राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाने की शुरुआत 2015 में हुई थी| इंटरनेशनल ब्यूरो और इंटरनेशनल लीग अगेंस्ट एपिलेप्सी द्वारा इसे आयोजित किया गया था| इस दिन देशभर में लोगों को मिर्गी के लक्षणों, कारणों और उपचार के बारे में जानकारी दी जाती है साथ ही लोगों को अपना अनुभव शेयर करने को मौका भी दिया जाता है|
6 नवंबर 1913 को दमनकारी कानून के खिलाफ द ग्रेट मार्च निकाला। 2,000 से ज्यादा लोगों ने गांधीजी के नेतृत्व में नटाल तक मार्च किया। गांधीजी गिरफ्तार हुए। जमानत पर छूटे तो फिर मार्च में शामिल हो गए।
9 नवंबर 1947 के दिन जूनागढ़ का भारत में विलय हो गया|बाद में एक जनमत भी कराया गया, जिसमें जूनागढ़ की जनता ने खुद फैसला किया था कि उन्हें भारत के साथ रहना है. 20 फरवरी 1948 को हुए इस जनमत में 190870 लोगों ने भारत को चुना था, जबकि पाकिस्तान के लिए सिर्फ 91 लोगों ने मतदान किया था |
दुनिया की शहरी चुनौतियों पर जोर देने और नए शहरी एजेंडा की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को शामिल करने के लिए 2014 में यूएन-हैबिटेट द्वारा अर्बन अक्टूबर की शुरुआत की गई थी।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) हर साल 16 नवंबर को भारत में स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India) ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक नैतिक प्रहरी के रूप में कार्य करना शुरू किया कि प्रेस उच्च मानकों को बनाए रखे और किसी भी प्रभाव या खतरों से विवश न हो।…
10 नवंबर 1920 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के अरवी में जन्मे दत्तोपंत ठेंगड़ी ने श्रमिक आंदोलनों को एक नयी दृष्टि और चेतना दी। राष्ट्र के औद्योगीकरण के साथ श्रम के राष्ट्रीयकरण के पक्षधर दत्तोपंत ठेंगड़ी ने भारतीयता के दर्शन को अपने जीवन में उतार कर उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने वैश्वीकरण को आर्थिक पक्ष तक सीमित न रह कर मानवतावादी सोच का आह्वान किया
कहानी में हरिदत्त नाम का एक ब्राह्मण अपने खेत में सांप के बिल के पास प्रतिदिन पूजा कर दूध रखता है और अगले दिन उसे दूध वाले पात्र में एक स्वर्ण मुद्रा प्राप्त होती है | इसके आगे की कहानी जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी ब्राह्मण और सर्प, शिवानी आनंद की आवाज में…
कहानी एक जुलाहे की है |जिसे देवता के द्वारा इच्छापूर्ति वरदान मिलने का आशीर्वाद मिलता है किंतु जुलाहा देव से ऐसा वरदान मांग लेता है, जो उसके लिए अभिशाप साबित होता है| आखिर जुलाहे ने ऐसा क्या मांग लिया ?इसे जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी दो सिर वाला जुलाहा ,जिसे आवाज दी है शिवानी आनंद ने ….
सत्य की जीत के इस प्रसंग में द्युत सभा में युधिष्ठिर जब द्रौपदी को भी हार जाते हैं तब दुशासन द्वारा द्रौपदी का द्युत सभा में चीरहरण करने के आगे बढ़ता है पर अभी भी समस्त धर्माचार्य भीष्म पितामह ,द्रोणाचार्य ,विदुर सहित सभी इस दृश्य को देख मौन हैं ।तब द्रौपदी का चीत्कार पूरी सभा में गूंजता है ।द्वारिका प्रसाद महेश्वरी के द्वारा लिखी गई महाभारत में द्युत सभा का वर्णन नयनी दीक्षित की आवाज़ में
राहुल के लिए उसकी मां की ममता उसे अपने जीवन में हस्तक्षेप करने के समान लगती है |वह कई बार उनकी उपेक्षा भी कर देता है| किस प्रकार राहुल को एहसास होता है कि वह जिसको मां का हस्तक्षेप समझ रहा है ,वह उनकी ममता है| पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कमल मुसद्दी द्वारा लिखी गई कहानी हस्ताक्षेप
Reviews for: National Epilepsy Day – 17 Nov