अनोखी यात्रा – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
कहानी अनोखी यात्रा में, प्यार की एक अनोखी यात्रा पर निकले जो दो लोग उस प्यार में, जिस तरह के बेलौस और बेसाख़्ता मोहब्बत है वह देखने को मिलेगी। प्यार को किसी भाषा, शब्द ,वाक्य किसी की जरूरत नहीं होती क्योंकि प्यार अपने आप में भाषा होता है। चाहे वह दो प्यार करने वाले उसे अनजान ही क्यों ना हो, बेपनाह मोहब्बत की ऐसी दास्तां सुनिए नयनी दीक्षित की आवाज़ में
कहानी में दो कबाड़ उठाने वाले दो दोस्त लिबॉयस और मेलचॉन,एक स्त्री से पांच ट्रेंट में 5 फ्रै़ंक मिनट में एक गधा खरीदते हैं और सिर्फ अपने आमोद -प्रमोद के लिए उस गधे को बड़ी क्रूरतासे उसका वध करते हैं लेकिन इसके बाद कहानी में बहुत मरे हुए गधे से क्या करते हैं? इसे जानने के लिए सुनते हैं गाय दी मोपासां की कहानी गधा ,नयनी दीक्षित की आवाज में …
परिवर्तन – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
एक जवान स्त्री पुरुष का संबंध क्या केवल स्त्री पुरुष के संबंध को ही दर्शाता है या फिर एक जवान स्त्री पुरुष जो लगभग एक ही उम्र के हैं वह अनजाने में मां -बेटे के संबंध में भी बदल सकते हैं। रेल यात्रा कहानी सोसाइटी के स्त्री -पुरुष के संबंध को देखने के नजरिये को चोट करती हुई कहानी है। guy de maupassant द्वारा लिखी कहानी रेल यात्रा में जानिए नयनी दीक्षित की आवाज़ में..
अकेलापन – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
19वीं शताब्दी के बेहद लोकप्रिय लेखक गाय दी मोपासा की कहानी अकेलापन जिसमें व्यक्ति के उस मेंटल डिसऑर्डर की बात की गई है जिसमें व्यक्ति अपने आपको बेहद अकेला महसूस करता है ।कहानी का नायक भी इसी प्रकार की समस्या से उलझ रहा है। कहानी का नायक अपनी शादी सिर्फ़ इस वज़ह से करना चाहता है क्योंकि वह मानसिक रूप से अपने अकेलेपन से बहुत उलझ चुका है जानिए पूरी कहानी अकेलापन नया नयनी दीक्षित की आवाज़ में…
चुडैल – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
एक अविवाहित स्त्री का मां बनना और बच्चा जन्म लेना, उसके चरित्र हीनता की निशानी है।इस कहानी की नायिका अविवाहित है और अपने जन्मे बच्चे के साथ जाने-अनजाने अत्याचार करती है। समाज़ में अपने जीवन-यापन के लिए वह किस तरीके से पाप के गर्त में गिरती चली जाती है और समाज़ उसे चुड़ैल का नाम देता है।एक पुरुष प्रधान समाज़ में ऐसी एक नारी की क्या स्थिति होती है इस पर समाज़ से प्रश्न करती हुई फ्रेंच लेखक Guy de Maupassant की कहानी चुड़ैल ,जिसे भाव प्रधान आवाज़ दी है नयनी दीक्षित ने…
ख़ूबसूरती – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
यह कहानी ऐसी औरत की है जो देखने में बड़ी बदसूरत हो चुकी है। लेकिन खूबसूरती किसे कहा जाता है ?क्या शरीर ,रंग- ढंग ,वजन, ऊंचाई ,बाल ,कपड़े और एक औरत का जिस्म़ खूबसूरती का मापदंड होता है। या एक करुणा से भरा दिल,किसी के प्रति निष्ठावान होना क्या वह खूबसूरती का मापदंड हो सकता है !वह कौन ।सी चीज है जो एक औरत के चरित्र को खूबसूरत बनाती है और एक पुरुष के चरित्र को भी। क्या करुणा, loyalty चरित्र ,अब क्या यह खूबसूरती के मापदंड नहीं रहे? इसी बात को चोट करती हुई कहानी है कि दोनो French लेखक guy de Maupassant के द्वारा लिखी गई कहानी खूबसूरती जिसे आवाज़ दी है नयनी दीक्षित ने…
पिछले भाग में बाबू बटुकनाथ ₹100000 से भी हाथ धो बैठते हैं और उनका बेटा भी उन्हें नहीं मिलता दूसरी तरफ और दूसरी तरफ नकुल चंद्र ने राय साहब बनने पर एक बहुत बड़ा जलसा आयोजित किया है क्या इस जश्न का फायदा उठाकर रक्त मंडल के लोग यहां पर धावा बोलेंगे क्या यहां भी वही कांड होगा जो इससे पहले बाबू बटुकनाथ के साथ हुआ था आगे क्या हुआ इसे जानने के लिए सुनते हैं कहानी रक्त मंडल का अगला भाग नयनी दीक्षित की आवाज में
शोलागढ़@34km – Kumar Rehman (कुमार रहमान) – Nayani Dixit
कहानी की शुरुआत में जिस शेयाली की मौत की तफ्तीश हो रही है क्या वह जिंदा है? सार्जेंट सलीम ऐसा क्यों कह रहा है कि उसकी शादी शेयाली से कराई जा रही है ?क्या सार्जेंट सलीम के साथ लापता श्रेया का कोई पता चल पाया ?गुफा का क्या रहस्य है? इंस्पेक्टर सोहराब को कौन सा कागज का टुकड़ा मिला था?क्या सार्जेंट सलीम गुफा से निकल सका? ऐसे बहुत से राज़ अभी खुलने बाकी है जिसे जानने के लिए सुनते हैं कहानी का अगला भाग।
