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Badlon ke ghere(बादलों के घेरे)- part-3
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    rs6305344799
    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही…
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    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही होता था, भागते हुए शहर में रहते हुए पहाड़ों की कल्पना मात्र से एक सपना सा हुआ क़ि चलो कुछ वक़्त फिर वही पुरानी यादों को सहला लिया जाए. कहानी ने बहुत कुछ याद दिला दिया, आज कंप्यूटर और मोबाइल की दुनियाँ में ज़ब ऐसी कुछ कहानियां सुनता हूँ तो बहुत सुकून महसूस होता है, ऐसी आकर्षक आवाज़ के साथ कहानी एक चलचित्र की भांति आँखों के सामने से गुज़र रही थी। धन्यवाद गाथा, धन्यवाद आरती जी 🙏
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    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही होता था, भागते हुए शहर में रहते हुए पहाड़ों की कल्पना मात्र से एक सपना सा हुआ क़ि चलो कुछ वक़्त फिर वही पुरानी यादों को सहला लिया जाए. कहानी ने बहुत कुछ याद दिला दिया, आज कंप्यूटर और मोबाइल की दुनियाँ में ज़ब ऐसी कुछ कहानियां सुनता हूँ तो बहुत सुकून महसूस होता है, ऐसी आकर्षक आवाज़ के साथ कहानी एक चलचित्र की भांति आँखों के सामने से गुज़र रही थी। धन्यवाद गाथा, धन्यवाद आरती जी 🙏
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    शब्द कम पढ़ जाते हैँ इतनी अच्छी कहानी और आवाज़ की तारीफ में। बेहतरीन 👏👏👏
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    Nana Lal
    Very tragic end. I found tears in my eyes.
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Badlon ke ghere(बादलों के घेरे)- part-3

Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics

Release Date

24 April, 2021

Duration

22min 38sec

प्यार एक एहसास है। प्यार एक जुनून है। वह किसी दायरे में नहीं बाँधा जा सकता । वह कभी भी ,कहीं भी हो जाता है। फिर चाहे उसको मंजिल मिले या ना मिले। प्यार अधूरा रह जाए तो वह उम्र भर याद रहता है । सभी प्यार करने वालों को मंजिल मिले यह जरूरी तो नहीं । सच्चा प्यार तन से नहीं मन से होता है और मन ! वह तो चंचल होता है।

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  • 10
    rs6305344799
    शब्द कम पढ़ जाते हैँ इतनी अच्छी कहानी और आवाज़ की तारीफ में। बेहतरीन 👏👏👏
  • 10
    Nana Lal
    Very tragic end. I found tears in my eyes.
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Badlon ke ghere (बादलों के घेरे) – Part-2

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Badlon ke ghere (बादलों के घेरे) – Part-2

Badlon ke ghere (बादलों के घेरे) – Part-2

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Badlon ke ghere (बादलों के घेरे) – Part-2

Release Date

24 April, 2021

Duration

29min 01sec

Badlon ke ghere (बादलों के घेरे) – Part-2

Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics

प्यार एक एहसास है। प्यार एक जुनून है। वह किसी दायरे में नहीं बाँधा जा सकता । वह कभी भी ,कहीं भी हो जाता है। फिर चाहे उसको मंजिल मिले या ना मिले। प्यार अधूरा रह जाए तो वह उम्र भर याद रहता है । सभी प्यार करने वालों को मंजिल मिले यह जरूरी तो नहीं । सच्चा प्यार तन से नहीं मन से होता है और मन ! वह तो चंचल होता है।

Badlon Ke Ghere ( बादलों के घेरे) – Part-1

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Badlon Ke Ghere ( बादलों के घेरे) – Part-1

Badlon Ke Ghere ( बादलों के घेरे) – Part-1

9.5
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Badlon Ke Ghere ( बादलों के घेरे) – Part-1

