आधुनिक परिवेश में पाल रहे अपने बच्चों की हर जिद, हर जरूरत को किसी भी तरह पूरा करते-करते एक मध्यवर्गीय परिवार किस प्रकार अपने बच्चों से ही पिछड़ जाता है । यह सोचने को मजबूर करती हुई बेहद भावुक कहानी है गति…….
राहुल के लिए उसकी मां की ममता उसे अपने जीवन में हस्तक्षेप करने के समान लगती है |वह कई बार उनकी उपेक्षा भी कर देता है| किस प्रकार राहुल को एहसास होता है कि वह जिसको मां का हस्तक्षेप समझ रहा है ,वह उनकी ममता है| पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कमल मुसद्दी द्वारा लिखी गई कहानी हस्ताक्षेप
हमारे जांबाज सैनिक सीमा पर डट कर ,दिन -रात मेहनत कर दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हैं ,|उन्हीं के लिए कमल मुसद्दी की रचना तुम अकेले नहीं हो”, जिसमें उन्हें आश्वासन दिया गया है कि आप हमें हमारे साथ हैं, तो हर हालात में हम भी आपके साथ हैं|सुनते हैं इस खूबसूरत रचना को कमल मुसद्दी की आवाज में..
वजूद कहानी उन सभी महिलाओं को समर्पित कहानी है,जो अपनी पूरी जिंदगी सिर्फ अपने परिवार के प्रति अपने कर्तव्य और समर्पण करने के बावजूद हमेशा उपेक्षित रहती हैं।उन्हें अपने प्रति भी उतना ही ध्यान रखना होगा। अपना एक वजूद बनाना ही होगा…….. इस ओर ध्यान केंद्रित करती हुई है कहानी “वजूद”…
राहुल के लिए उसकी मां की ममता उसे अपने जीवन में हस्तक्षेप करने के समान लगती है |वह कई बार उनकी उपेक्षा भी कर देता है| किस प्रकार राहुल को एहसास होता है कि वह जिसको मां का हस्तक्षेप समझ रहा है ,वह उनकी ममता है| पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कमल मुसद्दी द्वारा लिखी गई कहानी हस्ताक्षेप
इस कहानी में रिश्ते के दो पहलुओं को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया गया है| एक तरफ अमिता और उसके पति प्रवीण के द्वारा अपनी बुआ सास को नवजात की देखभाल के लिए दिल्ली बुलाया जाता है वह भी निस्वार्थ भाव से उनके पास दिल्ली आकर नवजात की से दिल से देखभाल करती है वही उनके जाने के पर प्रवीण उन्हें चंद रुपए देकर विदा कर देता है| क्या बुआ सास को उनकी मां की भांति ही सम्मान इज्जत मिलनी चाहिए| यह सोचने को मजबूर करती है अंजना वर्मा के द्वारा लिखी गई कहानी मदर्स डे ,विनीता श्रीवास्तव की आवाज में…
विश्व व्यावसायिक चिकित्सा दिवस हर वर्ष 27 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे पहली बार 27 अक्टूबर 2010 को मनाया गया था। द वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट (WFOT) व्यावसायिक चिकित्सा पेशे का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें बैश्विक स्तर पर 101 राष्ट्रीय व्यावसायिक चिकित्सा पेशेवर संगठन शामिल हैं।
एक भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्माता, फिल्म निर्देशक, लेखक और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने हिंदी सिनेमा के मूक युग में अपना करियर शुरू किया था । वह इप्टा के संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में जुड़े थे और उन्होंने 1944 में मुंबई स्थित एक ट्रैवलिंग थिएटर कंपनी, पृथ्वी थिएटर की स्थापना की थी। वह हिंदी फिल्मों के कपूर परिवार के पितामह थे , जिनमें से चार पीढ़ियों ने उनसे शुरुआत की थी1969 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया इसके अलावा 1972 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी इन्हें नवाजा गया
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