एक भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्माता, फिल्म निर्देशक, लेखक और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने हिंदी सिनेमा के मूक युग में अपना करियर शुरू किया था । वह इप्टा के संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में जुड़े थे और उन्होंने 1944 में मुंबई स्थित एक ट्रैवलिंग थिएटर कंपनी, पृथ्वी थिएटर की स्थापना की थी। वह हिंदी फिल्मों के कपूर परिवार के पितामह थे , जिनमें से चार पीढ़ियों ने उनसे शुरुआत की थी1969 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया इसके अलावा 1972 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी इन्हें नवाजा गया
रमन का जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। गणित व भौतिकी का माहौल इन्हें घर ने ही प्रदान किया था। इनके पिता चंद्रशेखर अय्यर गणित व भौतिकी के लेक्चरर थे। उन्हीं से रमन में विज्ञान व शिक्षण के प्रति लगाव पैदा हुआ।1928 में ‘रमन प्रभाव’ की खोज से इन्हें प्रसिद्धि मिली। 1930 में भौतिक विज्ञान में योगदान करने के कारण इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा 1954 में ‘भारत रत्न’ से भी यह नवाज़े गए।
गुरु नानक देव जी की 500 जयंती के अवसर पर अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय की स्थापना की गई।यह पंजाब राज्य विधानमंडल द्वारा पारित एक अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था। विश्वविद्यालय को यूजीसी द्वारा “उत्कृष्टता की क्षमता वाले विश्वविद्यालय” का दर्जा भी दिया गया है।
डॉ॰ (सर) जगदीश चन्द्र बसु (बंगाली: (30 नवंबर 1858 – 23 नवंबर, 1937) भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था। वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया।
पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने उरी हेड क्वार्टर पर हमला किया जिससे भारत के 19 जवान शहीद हो गए। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए पाक सीमा में जाकर भारतीय जवानों ने आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकियों के साथ उनकी 6 घंटे तक मुठभेड चली ।भारतीय जवानों ने चारों आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया।
4 नवंबर, 1845 को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के शिरढोणे गांव में जन्मे वासुदेव बलवंत फड़के ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का संगठन करने वाले पहले क्रांतिकारी के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने ही 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की विफलता के बाद आज़ादी के महासमर की पहली चिंगारी जलाई थी
“मां का हमारे जीवन में क्या महत्व है ये कविता बख़ूबी बताती है। मां के होने से ही हमारा जीवन सुखी है। कविता के भाव जानने के लिए जरूर सुनें ये कविता।”
दु:शासन द्वारा केश खींचने के बाद द्रौपदी रौद्र-रूप धारण कर लेती है| वह सिंहनी के समान गरजती हुई दु:शासन को ललकारती है। द्रौपदी की गर्जना से पूरा राजमहल हिल जाता है। और समस्त सभासद स्तब्ध रह जाते हैं| जैसे ही वे द्रौपदी का चीर हरण करने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाता है द्रोपदी की सतीत्व ज्वाला से पराजित हो जाता है|
शक्तिसत्य पर विजय पाती हैबात की सार्थकता समझने के लिए सुनते हैं सूर्यकांत त्रिपाठी जी के द्वारा लिखी गई कहानी शिकार को निकला शेर,निधि मिश्रा की आवाज में
Reviews for: Prithvi raj – 3 Nov