Release Date

24 April, 2021

Duration

26min 12sec

Badlon Ke Ghere ( बादलों के घेरे) – Part-1

Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics

प्यार एक एहसास है। प्यार एक जुनून है। वह किसी दायरे में नहीं बाँधा जा सकता । वह कभी भी ,कहीं भी हो जाता है। फिर चाहे उसको मंजिल मिले या ना मिले। प्यार अधूरा रह जाए तो वह उम्र भर याद रहता है । सभी प्यार करने वालों को मंजिल मिले यह जरूरी तो नहीं । सच्चा प्यार तन से नहीं मन से होता है और मन ! वह तो चंचल होता है।

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Choohedaani (चूहेदानी) – Part-1

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Choohedaani (चूहेदानी) – Part-1

Release Date

24 April, 2021

Duration

30min 19sec

Choohedaani (चूहेदानी) – Part-1

Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics
  • Social

एक आम लड़की की तरह सुमिता ने भी शादी के सुनहरे सपने देखे थे। सोम के रुप में जीवनसाथी को पाकर सुमिता जैसे खुशी से पागल सी हो गई थी। लेकिन उसका यह भ्रम बहुत जल्दी टूट गया। शादी के तीन दिन बाद ही उसे सोम की बीमारी का पता चला । उसे लगा कि जैसे वह ठगी गई है। तब, उसने एक अहम फैसला लिया।

Napani (नपनी) Part-2

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Napani (नपनी) Part-2

Napani (नपनी) Part-2

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Napani (नपनी) Part-2

Release Date

24 April, 2021

Duration

16min 58sec

Napani (नपनी) Part-2

Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics
  • Social

लड़की देखने जाने के लिए उतावला परिवार होटल पहुँचता है। और वहाँ पर लड़की के पिता को स्वागत के लिए ना पाकर नाराज होता है । जब लड़की अपनी माँ के साथ आती है तो अफसर पुत्र के पिता उसकी लंबाई नापते हैं। और वास्तविक रंग देखने के लिए लड़की को मुँह धोने के लिए कहते हैं ।उसके बाद तो वहाँ का सारा माहौल बदल जाता है।

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24 April, 2021

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Napani (नपनी) – Part-1

Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics
  • Social

लड़की देखने जाने के लिए उतावला परिवार होटल पहुँचता है। और वहाँ पर लड़की के पिता को स्वागत के लिए ना पाकर नाराज होता है । जब लड़की अपनी माँ के साथ आती है तो अफसर पुत्र के पिता उसकी लंबाई नापते हैं। और वास्तविक रंग देखने के लिए लड़की को मुँह धोने के लिए कहते हैं ।उसके बाद तो वहाँ का सारा माहौल बदल जाता है।

Reech (रीछ) – Part-2

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Reech (रीछ) – Part-2

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Release Date

8 June, 2021

Duration

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Reech (रीछ) – Part-2

Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Majeed

Genre

  • Classics

ये कहानी है एक ऐसे इंसान की जो एक जानवर को पाल के रखता है , और समय के साथ वो जानवर बड़ा होता जाता है , उस इंसान के घर में उसकी बीवी भी बहुत कलेश करती है क्युकी उसकी अपने पति से कुछ उमीदें और कुछ शक हैं जिनको वो अधूरा पति है , दूसरी और वो जानवर समय के साथ बड़ा होता जाता है , और वो उस इंसान को खाना चाहता है , फिर एक वक्त ऐसा आता है की उस जानवर जिसे कैद किया गया था इंसान में लड़ाई होती है ,,, कौन था वो जानवर ? और क्या हुआ इस लड़ाई में ? जानने के लिए सुनिए ये कहानी

Reechh (रीछ) – Part-1

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Reechh (रीछ) – Part-1

Reechh (रीछ) – Part-1

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×
Reechh (रीछ) – Part-1

Release Date

8 June, 2021

Duration

20min 51sec

Reechh (रीछ) – Part-1

Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Majeed

Genre

  • Classics

ये कहानी है एक ऐसे इंसान की जो एक जानवर को पाल के रखता है , और समय के साथ वो जानवर बड़ा होता जाता है , उस इंसान के घर में उसकी बीवी भी बहुत कलेश करती है क्युकी उसकी अपने पति से कुछ उमीदें और कुछ शक हैं जिनको वो अधूरा पति है , दूसरी और वो जानवर समय के साथ बड़ा होता जाता है , और वो उस इंसान को खाना चाहता है , फिर एक वक्त ऐसा आता है की उस जानवर जिसे कैद किया गया था इंसान में लड़ाई होती है ,,, कौन था वो जानवर ? और क्या हुआ इस लड़ाई में ? जानने के लिए सुनिए ये कहानी

