अनकही – आर्या झा – शेफ़ाली कपूर
कुछ बातें अनकही रह जाती है। सिर्फ़ मन ही उन बातों को समझता है और दिल तक दस्तक देता है। समय कब उन बातों को छोड़ आगे बढ़ता चला जाता है और रह जाता है कुछ सिमटे हुये लम्हे। कुछ प्रेम कहानियां बस यहीं तक सिमट कर रह जाती है। कहानी के नायक और नायिका एक दूसरे से प्रेम करते हैं पर कभी अपने प्यार का इज़हार एक -दूसरे के सामने नहीं कर पाये ।आज करीब 30 साल के बाद इन दोनों की मुलाकात फिर से हो रही है। क्या जो अनकही बातें थी इन दोनो के बीच वह इस मुलाकात में सामने आ पाएगी ?जानिए आर्या झा के द्वारा लिखी गई कहानी अनकही में।
अनकही – आर्या झा – शेफ़ाली कपूर
कुछ बातें अनकही रह जाती है। सिर्फ़ मन ही उन बातों को समझता है और दिल तक दस्तक देता है। समय कब उन बातों को छोड़ आगे बढ़ता चला जाता है और रह जाता है कुछ सिमटे हुये लम्हे। कुछ प्रेम कहानियां बस यहीं तक सिमट कर रह जाती है। कहानी के नायक और नायिका एक दूसरे से प्रेम करते हैं पर कभी अपने प्यार का इज़हार एक -दूसरे के सामने नहीं कर पाये ।आज करीब 30 साल के बाद इन दोनों की मुलाकात फिर से हो रही है। क्या जो अनकही बातें थी इन दोनो के बीच वह इस मुलाकात में सामने आ पाएगी ?जानिए आर्या झा के द्वारा लिखी गई कहानी अनकही में।
आध्यात्मिक प्रेम – आर्या झा – शेफ़ाली कपूर
रिया और आदित्य एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं ।आदित्य सिविल सर्विसेज की तैयारी भी कर रहा है ।आदित्य, रिया के सामने अपने प्यार का इज़हार करता है और रिया को जीवनसंगिनी बनाना चाहता है। रिया के मन में भी आदित्य के लिए प्रेम भाव है, किंतु रिया के पिता इस रिश्ते को मंजूरी देने के लिए आदित्य के सामने एक शर्त रखते हैं । क्या है वह शर्त? क्या आदित्य उस शर्त को पूरा कर पाएगा? क्या आदित्य और रिया शादी के बंधन में बंध पाएंगे ?क्या आदित्य के मन में रिया के प्रति वही प्रेम रह पाएगा? पूरी कहानी जानने के लिए सुनें आर्या झा के द्वारा लिखी गई कहानी आध्यात्मिक प्रेम।
वे तीन दिन – आर्या झा – शेफ़ाली कपूर
आदित्य एक सरकारी कर्मचारी है ।16 साल पुराना प्यार जब उसके सामने आ रहा है तो आदित्य के जीवन में मानो फिर से एक नया रंग भर रहा है। अपनी पुरानी प्रेमिका और पत्नी के बीच आदित्य के जीवन में यह आने वाले 3 दिन एक बहुत बड़ा बदलाव लेकर आ रहे हैं ।क्या आदित्य अपने पुराने प्रेम के खातिर अपनी पत्नी को त्याग देगा या फिर आदित्य को अपनी पत्नी की कदर पहले से अधिक महसूस होने लगेगी? आर्या झा के द्वारा लिखी गई कहानी वे तीन दिन में जानिए, शेफ़ाली कपूर की आवाज़ में…
आध्यात्मिक प्रेम – आर्या झा – शेफ़ाली कपूर
रिया और आदित्य एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं ।आदित्य सिविल सर्विसेज की तैयारी भी कर रहा है ।आदित्य, रिया के सामने अपने प्यार का इज़हार करता है और रिया को जीवनसंगिनी बनाना चाहता है। रिया के मन में भी आदित्य के लिए प्रेम भाव है, किंतु रिया के पिता इस रिश्ते को मंजूरी देने के लिए आदित्य के सामने एक शर्त रखते हैं । क्या है वह शर्त? क्या आदित्य उस शर्त को पूरा कर पाएगा? क्या आदित्य और रिया शादी के बंधन में बंध पाएंगे ?क्या आदित्य के मन में रिया के प्रति वही प्रेम रह पाएगा? पूरी कहानी जानने के लिए सुनें आर्या झा के द्वारा लिखी गई कहानी आध्यात्मिक प्रेम।
