एक जेबकतरे के द्वारा इंसानियत का परिचय देना , इस कहानी को और भीभावुक बनाती है कैसे? जानते हैं ज्ञानप्रकाश विवेक द्वारा लिखी गई कहानी जेबकतरा , पूजा श्रीवास्तव की आवाज में आवाज में
प्रेम एक ऐसी अनुभूति है जो कब , कैसे , किसके लिए महसूस होगी , ये कह पाना कब सम्भव हुआ है? अविनाश, एक फ़ौजी अफ़सर, जिसकी पहली शादी का अनुभव बहुत ही तकलीफ़देह रहा था, उसने शादी ना करने का मन बना लिया था । सुधा, एक आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी, रूप- गुण युक्त एक स्वावलंबी महिला थी। और उसने भी शादी को कुछ ख़ास तवज्जो नहीं दी थी। और फिर, नीलांजना , बचपन को पीछे छोड़ती वो रूपसी तरुणी जिसके लिए दुनिया रंगो से सजी जीवंत तस्वीर जैसा था । इन तीनो किरदारो के जीवन तार एक दूसरे से कैसे उलझते है , आइए सुनते है मनीषा कुलश्रेष्ठ की भावनाओं में डूबती उतराती इस कहनी “ अधूरी तसवीरें” मे..,
वृद्धाश्रम में रहने वाला हर इंसान अपने आप ना जाने कितनी कहानियाँ समेटे होता है। स्वभाव में विपरीत सख़ुबाई और आनंदी की मित्रता होती है एक वृद्धाश्रम , आश्रय में. वृद्धाश्रम के निवासियों के जीवन की कहानी और उनके वहाँ पहुँचने के सफ़र का बड़ा सजीव चित्
कहानी में नायिका का पति कहीं दूर चला गया है|समाज एक अकेली स्त्री को मात्र बस एक ‘देह’ समझता है और नायिका इन्हीं परिस्थितियों से गुजर रही है| यह परिस्थितियां नायिका को एक लिजलिजा एहसास का अनुभव करा रही है | जानते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ द्वारा लिखी गई कहानी “”एक लिजलिजा एहसास “,पूजा श्रीवास्तव की आवाज में..
Celebrating 88th Bithday of melody queen Asha Bhosle With Pooja
कविता और शांतनु भाई बहन है |एक समय ऐसा भी था कि दोनों भाई- बहन में असीम प्रेम झलकता था| किंतु आज क्या? क्यों उनके बीच में इतनी दूरियां पैदा हो गई ?आज कविता राखी पर क्या यह दूरियां मिटा आएगी ?पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ जी के द्वारा लिखी गई कहानी आंखों में किरकिराते रिश्ते ,पूजा श्रीवास्तव की आवाज में
कहानी ने निमिषा एक हाउसवाइफ है |निमिषा -अनिकेत की दो बेटियां हैं मानसी और रूपसी | निमिषा अपनी दोनों बेटियों को अपने जीवन से जुड़ी कुछ बातें साझा कर रही है मानसी और रूपसी से | निमिषा की यह बातें और विचार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के विचारों के अंतराल को कैसे समेट रही है |जानने के लिए सुनते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ जी के द्वारा लिखी गई कहानी पीढ़ियों का अंतराल, पूजा श्रीवास्तव की आवाज में
मंगल भंगी भूँगी दाई का बेटा है ,जबकि सुरेश जमीदार बाबू महेशनाथ का बेटा है |एक समय भूँगी ने अपने बेटे मंगल से ज्यादा सुरेश को अपना दूध पिला कर उसकी देखभाल की, किंतु क्या भूँगी की मृत्यु के बाद मंगल को जमीदार महेश नाथ के यहां से अपनी मां द्वारा सुरेश को पिलाया दूध का दाम मिल पाता है या फिर उसे एक अछूत के रूप में देखा जाता है| प्रेमचंद जी की बेहद भावपूर्ण कहानी है दूध का दाम, जिसे आवाज दी है सुमन वैद्य जी ने
दुख केवल चित्तकी एक वृत्ति है सत्य है केवल आनंद एक व्यक्ति जो अपने पारिवारिक तरह से बहुत दुखी होता है किंतु इस दुख की को त्याग कर किस प्रकार आनंद की अनुभूति करता है कहानी मोहन राकेश के द्वारा लिखी गई कहानी झाँकी भूपेश पांड्या की आवाज में
पेड़ पौधे बिना कुछ कहे बहुत कुछ महसूस कर सकते हैं |उनके अंदर बहुत ही जिजीविषा होती है लेखिका ने बेहद सरल और सजीव शब्दों में एक अनाम पेड़ के भीतर चल रहे कौतूहल को बड़ी खूबसूरती के साथ वर्णन किया है| जो पढ़ने और सुनने में बेहद रोचक है ,अंजना वर्मा जी के द्वारा लिखी गई कहानी पेड़ का तबादला सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज में ….
कहानी का नायक काफी समय के अंतराल के बाद अपने मामा के यहां गांव आया है|आज उसे वहां की सभी परिस्थितियां पहले से बहुत भिन्न नजर आ रही है| क्या है वह परिस्थितियां? नायक किन पुरानी बातों को स्मरण कर रहा है पूरी कहानी जानने के अंतराल ,सुमन वैद्य की आवाज में
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