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Jwalamukhi (ज्वालामुखी)

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Jwalamukhi (ज्वालामुखी)

Release Date

26 September, 2020

Duration

35min 04sec

Jwalamukhi (ज्वालामुखी)

Writer

  • Premchand

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Mysteries and Thrillers

मैं नौकरी की तलाश में था, कि मुझे एक विज्ञापन दिखा’ प्राइवेट सेक्रेट्री’ चाहिए। तुरंत हाँ का तार भेज दिया। वहां पहुँचकर, जब मैं अपने मालिक से मिलने गया, तो मेरे आश्चर्य की सीमा न रही। मेरा मालिक ,एक अति रूपवान ,ज्वाला सी दीप्तिमान रमणी थी। मुझे वहा

पद्मश्री शीला झुनझुनवाला: पत्रकारिता का जीवित इतिहास!

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पद्मश्री शीला झुनझुनवाला: पत्रकारिता का जीवित इतिहास!

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पद्मश्री शीला झुनझुनवाला: पत्रकारिता का जीवित इतिहास!

Release Date

11 October, 2024

Duration

11min 43sec

पद्मश्री शीला झुनझुनवाला: पत्रकारिता का जीवित इतिहास!

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Arti Srivastava

“वरिष्ठ पत्रकार, फिल्म समीक्षक, और पद्मश्री सम्मानित शीला झुंझुनवाला ने 97 वर्ष की आयु में भी लेखन और समाजसेवा में अपनी सक्रियता को बनाए रखा है। उनका नया उपन्यास “”पतझड़ में वसंत”” वृद्ध व्यक्तियों की त्रासदी को बखूबी प्रस्तुत करता है।

उनकी पूरी कहानी जानने के लिए Gaatha ऐप पर क्लिक करें। अगर आपने अभी तक Gaatha डाउनलोड नहीं किया है, तो आज ही अपने मोबाइल पर डाउनलोड करें और उनके प्रेरणादायक सफर को सुनें!”

Tedhi Lakeer (टेढ़ी लकीर)

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Tedhi Lakeer (टेढ़ी लकीर)

Tedhi Lakeer (टेढ़ी लकीर)

9.2
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Tedhi Lakeer (टेढ़ी लकीर)

Release Date

4 January, 2021

Duration

3min 48sec

Tedhi Lakeer (टेढ़ी लकीर)

Writer

  • Ismat Chugataee

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics

भरे पूरे परिवार में जन्मी शम्मन को उसके मामूली रंग रूप की वजह से कोई तवज्जो ना दी जाती। जिंदगी में दिल को चकनाचूर कर देने वाले कई हादसे भी पेश आए। एक स्कॉटिश फौजी से की गई बेमेल शादी भी न चली। वह शम्मन को छोड़कर विदेश चला गया। लेकिन कुछ ऐसा दे गया कि वह उसे भुला ना पाई।

Choohedani (चूहेदानी) Part-2

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Choohedani (चूहेदानी) Part-2

Choohedani (चूहेदानी) Part-2

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Choohedani (चूहेदानी) Part-2

Release Date

24 April, 2021

Duration

25min 27sec

Choohedani (चूहेदानी) Part-2

Writer

  • दूधनाथ सिंह

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Classics
  • Social

एक आम लड़की की तरह सुमिता ने भी शादी के सुनहरे सपने देखे थे। सोम के रुप में जीवनसाथी को पाकर सुमिता जैसे खुशी से पागल सी हो गई थी। लेकिन उसका यह भ्रम बहुत जल्दी टूट गया। शादी के तीन दिन बाद ही उसे सोम की बीमारी का पता चला । उसे लगा कि जैसे वह ठगी गई है। तब, उसने एक अहम फैसला लिया।

Durmukh (दुर्मुख)

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Durmukh (दुर्मुख)

Durmukh (दुर्मुख)

