रक्त मंडल के पिछले भाग में आपने सुना कि नगेंद्र नरसिंह कामनी से 1 महीने बाद मिलने का वादा कर अपने लक्ष्य की ओर चल पड़ा। क्या नरेंद्र नर्सिंग रास्ते में पकड़ा गया? और वहीं दूसरी तरफ नेपाल के राजा विक्रम सिंह अपनी हुकूमत अंग्रेज़ों को देने के लिए तैयार हो गए? या अंग्रेजों के साथ जंग लड़ते -लड़ते ढेर हो गए? क्या हुआ नेपाल का हाल? सुनिए इस भाग में…
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रक्त मंडल के पिछले भाग में आपने सुना कि नवाब हैदर जंग बहादुर को रक्त मंडल की तरफ से एक चिट्ठी प्राप्त हुई है । हैदर जंग बहादुर ने उस बात पर ध्यान ना देते हुए अंग्रेज़ी हुकूमत का साथ देने का फैसला किया ।उनकी रियासत मुजफ्फरगढ़ में, बड़े लाड साहब जो आने वाले थे। तैयारियां बड़े जोरों से चल रही थी लेकिन इन सारी तैयारियों के बीच और चिट्ठी को नज़रअंदाज करने का नतीज़ा क्या निकला? सुनिए इस भाग में…।
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रक्त मंडल के पिछले भाग में आपने सुना कि बाबू बटुक चंद की हत्या कर दी और उनका बेटा कहीं गायब है और किस तरह से रक्त मंडल के सिपाहियों ने सरकारी खज़ाने को रास्ते से ही लूट लिया बड़े से बड़े अफसर भी उनका मुकाबला नहीं कर पाए। मृत्यु किरण से छोड़े गए गोले पूरे लश्कर को ले डूबे। रक्त मंडल के सदस्य सरकारी खज़ाने को अपने साथ ले गए आगे क्या हुआ? जानने के लिए सुनते हैं नयनी दीक्षित की आवाज़ में रक्त मंडल का यह भाग…
रक्त मंडल के पिछले भाग में आपने सुना कि पंडित गोपाल शंकर मुरारी को सभी काम समझा कर काशी के लिए रवाना हो जाते हैं ।दूसरी तरफ मिस्टर केमिन गंगा किनारे घूमते हुए एक छोटे से लड़के को डूबने से बचाते हैं। कौन है यह लड़का ?और उसको डूबता हुआ छोड़कर नाव में सवार दो आदमी क्यों भाग गए ?कौन है वह नौजवान जो उन आदमियों से उस डूबते हुए बच्चे के बारे में पूछ रहा है ?नाव को डुबोकर बज़ड़े को कहां ले जाया गया और इसके आगे क्या हुआ जानने के लिए सुनते हैं रक्त मंडल का यह भाग.
पिछले भाग में सुना कि गोपाल शंकर और एडवर्ड धोखे से गलत रास्ते में पहुंचा दिए जाते हैं ।फिर उन्हें रक्त मंडल के सदस्यों की चिट्ठी बरामद होती है और वे उन्हें वापस लौट जाने का संकेत देते हैं इधर केशव जी और नगेंद्र सिंह अपनी तरफ आते हुए काफिले को पहचान लेते हैं अब क्या गोपाल सिंह शंकर और एडवर्ड अपने ठिकाने तक पहुंच पाएंगे? क्या किया नगेंद्र और साइंटिस्ट केशव सिंह ने? इसे जानने के लिए सुनते हैं रस्तमंडल का यह भाग
पिछले भाग में बाबू बटुकनाथ ₹100000 से भी हाथ धो बैठते हैं और उनका बेटा भी उन्हें नहीं मिलता दूसरी तरफ और दूसरी तरफ नकुल चंद्र ने राय साहब बनने पर एक बहुत बड़ा जलसा आयोजित किया है क्या इस जश्न का फायदा उठाकर रक्त मंडल के लोग यहां पर धावा बोलेंगे क्या यहां भी वही कांड होगा जो इससे पहले बाबू बटुकनाथ के साथ हुआ था आगे क्या हुआ इसे जानने के लिए सुनते हैं कहानी रक्त मंडल का अगला भाग नयनी दीक्षित की आवाज में
