कहानी बृहस्पति देव के बेटे कच की है, जो शंकराचार्य के पास अमर जीवन का रहस्य प्राप्त कर स्वर्ग-लोक को जाने के लिए तैयार हैं |जाने से पहले गुरु पुत्री उसकी तथा देवयानी से भेंट करने के लिए आता है, किंतु देवयानी कच को समझाने का प्रयत्न करती है कि संसार में यह मिथ्या होगा कि केवल शिक्षा का मूल है परंतु प्रेम का कोई मूल्य नहीं है | क्या वह देवयानी के प्रेम का उपहास करता है ? क्या वह नारी हृदय की वेदना को समझ पाता है? क्या वह प्रेम के मूल्य को समझ पाता है ? इसे जानने के लिए सुनते हैं रविंद्र नाथ ठाकुर के द्वारा लिखी गई कहानी प्रेम का मूल्य ,शिवानी आनंद की आवाज में…
सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ। पिता का नाम झावेर भाई और माता का नाम लाडबा पटेल था। माता-पिता की चौथी संतान वल्लभ भाई कुशाग्र बुद्धि के थे। उनकी रुचि भी पढ़ाई में ही ज्यादा रही।आज एकता के सूत्र में बंधे भारत के लिए देश सरदार पटेल का ही ऋणी है। कहा जाता है कि एक बार उनसे किसी अंग्रेज ने इस बारे में पूछा तो सरदार पटेल ने कहा- मेरा भारत बिखरने के लिए नहीं बना।सरदार पटेल’,’लोह पुरुष’ और ‘भारत का बिस्मार्क’ की उपाधियों से इन्हें सम्मानित किया गया 1991 में ‘भारत रत्न’ से भी इन्हें सम्मानित किया गया इनका जन्म दिवस ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है
बड़े बुजुर्ग घर की शान होते हैं उनकी बातों में एक तजुर्बा होता है उनके सानिध्य में सब कुछ कितना सरल हो जाता है बच्चों के लिए उनकी दादी तो पूरा स्नेह का खजाना होती है इसी रिश्ते के मधुर संबंधों काअवलोकन कराती हुई कविता है दादी पल्लवी की आवाज में
गिन्नी – Rabindranath Thakur (रबीन्द्रनाथ ठाकुर) – Shivani Anand (शिवानी आनंद)
कहानी एक शिक्षक और एक शिष्य की है ।शिक्षक शिवनाथ पंडित बेहद कड़क किस्म के अध्यापक हैं जो अपने शिष्यों को शारीरिक दंड के साथ-साथ अपने तीखे वाक्यों से भी घायल कर देते हैं ।कक्षा का सबसे सरल और सीधा बालक आशु के साथ भी कुछ ऐसा घटित होता है जो उसके अबोध मन में हमेशा के लिए छाप छोड़ जाता है। क्या है वह घटना ?जानने के लिए सुनते हैं रविंद्र नाथ टैगोर के द्वारा लिखी गई कहानी गिन्नी, शिवानी आनंद की आवाज़ में
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