मात्र से एक सपना सा हुआ क़ि चलो कुछ वक़्त फिर वही पुरानी यादों को सहला लिया जाए. कहानी ने बहुत कुछ याद दिला दिया, आज कंप्यूटर और मोबाइल की दुनियाँ में ज़ब ऐसी कुछ कहानियां सुनता हूँ तो बहुत सुकून महसूस होता है, ऐसी आकर्षक आवाज़ के साथ कहानी एक चलचित्र की भांति आँखों के सामने से गुज़र रही थी। धन्यवाद गाथा, धन्यवाद आरती जी 🙏
  • 10
    rs6305344799
    शब्द कम पढ़ जाते हैँ इतनी अच्छी कहानी और आवाज़ की तारीफ में। बेहतरीन 👏👏👏
  • 10
    Nana Lal
    Very tragic end. I found tears in my eyes.
  • 10
    Nana Lal
    Very tragic end. I found tears in my eyes.

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