अनकही – आर्या झा – शेफ़ाली कपूर
कुछ बातें अनकही रह जाती है। सिर्फ़ मन ही उन बातों को समझता है और दिल तक दस्तक देता है। समय कब उन बातों को छोड़ आगे बढ़ता चला जाता है और रह जाता है कुछ सिमटे हुये लम्हे। कुछ प्रेम कहानियां बस यहीं तक सिमट कर रह जाती है। कहानी के नायक और नायिका एक दूसरे से प्रेम करते हैं पर कभी अपने प्यार का इज़हार एक -दूसरे के सामने नहीं कर पाये ।आज करीब 30 साल के बाद इन दोनों की मुलाकात फिर से हो रही है। क्या जो अनकही बातें थी इन दोनो के बीच वह इस मुलाकात में सामने आ पाएगी ?जानिए आर्या झा के द्वारा लिखी गई कहानी अनकही में।
बदला – आर्या झा – शेफ़ाली कपूर
कहानी में कॉलेज के दिनों में नायिका एक लड़के मयंक की दोस्ती के प्रस्ताव को अस्वीकार कर देती है। कई सालों के बाद उसी मंयक का मैसेज़ देख नायिका मयंक से बात करती है। लेकिन यह क्या नायिका को कुछ समय बाद ऐसा क्यों महसूस हो रहा है कि मंयक उससे उस बात का बदला ले रहा है जब उसने उसकी दोस्ती के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। क्या वाकई कुछ ऐसा ही है? जानिए आर्या झा के द्वारा लिखी गई कहानी बदला में, शेफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
भारत वर्ष को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए हर वर्ग के लोगों—बच्चे, बूढ़े और जवान—ने आजादी के संघर्ष में अपना अमूल्य योगदान दिया। इन महान स्वतंत्रता सेनानियों ने जेल की यातनाएं सहीं, अत्याचार झेले, लेकिन अपने संकल्प को टूटने नहीं दिया।
सोचिए, कितना रोमांचकारी और प्रेरणादायक होगा यदि हम इन अनुभवों को उन्हीं की जुबानी सुनें। ऐसा ही एक अमूल्य दस्तावेज है स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय जगदीश प्रसाद राजवंशी जी की किताब हवालात, राजवंशी जी जो मात्र 25 वर्ष की आयु में जेल गए और लखनऊ जेल से ही जेल में बिताए अपने अनुभवों को समेटकर यह पुस्तक लिखी। यह पुस्तक न केवल उनके संघर्षों की गाथा है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की जीवंत झलक भी प्रस्तुत करती है।
“हिंदुस्तानी अफ़सर – “”आप मुझे कोई और बंगला अलॉट कर दीजिए। वहाँ मेरी जान को खतरा है। कोई साया और आवाज़ जैसे मेरा पीछा कर रहे हैं।””
स्टेट अफ़सर – “”तुम्हें किसी बात का भ्रम हुआ होगा। कोई भूत-वूत नहीं होते। मैं इसकी जांच कराता हूँ।””
जांचकर्ता – “”अरे देखो! बाथरूम की खुदाई करने पर एक मानव कंकाल मिला है।””
शिमला के कैथो बंगले पर जो कोई भी रहने जाता, एक साया और एक आवाज़ उसका पीछा करती रहती। बंगले के बाथरूम में जब खुदाई हुई तो एक मानव कंकाल भी मिला। यह सब क्या था? यह कंकाल किसका था? क्या वाकई उस बंगले में किसी आत्मा का साया है? और आखिर वह आत्मा क्या कहना चाह रही है?
