जीवन का रसायन कब और कैसे इतना कसैला हो गया जीवन के भौतिक शास्त्र में सारे द्रव्य एकत्र करते-करते शायद वह अपने अस्तित्व का द्रव्य ही गवां बैठी। धरा कैमेस्ट्री में एम.एससी. है | फिर भी घर में कितनी उपेक्षित है इसका धरा को एहसास हो रहा है | अब धरा अपने अस्तित्व के लिए क्या करती है जानते हैं ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी गई कहानी रसायन में
कहानी की नायिका को बचपन के दिनों से ही पश्मीना जैसा महंगा साल पहनने का शौक है | किंतु मजबूरी के तहत यह शौक अधूरा रह जाता है| क्या जिंदगी उसको यह शौक पूरा करने का मौका देती है| जानने के लिए सुनते हैं ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी कहानी पश्मीना…
“ये दुनिया के अकेले लोग होते हैं जो आपकी ख़ुशी में ख़ुश होते हैं नहीं तो दुनिया का हर रिश्ता आपकी ख़ुशी से खुद को जोड़ कर ही ख़ुश होता है।”शिखंडी नाम था उसका, इस संसार में वह तीसरा स्वरूप ले कर पैदा हुई थी। उसकी नाराज़गी इस पूरे समाज से थी बदरूप के साथ-साथ ही वह बदज़ुबान भी थी। नाचने- गाने में उसका मन रमता ही न था, तो टोली के सरदार ने उसे ताली बजाने और नेग की वसूली के वक्त ज़बान चलाने का काम सौंप दिया था।क्या है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी कहानी रिवाजों की साँकल….
क्यों सरकारी ऑफिस में अपना ही हक पाना मुश्किल होता है जानते हैं ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी गई कहानी मैं जिंदा हूं
स्त्री के चरित्र को समझना एक लेखक के लिए भी मुश्किल होता है ऐसा ही कुछ कहानी की नायिका का किरदार है वास्तव में कहानी की नायिका कैसी है जानने के लिए सुनते हैं ज्योत्सना सिंह की लिखी कहानी नायिका
भावनाओं से ओतप्रोत जीवन का नाम ही इंसानियत होता है |संतु, हरिया को उसकी बीमार पत्नी को छोड़ने की सलाह दे रहा है |क्या हरिया अपने भाई संतु की इस सलाह से सहमत है ?क्या होगा कहानी में आगे जाने के लिए सुनते हैं ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी गई कहानी भावनाओं का सम्बल
क्यों सरकारी ऑफिस में अपना ही हक पाना मुश्किल होता है जानते हैं ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी गई कहानी मैं जिंदा हूं
भावनाओं से ओतप्रोत जीवन का नाम ही इंसानियत होता है |संतु, हरिया को उसकी बीमार पत्नी को छोड़ने की सलाह दे रहा है |क्या हरिया अपने भाई संतु की इस सलाह से सहमत है ?क्या होगा कहानी में आगे जाने के लिए सुनते हैं ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी गई कहानी भावनाओं का सम्बल
रिश्तो के रंग को बदरंग करने की मेरी सजा आज पूरी हुई” ईर्ष्या और द्वेष से” लिप्त यह दो बहनों की कहानी है| जो उनके जीवन को विष के समान कर देती है | आखिर इस भावना का जन्म क्यों होता है और किस हद तक इसका प्रभाव उन दोनों के जीवन पर पड़ता है? जानने के लिए सुनते हैं ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी गई कहानी सन्यासिनी
स्त्री के चरित्र को समझना एक लेखक के लिए भी मुश्किल होता है ऐसा ही कुछ कहानी की नायिका का किरदार है वास्तव में कहानी की नायिका कैसी है जानने के लिए सुनते हैं ज्योत्सना सिंह की लिखी कहानी नायिका
कुछ ऐसे रिश्ते जो बेवजह ही गले का फंदा बन जाते हैं और फिर खट्टे मीठे अनुभवों के साथ ही दिल के किसी गहरे कोने में अपनी पैठ बना जीवन का ज़रूरी अंग बन जाते हैं|सुनते हैं इन्हीं तानो -बानो में उलझी ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी गई कहानी फंदे…
धीरेंद्र अस्थाना की कहानी मुहिम में, समाज में जो निर्धन और धनी के बीच बीच में जो भेदभाव है| उसी के चलते एक बालक मन ना चाहते हुए भी किस तरह जाने -अनजाने में गलत रास्ते पर, क्राइम की राह पर चल पड़ता है?किस तरह उसके मन में क्राइम को सच समझ लेने की मुहिम पैदा हो जाती है
दूर से हर चमकने वाली चीज हीरा नहीं होता | ऐसा ही कुछ आकाश को अनुभव हुआ है शहर दिल्ली के बारे | आकाश अपने स्कूल के दिनों से दिल्ली की चकाचौंध से बहुत प्रभावित था | जब आकाश की मुलाकात दिल्ली शहर में अपने बचपन की दोस्त निहारिका से हुई तो उसका यह भ्रम टूट गया |कैसे ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं निधि मिश्रा की आवाज में अभिलाष दत्ता के द्वारा लिखी गई कहानी एक मुलाकात
एक सेवानिवृत्त व्यक्ति के दिनचर्या, उसकी सोच और उसके जीवन में आए बदलाव को आलोकित करती हुई यह गीत भावना तिवारी की आवाज में ….
निशिकांत ट्रेन से दिल्ली जा रहा है |कहीं ना कहीं उसका निजी अनुभव अहिंदू कौम के लिए कुछ खट्टास पैदा कर रहा है लेकिन ट्रेन में कुछ ऐसी घटना होती है जिससे निशिकांत की सोच में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आता है|क्या है वह घटना ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं विष्णु प्रभाकर के द्वारा लिखी गई कहानी परिवर्तन नयनी दीक्षित की आवाज में
मिताली और प्रियंका अपने कैंपस के दिनों में एक ही लड़के परितोष से प्रेम करती हैं किंतु परितोष दोनों के ही प्रेम को अस्वीकार कर देता है आज 40 के उम्र के पड़ाव पर भी अपने कैंपस लव को भूल नहीं पा रही है पूरी कहानी को जानने के लिए सुनते हैं आकांक्षा पारे की लिखी कहानी कैंपस लव अमित तिवारी जी की आवाज में
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