एकाएक उनका मन हुआ कि वह भी सामने वाले पार्क में जाकर धूप का मज़ा ले लें। लेकिन उन्होंने अपने इस विचार को तुरंत झटक दिया। अपने मातहतों के बीच जाकर बैठेंगे। नीचे घास पर! इतना बड़ा अफ़सर और अपने मातहतों के बीच घास पर बैठे!ऑफिस का एक कर्मचारी किस प्रकार कई वर्षों के बाद धूप की सुखानुभूति करता है जानते हैं कहानी धूप में
रहमत मियां के बेटे सुक्खन जब गोश्त लेने बाजार गए तो उनकी लापरवाही से पूरे कस्बे में क्या कांड घटित हुआ ?जानने के लिए सुनते हैं सुभाष नीरव द्वारा लिखी गई कहानी एक और कस्बा, शिवानी आनंद की आवाज में
इंसान की उस फितरत को दर्शाती यह कहानी, जिसमें इंसान अपने फायदे के लिए अपना रंग बदलने से परहेज नहीं करता |ऐसा ही कुछ बेटे -बहू ने अपने वृद्ध पिता के साथ किया |क्या किया और कैसे? जानने के लिए सुनते हैं सुभाष नीरव के द्वारा लिखी गई कहानी कमरा ,शिवानी आनंद की आवाज में
सोनू एक बहुत छोटा बच्चा है| धीरे-धीरे सोनू गुमसुम रहने लगा |क्या कारण था सोनू के गुमसुम होने का जानने के लिए सुनते हैं सुभाष नीरव के द्वारा लिखी गई कहानी वाह मिट्टी, शिवानी आनंद के द्वारा
तुम दिल पर क्यों लगाती हो। कहने दिया करो जो कहते हैं। हम तो अब तिड़के घड़े का पानी ठहरे। आज हैं, कल नहीं रहेगें। फेंकने दो कंकर-पत्थर। जो दिन कट जाएं, अच्छा है।”कहानी में वृद्ध और वृद्धा अपने बेटे -बहु के साथ रह रहे हैं |वृद्धावस्था में क्या है उनकी स्थिति ?जानने के लिए सुनते हंं सुभाष नीरव के द्वारा लिखी गई कहानी तिड़के घड़े , शिवानी आनंद के द्वारा
कहानी मकड़ी आपको एहसास दिलाएगी इंसान किस प्रकार बाह्यआडंबर जालके में फंसता चला जाता है| जिस से निकल पाना कितना कठिन होता है |जानने के लिए सुनते हैं सुभाष नीरव द्वारा लिखी गई कहानी मकड़ी ,शिवानी आनंद की आवाज में
कहानी मंदरीसर्पिणी नाम की जूं की है, जो रोज राजा के सोने के बाद उसका रक्त पान करती है |किंतु एक दिन अग्निमुख खटमल भी अपने को मेहमान बताकर राजा का रक्त पान करना चाहता है |अब इसके बाद कहानी में क्या होता है इसे जानने के लिए सुनते हो शिवानी आनंद की आवाज में पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी मुफ्त खोर मेहमान…
एक बार युधिष्ठिर नामक कुम्हार के माथे में में घड़े की नोक से चोट लग जाती है |घाव इतना गहरा होता है कि ठीक होने के बाद भी उसका निशान नहीं जाता है | वहां का राजा कुम्हार के सिर पर चोट का निशान देखकर उसे एक वीर पुरुष समझकर अपने यहां सैनिक के रूप में भर्ती कर लेता है |कहानी में आगे क्या होता है?इसे जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी कुम्हार की कहानी, शिवानी आनंद की आवाज में…
यह कहानी शिक्षा व्यवस्था पर एक व्यंग्यात्मक कटाक्ष है जिससे हमे यह बोध होता है कि आखिर किस प्रकार उच्च अधिकारियों द्वारा शिक्षा के नाम पर केवल अपने स्वार्थ ही सिद्ध किए जाते हैं।
सुभाषिनी नाम की ऐसी लड़की की कहानी जो बोल नहीं सकती, इसलिए उसकी मित्रता भी मूक प्राणियों से अधिक है जिसे बोलने वाले समाज से हमेशा निरादर ही प्राप्त हुआ।
जीवन में फैशन, पैसे की प्रति एक-दूसरे से होड़ , पाश्चात्य संस्कृति को हमेशा फॉलो करते रहना जैसी कई बातें बहुत शीघ्रता से हावी हो जाती है |हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं कहीं कुछ कम, तो कहीं कुछ ज्यादा| तो उसी तरीके से मीडिया एक इतनी खतरनाक चीज है कि जिसमें आज की तारीख में कोई संस्कृति और सभ्यता कोई समाज के प्रति लगाव जैसी चीज नहीं रह गई हैं | मीडिया नाम की संस्था वही लोग चला रहे हैं जिनके पास सिर्फ दंगा भड़काऊ बातें हैं, इन बातों से समाज में क्या प्रभाव पड़ेगा इस बात से बेफिक्र होकर समाज को किस गर्त में पहुंचा रहे हैं ? जानिए इन बातों को कहानी जो मारे जाएंगे में…
शकुन डॉक्टर के पास जाने की जिद कर रही है, तो क्या मुझ में कुछ कमी है जो शकुन माँ नहीं बन पा रही है? दोनों के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। शकुन बुझी -बुझी सी रहने लगी है । सतीश देख रहा था कि शकुन आलोक के आने से बहुत खुश है ।तो क्या उन दोनों के बीच ? नहीं – नहीं ,यह मेरे दिमाग का फितूर है। शकुन मेरी है, सिर्फ मेरी ।जैसे शादी के पहले 2 साल तक थी।
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