वक़्त के महेत्वा को दर्शाती हुई मेरी ये छोटी से कहानी ‘गुन्हेगार’ है।
इंसानी मनोवृतियों तथा उसकी अनगिनत मजबूरियों को इस कहानी ‘राजहंस’ के माध्यम से दर्शाया गया है।
हमारे समाज की कितनी बड़ी विडम्बना है की एक तरफ गरीब के सर पर छत नहीं और वहीं दूसरी तरफ हम धार्मिक स्थलों पर पानी के जैसे पैसा बहाते हैं। ऐसी ही कुछ बात कह रही है मेरी यह कहानी ‘ वो टपकती झोपडी ‘
बाल मनो विज्ञानं को दर्शाती हुई मेरी ये कहानी ‘ पहली चोरी ‘ है।
इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के द्वारा की गयी आत्मा हत्या के पीछे छुपे राज़ पर बात करती हुई दिखाई देती है यह कहानी ‘ अब अभिमन्यु नहीं मरेगा ‘
भूत की कल्पना के माध्यम से आम लोगो के घमंड को तोड़ने का प्रयास किया गया है इस कहानी ‘भूत की बातों’ में।
प्यार और वेभिचार के बीच में एक बारीक तंतु होता है उसी तंतु के आधार पर आप एक नाजायज़ कही जाने वाली संतान को ईश्वरीय उपहार के रूप में भी स्वीकार कर सकती है। इसी बात का आंकलन करती हुई दिखाई देती है मेरी यह कहानी ‘ ईश की माँ ‘
बाल मनो विज्ञानं को दर्शाती हुई मेरी ये कहानी ‘ पहली चोरी ‘ है।
इंसानी मनोवृतियों तथा उसकी अनगिनत मजबूरियों को इस कहानी ‘राजहंस’ के माध्यम से दर्शाया गया है।
बाल सोषड़ कभी भी न ख़त्म होने वाली हमारे समाज की एक बड़ी समस्या है। इस समस्या का दुखद पहलु ये है की सिर्फ छोटे बच्चो से काम करवाने वाला केवल मालिक ही गुन्हेगार नहीं है बल्कि उनके माता-पिता भी इन बच्चो को पैसा कमाने वाली मशीन समझे हुए है। ऐसे ही कुछ सवाल उठाये गए हैं मेरी इस कहानी ‘ एटीएम मशीन के द्वारा ‘
इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के द्वारा की गयी आत्मा हत्या के पीछे छुपे राज़ पर बात करती हुई दिखाई देती है यह कहानी ‘ अब अभिमन्यु नहीं मरेगा ‘
रात! तारे-तारे, तारे! लूनी के मन में एक विचार उठा, मैं इन्हें देख रही हूँ, वह भी एक बार तो इन्हें देख ही लेगा और पहाड़ों की याद कर लेगा… तारे क्षण-भर झपक लेंगे; जब जागेंगे, तब मैं इन्हें अलपक ही देख रही हूँगी, पर वह-? भाई बहन के निश्छल प्रेम को दर्शाती यह कहानी जिसमें जिसने भाई-बहन अनाथ होते हैं और एक दूसरे के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं किंतु भाई को मिलता है प्राण दंड मिलता है तो बहन की मनोदशा किस प्रकार हो जाती है भूतकाल में बिताए हर एक क्षण को याद कर रही है
बदरूनिसा.. जैसा रूप यौवन,उससे भी मीठा गला। पहले पहल उसका संगीत ही खींच ले गया था । फिर उसके रूप ने मोहपाश में ऐसा बंधा की दो दिन अपनी बदरू से ना मिलते जो जैसे साँस ही ना आती थी । उनकी जान थी वो फिर भी थी तो वो एक गाने वाली। वक़्त के साथ एक नामी परिवार के वारिस होने की ज़िम्मेदारी में उनकी बदरु कहीं पीछे छूट गयी । और फिर सालो बाद आया उसका वो पैग़ाम … “ एक बार मिल लीजिए , आपको आपकी अमानत सौपनी है “ क्या थी वो अमानत ? सेठ जी को अपनी पूरी साख मिट्टी में मिलती दिख रही थी । क्या सेठ जी बदरु से मिलने गए। क्या वो जान सके की किस अमानत की बात कर रही थी बदरूनिस्सा, और अब Iक्यों ? एक बेहतरीन कहानी शिवानी जी की लेखनी से … “कौन “
कहानी एक नौजवान लड़के चंदन की है जिस पर फिल्मों का प्रभाव पड़ा है इसी के चलते एक लड़की तारा से प्रेम करने लगता है किंतु क्या होता है इनकी प्रेम कहानी में आ गई जानने के लिए सुनते हैं अमरकांत के द्वारा लिखी गई कहानी लड़का- लड़की ,अंजू जेटली की आवाज में
द्रौपदी जब अपना शील खो रही थी , तब आप कहां थे कृष्ण ??? कृष्ण और उद्धव जी के बीच में चल रहे संवाद को उस संदर्भ मे उस प्रसंग को प्रेषित करता है जब धर्मराज युधिष्ठिर, दुर्योधन से द्युत क्रीडा में पराजित हो गए थे | भगवान श्री कृष्ण उसी संदर्भ में उद्धव को स्पष्टीकरण देते हैं | सुनते हैं इस संवाद को अमित तिवारी जी की आवाज में……
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