राजा विक्रमादित्य अद्भुत कला-पारखी थे। एक आदमी ने अद्भुत कारीगरी का काठ का घोड़ा विक्रमादित्य को महंगे दाम में बेचा | आगे क्या हुआ पूरा जानने के लिए सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में कहानी सिंहासन बत्तीसी-आठवीं पुतली पुष्पवती
(Use Cropper to set image and use mouse scroller for zoom image.)
Reviews for: सिंहासन बत्तीसी – आठवीं पुतली (पुष्पवती)