शाहनी एक बड़ी उम्र की महिला है | शाह जी के ना रहने के बाद शाहनी उनकी ऊंची हवेली और जायदाद होने के बावजूद बिल्कुल अकेली है| शेरा शाहनी के पास ही पलकर बड़ा हुआ है| आज शाहनी ने जो शाह जी के मरने के बाद उनकी अमानत को संभाल के रखा था वह वह क्यों उनसे छीना जा रहा है? उसे कौन धोखा दे रहा है ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कृष्णा सोबती के द्वारा लिखी गई कहानी सिक्का बदल गया ,अंजू जेटली की आवाज में…
यूनुस खान एक क्रांतिकारी है जो लोग काफिर है उनके लिए उसके दिल में कोई हमदर्दी नहीं है लेकिन यूनुस खान को एक खून से लथपथ एक छोटी बच्ची जब दिखती है जो कि काफिर है उसका कठोर दिल भी पिघल जाता है और क्या रिश्ता है उस बच्ची और यूनुस खान के बीच में पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कृष्णा सोबती की लिखी कहानी मेरी मां कहां अमित तिवारी जी की आवाज
महात्मा गांधी को गोली मार दी गई”। इस खबर से सारा देश सन्न रह गया। अटकलें लगने लगी, कि गोली मारने वाला मुसलमान शरणार्थी था । लेकिन फिर सब दंग रह गए। बापू, महात्मा, जिनके लिए सरहद कोई मायने नहीं रखती थी। वह हम सबके थे।
यूनुस खान एक क्रांतिकारी है जो लोग काफिर है उनके लिए उसके दिल में कोई हमदर्दी नहीं है लेकिन यूनुस खान को एक खून से लथपथ एक छोटी बच्ची जब दिखती है जो कि काफिर है उसका कठोर दिल भी पिघल जाता है और क्या रिश्ता है उस बच्ची और यूनुस खान के बीच में पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कृष्णा सोबती की लिखी कहानी मेरी मां कहां अमित तिवारी जी की आवाज
आजादी के पावन पर्व पर जब पूरी नगरी सज रही थी । तब कोठों पर भी रंग बिरंगी झालर सजाई जा रही थी। शम्मो जान का कोठा भी जगमगा रहा था ।मुन्नी बाई ने शम्मोजान से पूछा कि यह आजादी का जश्न आज क्यों हो रहा है? हम तो कब के आजाद हो चुके हैं! है ना ! तो क्या वास्तव में आजादी सभी को मिल सकी है ? क्या वास्तव में मुन्नी जान जैसी कितनी ही मुन्नीजान आजाद है ?
मेहराँ अपने हरे -भरे घर को देखती है और सुख में भीग जाती है। छह वर्ष की लंबी प्रतीक्षा के बाद उसकी गोद भरी थी। आज तीन बेटों और दो बेटियों की माँ है। मेहराँ की सास, दादी -अम्मा तो उठते -बैठते बोलती है, झगड़ ती है। झुकी कमर पर हाथ रख कर बाहर आती है, तो जो सामने हो ,उस पर बरसने लगती है। घर के पिछवाड़े जिसे दादी अम्मा अपनी चलती उम्र में कोठरी कहा करती थी। उसी में आज वह अपने पति के साथ रहती है। मेहराँ तो कुछ ना कुछ कह कर चोट करने से भी नहीं चूकती। लड़ने में तो दादी भी कम नहीं पर, दोपहर को जब नौकर अम्मा के यहाँ से अनछुई थाली उठा लाया तो मेहराँ का माथा ठनका। अम्मा के पास जाकर बोली खाने का मन ना हो तो अम्मा दूध ही पी लो। दादी अम्मा ने न हाँ, कहा न ना । मेहराँ सास के ठंडे हो रहे पैरों को छूकर याचना भरी दृष्टि से बिछुरती आँखों से बोली, अम्मा बहुओं को आशीष देती जाओ। मेहराँ के गीले कंठ में आग्रह था, विनय थी।
