किसी पर जुल्म करने के बाद वास्तव में मन की स्थिति क्या होती है? जानिए शायर की नज़र से…
शायर सोच रहा है जब हम किसी से मिले तो हमारे बीच ना कोई सियासत की बात हो ना ही कोई हिकमत अथार्त ज्ञान की बात हो ,तो आखिर शायर किस तरह की बात करना चाह रहा है ?जानिए शायर की नज़र से…
हम जीवन में बहुत से किरदार अर्थात रिश्ते निभाते हैं लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर हम सिर्फ़ एक आदमी बन कर रहे तो कैसा लगेगा? जानिए शायर की नज़र से..
शायर का मानना है जब वह मुफ़लिसी की स्थिति अथार्त गरीबी की स्थिति में था तब उसे अपने और परायों की सही पहचान हुई..। कैसे जानिए शायर की नज़र से…
माना तो जाता है कि प्यार में शैतान भी इंसान बन जाते हैं लेकिन ऐसा भी होता है कि प्यार में इंसान शैतान भी सकता है। आखिर कैसे? जानिए शायर की नज़र से…
शायर कह रहा है कि उसकी ग़ैरत अथार्त उसकी modesty को क्यों नहीं लोगों ने समझा आज उसके पास सब कुछ है, लेकिन फिर भी वह तन्हा है सुनिए शायर अनिमेष की नज़र से…
शायर कह रहा है कि उसकी ग़ैरत अथार्त उसकी modesty को क्यों नहीं लोगों ने समझा आज उसके पास सब कुछ है, लेकिन फिर भी वह तन्हा है सुनिए शायर अनिमेष की नज़र से…
शायर का मानना है जब वह मुफ़लिसी की स्थिति अथार्त गरीबी की स्थिति में था तब उसे अपने और परायों की सही पहचान हुई..। कैसे जानिए शायर की नज़र से…
माना तो जाता है कि प्यार में शैतान भी इंसान बन जाते हैं लेकिन ऐसा भी होता है कि प्यार में इंसान शैतान भी सकता है। आखिर कैसे? जानिए शायर की नज़र से…
शायर का मानना है कि वह अपना सब कुछ लुटा चुका है फिर भी उसने फायदे का सौदा किया है। जाना नहीं चाहेंगे कैसे ?
शायर सोच रहा है जब हम किसी से मिले तो हमारे बीच ना कोई सियासत की बात हो ना ही कोई हिकमत अथार्त ज्ञान की बात हो ,तो आखिर शायर किस तरह की बात करना चाह रहा है ?जानिए शायर की नज़र से…
सुंदरधुंगा – संजय शेफर्ड – पल्लवी
सुंदरधुंगा का शाब्दिक अर्थ है हमारी पहाड़ियों में एक खूबसूरत पत्थर की घाटी। इस घाटी के प्रसिद्ध और अद्भुत हिमनद हैं मार्टोली और सुखराम की घाटी। उत्तराखंड में कथित पिंडारी ग्लेशियर के दाईं ओर का ट्रेक सुंदरधुंगा घाटी पिंडारी ट्रेक और कफनी ग्लेशियर ट्रेक की तुलना में अधिक कठिन माना जाता है।गाथा के घुमंतू के साथ सुंदर आइए चलते हैं पल्लवी के साथ
मगर तुम यह कैसे कह सकती हो कि जहां तुम जाकर रहोगी, वहां हर चीज़ वैसी ही होगी जैसी तुम चाहती हो मैं तो समझता हूं कि इन्सान जहां भी चला जाए, अच्छी और बुरी तरह की चीज़ें उसे अपने आसपास मिलेंगी ही सूचना विभाग में काम करने वाली महिला मिस पाल की कहानी है मिस कॉल को अपने ऑफिस का माहौल कुछ नहीं आता संगीत और चित्रकला की शौकीन मिस कॉल ऑफिस छोड़कर एक नए शांतिप्रिय स्थान जाना चाहती है मिस पाल आती है क्या होता है पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं मोहन राकेश की लिखी कहानी मिस पाल अमित तिवारी जी की आवाज में
जयराज एक चित्रकार है और रानीखेत की सुंदर वादियों में प्रकृति के सुंदर चित्र बनाता है किंतु इन चित्रों में मनुष्य की अनुपस्थिति उसे अपने चित्र में अधूरे पन का एहसास दिलाती है इसी बीच उसके एक मित्र का पत्र आता है कि वह अपने पत्नी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उसे रानीखेत भेज रहा है जयराज का चित्रकार मन नारी के सौंदर्य को चित्रित करने की कल्पना की उड़ान लेने लगता है क्या होता है जब उसकी मुलाकात नीता से होती है क्या वास्तव में उसकी कल्पना यथार्थ हो पाती है पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं यशपाल जी के द्वारा लिखी गई कहानी चित्र का शीर्षक सुमन वैद्य जी की आवाज में
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