इस रहस्यमयी घटना के पीछे की सच्चाई क्या है? जानिए सत्य घटना पर आधारित डिप्टी कमिश्नर किंग के द्वारा लिखी गई कहानी ‘शिमला का बंगला’ में। आज ही सुनें शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।”
बोलने वाली लड़की – ममता कालिया – शैफाली कपूर
कॉलेज के दिनों से दीपशिखा अपना नाम हमेशा अग्निशिखा बतलाती थी, क्योंकि उसे अग्नि की तरह प्रज्वलित रहना पसंद था ।बोलने में निडर ,वाचाल ।उसके इन्हीं गुणों से प्रभावित होकर कपिल ने दीपशिखा से विवाह किया किंतु शादी के बाद कपिल को दीपशिखा के यही गुण क्यों अच्छे नहीं लग रहे? क्या दीपशिखा भी अपने ससुराल में गुमसुम हो जाएगी? सुनिए बेहद भावपूर्ण कहानी बोलने वाली लड़की, शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
भारत वर्ष को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए हर वर्ग के लोगों—बच्चे, बूढ़े और जवान—ने आजादी के संघर्ष में अपना अमूल्य योगदान दिया। इन महान स्वतंत्रता सेनानियों ने जेल की यातनाएं सहीं, अत्याचार झेले, लेकिन अपने संकल्प को टूटने नहीं दिया।
सोचिए, कितना रोमांचकारी और प्रेरणादायक होगा यदि हम इन अनुभवों को उन्हीं की जुबानी सुनें। ऐसा ही एक अमूल्य दस्तावेज है स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय जगदीश प्रसाद राजवंशी जी की किताब हवालात, राजवंशी जी जो मात्र 25 वर्ष की आयु में जेल गए और लखनऊ जेल से ही जेल में बिताए अपने अनुभवों को समेटकर यह पुस्तक लिखी। यह पुस्तक न केवल उनके संघर्षों की गाथा है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की जीवंत झलक भी प्रस्तुत करती है।
युवती: डार्लिंग, पुलिस ने मुझे आज पकड़ ही लिया होता।
चैंपलिन: जान! क्या तुम इन पुलिस वालों को मूर्ख समझती हो?
युवती: भाग चलो यहां से, नहीं तो हम बुरी तरह फंस जाएंगे।
पुलिस: इस बिल्डिंग को चारों तरफ से पुलिस ने घेर लिया है। सभी लोग अपने घरों से बाहर निकल आएं।
क्यों पीछा कर रहे थे कुछ पुलिस वाले युवती और चैंपलिन का? क्या युवती पुलिस वालों को धोखा देने में कामयाब होती है? क्या चैंपलिन की पुलिस वालों से मुठभेड़ होती है? चैंपलिन और पुलिस की मुठभेड़ में किसकी मौत होती है? ताबूत में किसकी लाश मिलती है?
कहानी का सस्पेंस जानने के लिए आज ही सुनें शेफाली कपूर की आवाज में कहानी ‘एनकाउंटर’।
एक अट्ठारह साल की युवती आज अपने मां- बाप के घर से भागकर ट्रेन में कहीं जा रही है और उसी ट्रेन में उसकी मुलाकात एक अनज़ान व्यक्ति से होती है ।उनकी यह अनजान मुलाकात उस लड़की की सोंच में एक बहुत बड़ा बदलाव लेकर आती है। क्या आप जानना नहीं चाहेंगे कि क्या थी उस लड़की के भागने की सही वज़ह और उस अनज़ान से ऐसी क्या बात हो गई जिसने लड़की की सोंच को पूरी तरीके से बदल दिया ?एक खूबसूरत सी कहानी दो अनज़ानों के बीच । सुनिए अब्बास पठान के द्वारा लिखी गई कहानी अनज़ान मुलाक़ात पल्लवी गर्ग की आवाज़ में…
“प्रेम सिर्फ प्रेम होता है, ना यह गांव देखता है… ना शहर ..और ना सरहदें ….”” एक ऐसी प्रेम कहानी जिसमें एक ग्रामीण युवक कार्तिक , एक युवती अवनी अवनी से बाल्यकाल से बेतहाशा प्रेम करता है किंतु अवनी उसका उपहास करती है | क्या होता है उस उपहास के कारण युवक कार्तिक के साथ ?? जानते हैं कहानी आई हेट यू में…..
भून के अपने दिल को – Arvind saxena – Priya bhatia
तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ऐ दिल.. जिनके चाहने वाले ज्यादा हो.. वो अक्सर बे दर्द हुआ करते हैं….
अवंतिका की शादी प्रभाकर से हो चुकी है और उसकी एक बच्ची भी है लेकिन नरेन जिसे वो जी जान से चाहती थी, उसे वर्षों बाद अपने सामने देख और कही चलकर बात करने के आग्रह को वो टाल न सकी। लेकिन चाहकर भी वो नरेन को उसके धोखे के लिए क्षमा नहीं कर सकी।
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Anonymous