8.5
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Durmukh (दुर्मुख)

Release Date

18 January, 2021

Durmukh (दुर्मुख)

Writer

  • Mahadevi Verma

Narrator

  • Arti Srivastava

Genre

  • Fiction

किसी सजातीय -विजातीय जीव से मेल ना रखने के कारण माली ने उस खरगोश का नाम लड़ाकू रखा। मेरी शिष्याओ ने उसके कट खन्ने स्वभाव के कारण उसे दुर्मुख पुकारना आरंभ किया , और मैंने दुर्वासा की संज्ञा से विभूषित किया । उसका मिलना भी एक दुर्योग ही कहा जाएगा । पड़ोस के दंपति ने खरगोश का एक जोड़ा पाल रखा था। एक रात मार्जारी ने दोनों खरगोश और उनके तीन बच्चों को क्षत-विक्षत कर डाला। केवल एक शशक- शिशु जीवित बचा, जिसे हमारा माली मेरे घर ले आया। मैं उसके अकेलेपन को दूर करने के लिए एक शशक- वधू खरीद लाई। किंतु दुर्मुख ने उसे स्वीकार नहीं किया , परंतु कुछ महीनों के अंतराल में उसकी कलहप्रियता में कुछ अंतर दिखाई पड़ा।

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Nagar Katha ( नगरकथा )

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Nagar Katha ( नगरकथा )

Nagar Katha ( नगरकथा )

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Nagar Katha ( नगरकथा )

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Writer

  • Sudama Pandey Dhumil

Narrator

  • Pawan Mishra

Genre

  • Classics
  • Poetry(Kavita)
  • Social
Unko pranam (उनको प्रणाम)

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Unko pranam (उनको प्रणाम)

Unko pranam (उनको प्रणाम)

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Unko pranam (उनको प्रणाम)

Unko pranam (उनको प्रणाम)

Writer

  • Nagarjun

Narrator

  • Pawan Mishra

Genre

  • Classics
  • Poetry(Kavita)
  • Prerak Kavitayen
  • Social

नागार्जुन के काव्य संग्रह हजार- हजार पांव वाली से ली गई रचना उनको प्रणाम… कवि ने अपनी रचना के माध्यम से उन सभी को उन सभी को शत-शत नमन किया है जिनका किसी न किसी रूप में अपनी सेवाओं के द्वारा देश ,समाज आदि के लिए अतुलनीय योगदान रहा है |नागार्जुन के द्वारा लिखी गई इस खूबसूरत प्रेरक रचना को आवाज दी है डॉक्टर पवन मिश्रा

Sui aur taage ke beech mein (सुई और तागे के बीच में)

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Sui aur taage ke beech mein (सुई और तागे के बीच में)

Sui aur taage ke beech mein (सुई और तागे के बीच में)

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Sui aur taage ke beech mein (सुई और तागे के बीच में)

Sui aur taage ke beech mein (सुई और तागे के बीच में)

Writer

  • Kedarnath Singh

Narrator

  • Pawan Mishra

Genre

  • Classics
  • Poetry(Kavita)
  • Social
Karwa Ka Vrat ( करवा का व्रत)

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Karwa Ka Vrat ( करवा का व्रत)

Karwa Ka Vrat ( करवा का व्रत)

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Karwa Ka Vrat ( करवा का व्रत)

Release Date

14 June, 2021

Duration

19min 51sec

Karwa Ka Vrat ( करवा का व्रत)

Writer

  • Yashpal

Narrator

  • Nayani Dixit

Genre

  • Classics
  • Social

“यशपाल की कहानी करवा का व्रत समाज के उस कटु सत्य की ओर संकेत करती है, जहाँ पुरुषत्व के नाम पर स्त्रियों पर अत्याचार को गौरव समझा जाता है।

कहानी का मुख्य पात्र कन्हैयालाल, अपनी नई-नवेली दुल्हन लाजो से विवाह के शुरुआती दिनों में प्यार नहीं, बल्कि दोस्तों की बातों में आकर रूखाई और अत्याचार से व्यवहार करने लगता है। यहाँ तक कि करवा चौथ जैसे दिन, जब हर पत्नी अपने पति के लिए प्रेम और समर्पण का व्रत रखती है, उसी दिन कन्हैयालाल का लाजो के प्रति उपेक्षित और कठोर रवैया उसे गहरी पीड़ा देता है।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
👉 क्या लाजो इस अपमानजनक रिश्ते को छोड़ने का साहस जुटा पाती है?
👉 क्या कन्हैयालाल को अपने व्यवहार की गलती का एहसास होगा?
👉 या फिर यह दांपत्य उसी दर्द में डूबा रहेगा?