स्मार्टफोन आपकी जिंदगी बदल सकता है इसी बात को बड़े हास्यास्पद तरीके से कहानी में उल्लेख किया गया है मिसेज शर्मा यूं तो एक साधारण सी महिला है किंतु जब से उनके हाथ में स्मार्ट फोन आया है उनका तो व्यक्तित्व ही बदल गया अब तो मिसेज शर्मा इस बात में पारंगत हो गई है कैसे दूसरों को बेवकूफ बनाकर अपना उल्लू सीधा किया जा सकता है क्या यह उनका माया ठगिनी का मंत्र आगे भी काम आएगा पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं दिलीप कुमार जी के द्वारा लिखी गई कहानी माया महा ठगिनी हम जानी नयनी दीक्षित की आवाज में …
हजूर नौकरी करता हूं, जान दे कर सरकार का नमक हलाल कर सकता हूँ पर ईमान नहीं बेच सकता,सरकार मालिक है। मैंने गद्दारी नहीं की, है………. नहीं की, लेकिन खुदा के रूबरू दरोगहलफी करके आकबत नहीं बिगाड़ सकता। यहाँ आप मालिक है, वहाँ वो मालिक है…। ऐसा कुछ कहानी का नायक उबेद कह रहा है | जो बचपन से बस यही सोचता था की मेहनत और सब्र का फल एक दिन मिलेगा ,खुदा सब कुछ देखता है किंतु क्या वाकई उसकी यह सोच सही साबित हुई? क्या वह अपने जीवन की कशमकश में कभी ऐसे मुकाम पर पहुंचा ,जहां उसे वाकई खुदा की मदद मिली हो| पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं यशपाल जी के द्वारा लिखी गई कहानी खुदा की मदद, नयनी दीक्षित की आवाज में…
ल्यूक और जीन दो नाटे कद के सैनिक हैं। दोनों एक दूसरे के अच्छे मित्र भी हैं ।प्रत्येक रविवार दोनों सैन्य निवास से निकलकर अपने एक प्रिय स्थान पर जाकर अपना समय बिताते जहां पर उनकी मुलाकात एक पर्शियन लड़की से होती है जो कि ग्वालिन है| धीरे-धीरे उनकी मुलाकाते बढ़ती है उसके बाद ल्यूक और जीन के जीवन में कुछ बदलाव आते हैं |कहानी में कुछ ऐसी घटना घटती है जो कहानी को एक अलग ही मोड़ दे देती है| उस लड़की से मिलने के बाद आखिर क्या हुआ ल्यूक और जीन के साथ? और अंत में कहानी किस मोड़ पर आकर रुकी इसे जानने के लिए सुनते हैं गाय दी मोपासां की कहानी दो छोटे सैनिक, नयनी दीक्षित की आवाज में…
कहानी में सास और बहू की बिल्कुल नहीं बनती है`| सास अपने बेटे से बहू की बुराई करती है| इधर बहू भी हमेशा अपनी सास से परेशान रहती है |बेटे ने इस समस्या को सुलझाने के लिए एक युक्ति निकाली और उस युक्ति के प्रभाव से सास- बहू में प्रेम रहने लगा| क्या थी बेटे की युक्ति जाने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी गृह नीति,सुमन वैद्य जी की आवाज में
झाबुआ से लौटते हुए इसलिए उदास हूँ कि अन्नास नदी सूख गई है और रंग-बिरंगे प्रिंट वाले कपड़े पहने मोटर साइकिल पर घूमते सीधे-सादे भील आज भी प्रकृति के इतने नज़दीक हैं कि उन्हें इस शोख नदी के मर जाने का शायद अहसास ही नहीं है।असीम राय और मदन झाबुआ नगर जा रहे हैं मदन जी का बचपन वहां गुजरा है अनास नदी को लेकर उनकी काफी यादें हैं अब दोबारा जब वहां पाते हैं तो क्या उन्हें pहले जैसा सब कुछ मिलता है जानने के लिए सुनते हैं कहानी हेमंत जोशी के द्वारा लिखी गई कहानी अनास नदी सूख गई अमित तिवारी जी की आवाज
प्यार में जुदाई के आलम को दशाया गया है इस कविता में
सर मुझे माफ़ कर दीजिए ..लेकिन मैं क्या करती …पापा को ब्लड कैंसर है …अगर तीन दिन के अंदर उनका ऑपरेशन नही हुआ तो पापा मर जायेंगे ….सर अपनी खुशी से नही …अपनी मजबूरी से मैं यहाँ हूँ ….मैं क्या करती ..ये सेठ मुझे एक रात के एक लाख रुपए दे रहा था अजय नाथ शास्त्री एक नास्तिक विचारधारा वाला थानेदार है उसके पड़ोस में रहने वाली पायल कान्हा की भक्त है अजय नाथ शास्त्री पायल से प्रेम करने लग जाता है किंतु एक प्रसंग के बाद जब उसे पायल की सच्चाई पता चलती है तो क्या होता है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में जुनैद की लिखी कहानी है थैंक्स कान्हा
मृत्यु जीवन का एकमात्र सत्य है| प्रसव के बाद निशिकांत की पत्नी रजनी मृत्यु और जीवन के बीच में संघर्ष करती हुई अस्पताल में भर्ती है| रजनी के जीवन की डोर किस बात से बंधी है और निशिकांत के कौन से झूठ का सहारा लेकर रजनी के जीवन की डोर को पकड़ने की चेष्टा कर रहा है?| भावुक कर देने वाली विष्णु प्रभाकर की कहानी कितना झूठ में जानने के लिए सुनते हैं नयनी दिक्षित की आवाज में
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