अनजान,अजीब सी लडकी …जो अक्सर लाल स्कार्फ बांधे रहती…..कभी कभी काला भी… लड़की जब घरौंदे बनाती तो लाल स्कार्फ पहनती और जब उनको मिटाती तो काला आखिर क्या राज है इसके पीछे ?जानने के लिए सुनते हैं कहानी लाल स्कार्फ वाली लड़की ,अंजू जेटली की आवाज में
एक कामकाजी महिला के ऊपर समाज किस प्रकार शोषण करता है इसी बात दर्शाती है कहानी एक फलसफा जिन्दगी कहानी में सुभद्रा सुंदर सुशिक्षित लड़की है |जिसको कई बार नौकरी में शोषित किया जा रहा है| सुभद्रा कैसे इस बात से बाहर निकलती है जानने के लिए सुनते हैं स्वाति तिवारी की लिखी हुई कहानी एक फलसफा जिन्दगी ,अंजू जेटली की आवाज में
“शाह की कंजरी” अमृता प्रीतम की उन कहानियों में से है जो समाज की परतों को चीरकर सत्य को उजागर करती हैं।
यह कहानी स्त्री की स्वतंत्रता, आत्मसम्मान और उस अदृश्य संघर्ष की आवाज़ है, जिसे अक्सर समाज अनदेखा कर देता है।
कहानी की नायिका, जो कभी किसी की “कंजरी” कहलाती थी, उस स्थिति से उठकर अपने आत्म-सम्मान की परिभाषा खुद तय करती है।
अमृता प्रीतम ने बड़े सधे हुए शब्दों में यह दिखाया है कि स्त्री का अस्तित्व किसी की दया पर नहीं, उसके आत्म-स्वर पर टिका है।
“शाह की कंजरी” केवल एक स्त्री की कहानी नहीं, बल्कि हर उस आवाज़ की कहानी है जो बंदिशों के बावजूद अपनी पहचान बनाती है।
🎙 सुनिए — अमृता प्रीतम की कलम से निकली ये सशक्त कहानी
एक कामकाजी महिला के ऊपर समाज किस प्रकार शोषण करता है इसी बात दर्शाती है कहानी एक फलसफा जिन्दगी कहानी में सुभद्रा सुंदर सुशिक्षित लड़की है |जिसको कई बार नौकरी में शोषित किया जा रहा है| सुभद्रा कैसे इस बात से बाहर निकलती है जानने के लिए सुनते हैं स्वाति तिवारी की लिखी हुई कहानी एक फलसफा जिन्दगी ,अंजू जेटली की आवाज में
सुबल और सुशील नामक पिता और पुत्र की ऐसी कहानी जिसमे इच्छा पूरी करने वाली देवी उन्हें अदला बदली का वरदान देकर उनकी इच्छा पूरी करती हैं लेकिन इस वरदान से तंग आकर वे पुनः देवी से उन्हें पहले जैसा कर देने की प्रार्थना करते हैं।
ये कहानी एक औरत के जीवन के साथ साथ चलती है .. उस पड़ाव से जहाँ जीवन में बहुत व्यस्तताये होती है से वहाँ तक जब…सुनिए पूजा अग्रवाल की लिखी कहानी उनकी आवाज़ में
विवाह एक ऐसा बंधन है जिसमें बंधकर हर लड़की को अपने प्रियजनों से विदा लेनी पड़ती है। हेम भी इसी बंधन में बंध कर अपने पिता से दूर अपने ससुराल चली आई थी किंतु तब ये किसने जाना था कि यह विदा एक दिन अनंत कालीन विदा बन जाएगी।
यह कहानी हर उस पत्नी की है जो पढ़ी- लिखी और विवेकशील होने के कारण परिस्थितियों से समझौता नहीं कर पाती बल्कि उनसे लड़ती है तब -तक, जबतक कि वह लड़ सकती हैं…
आपने आज तक ऐसे लोगो के बारे में तो सुना ही होगा जो की कही से पैसे उठाते हैं और गरीबो में बांट देते हैं , आप उनको चाहे तो शैतान समझे या फिर देवता ये आपके ऊपर है , कई बार इंसान को ऐसी चीज़ों से लगाव हो जाता है , जो उसके लिए बहुत मायने रखने लगती हैं , और इंसान कई बार उनको खुद से ज़्यादा समझने लगता है , ये कहानी भी एक ऐसे ही इंसान की है , जो कानून की नज़र में गलत होता है उसे सज़ा मिलती है , पर आप खुद ये समझे की क्या वो सच में ग़लत है ?
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