इन सवालों के जवाब छुपे हैं यशपाल के लेखन में, जहाँ स्त्री–पुरुष संबंधों का यथार्थ, समाज की मानसिकता और रिश्तों की जटिलता गहराई से उभरती है।

🎧 पूरी कहानी सुनिए – करवा का व्रत, यशपाल की लेखनी और नयनी दीक्षित की आवाज़ में, सिर्फ गाथा पर।

Haldar parivar part-3 (हलदार परिवार -भाग -3)

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Haldar parivar part-3 (हलदार परिवार -भाग -3)

Haldar parivar part-3 (हलदार परिवार -भाग -3)

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Haldar parivar part-3 (हलदार परिवार -भाग -3)

Release Date

1 May, 2021

Duration

29min 17sec

Haldar parivar part-3 (हलदार परिवार -भाग -3)

Writer

  • Rabindranath Thakur

Narrator

  • Shivani Anand

Genre

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बनवारी जो पत्नी से बेहद प्रेम करता है, अपने हालदार परिवार के के बड़े बेटे होने का फर्ज न निभाते हुए केवल उसकी खुशी के लिए ही सब करता है लेकिन परिस्थिति तब बदल जाती है जब उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी किरण की नज़र में उसका कोइ मोल नहीं और वह जी जान से अपने देवर के पुत्र हरिदास की देखभाल करते हुए कब उसकी पत्नी से ज्यादा हालदार परिवार की बड़ी बहू बन गई बनवारी को पता ही नहीं चला।

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Reviews for: Badlon ke ghere(बादलों के घेरे)- part-3

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10
  • 10
    rs6305344799
    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही…
    Read more
    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही होता था, भागते हुए शहर में रहते हुए पहाड़ों की कल्पना मात्र से एक सपना सा हुआ क़ि चलो कुछ वक़्त फिर वही पुरानी यादों को सहला लिया जाए. कहानी ने बहुत कुछ याद दिला दिया, आज कंप्यूटर और मोबाइल की दुनियाँ में ज़ब ऐसी कुछ कहानियां सुनता हूँ तो बहुत सुकून महसूस होता है, ऐसी आकर्षक आवाज़ के साथ कहानी एक चलचित्र की भांति आँखों के सामने से गुज़र रही थी। धन्यवाद गाथा, धन्यवाद आरती जी 🙏
  • 10
    rs6305344799
    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही…
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    मंन्नो, फुक्का, फुन्ना अब इस तरह के नाम सुनने में नहीं आते.. हमारी भी बुआ का नाम कुछ ऐसा ही होता था, भागते हुए शहर में रहते हुए पहाड़ों की कल्पना मात्र से एक सपना सा हुआ क़ि चलो कुछ वक़्त फिर वही पुरानी यादों को सहला लिया जाए. कहानी ने बहुत कुछ याद दिला दिया, आज कंप्यूटर और मोबाइल की दुनियाँ में ज़ब ऐसी कुछ कहानियां सुनता हूँ तो बहुत सुकून महसूस होता है, ऐसी आकर्षक आवाज़ के साथ कहानी एक चलचित्र की भांति आँखों के सामने से गुज़र रही थी। धन्यवाद गाथा, धन्यवाद आरती जी 🙏
  • 10
    rs6305344799
    शब्द कम पढ़ जाते हैँ इतनी अच्छी कहानी और आवाज़ की तारीफ में। बेहतरीन 👏👏👏
  • 10
    Nana Lal
    Very tragic end. I found tears in my eyes.
  • 10
    Nana Lal
    Very tragic end. I found tears in my eyes.

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