जब पंडित गोपाल शंकर को रक्त मंडल गिरोह से चिट्ठी मिली जो उससे पहले कई धनी लोगों को मिल चुकी थी तो उन्होंने मिस्टर केमिन की मदद लेनी चाहिए गोपाल शंकर का नेपाल जाना रक्त मंडल के गिरोह को पता चल गया अब पंडित गोपाल शंकर नेपाल जाकर कौन सा काम करते थे जिसका राज मिस्टर केम इन के अलावा किसी और को नहीं पता क्या वह कोई अनैतिक या गैर कानूनी काम करते थे और भक्त मंडल के गिरोह को इसके बारे में पता चल गया था इसके आगे के किस्से को जानने के लिए सुनते हैं कहानी रक्त मंडल का भाग 4 नयनी दीक्षित की आवाज में
पिछले भाग में बाबू बटुकनाथ ₹100000 से भी हाथ धो बैठते हैं और उनका बेटा भी उन्हें नहीं मिलता दूसरी तरफ और दूसरी तरफ नकुल चंद्र ने राय साहब बनने पर एक बहुत बड़ा जलसा आयोजित किया है क्या इस जश्न का फायदा उठाकर रक्त मंडल के लोग यहां पर धावा बोलेंगे क्या यहां भी वही कांड होगा जो इससे पहले बाबू बटुकनाथ के साथ हुआ था आगे क्या हुआ इसे जानने के लिए सुनते हैं कहानी रक्त मंडल का अगला भाग नयनी दीक्षित की आवाज में
रक्तमंडल के पिछले भाग में आपने सुना कि कैप्टन कैप्टन फ़्युगैसन को अपना कैंप नष्ट कर देने के लिए संदेशा आया जो रक्त मंडल की तरफ से था। अमर सिंह जो रक्त मंडल गिरोह का बहुत ही उम्दा जवान सैनिक था, किले के अंदर उसे बारूद और मैगज़ीन को नष्ट करने के लिए भेजा गया लेकिन वहां उसकी मुलाकात अपने बरसो पहले बिछड़े पिता रघुवीर सिंह से हुई। रघुवीर सिंह उस किले के प्रधान अधिकारी थे क्या बाप और बेटे एक दूसरे से मिल पाए? अमर सिंह ने मैगजीन नष्ट करने पर अपनी जान भी गंवा दी। आगे क्या हुआ जाने के लिए सुनिए रक्त मंडल के इस भाग को नयनी दीक्षित की आवाज़ में..।
ऐसारक्त मंडल के पिछले भाग में आपने सुना कि कैप्टन रूबी ने पकड़े हुए नौज़वान से गोपाल शंकर के द्वारा बनाई यंत्र से कई तरह के राज़ उगलवा लिए। यह एक यंत्र था जो दिल की धड़कनों के ज़रिए सच और झूठ का पता लगा लेता था। मगर अब तक गोपाल शंकर और नगेंद्र नरसिंह का पता नहीं चल पाया था। आगे क्या किया कैप्टन रूबी ने ?और क्या हुआ ब्रिटिश हुकूमत के साथ सुनिए इस अगले भाग में..।
रक्त मंडल के पिछले भाग में आपने सुना कि नगेंद्र नरसिंह गुब्बारे में सवार उड़ते -उड़ते भारत की सीमा से नेपाल पहुंच जाते हैं और वहीं एक पहाड़ी इलाके में नरेंद्र सिंह और कामिनी की नज़र उन के गुब्बारे पर पड़ती है वह उन्हें बचाने के लिए दौड़ पड़ते हैं वहीं दूसरी तरफ अंग्रेज़ी फौज़ के सिपाही नगेंद्र सिंह का पीछा करते-करते नेपाल की सीमा तक आ जाते हैं मगर किस तरह अपनी सूझबूझ ,समझदारी से नरेंद्र सिंह ने सारी समस्या का समाधान निकाल लेता है? आगे क्या हुआ जानिए इस भाग में..।
धीरेंद्र अस्थाना के द्वारा लिखी गई एक कहानी जिसमें एक इंसान से जाने- अनजाने एक गलती हुई है जिसका उसे पश्चाताप भी है | उस गलती के कारण वह अपनों से नजर भी नहीं मिला पा रहा और आज उसकी उस गलती के कारण वह एक बड़ी बीमारी से ग्रसित हो चुका है |जिसे वह किसी को बता भी नहीं पा रहा है | ऐसे में वह इंसान क्या करें ?क्या वह इंसान घुट घुट कर यूं ही जीता रहे या फिर उसे फिर एक मौका मिलना चाहिए ?ऐसे ही प्रश्नों को लेकर कहानी का ताना-बाना बुना गया है सुनते हैं कहानी Meri Fernadis क्या तुम तक मेरी आवाज पहुंचती है? नयनी दीक्षित की आवाज में
फरीदी और लियोनार्ड – Ibnesafi ( इब्नेसफी) – Nayani Dixit
इब्ने सफ़ी की कहानी फ़रीदी और लियोनार्ड में लियोनार्ड एक बेहद चलाक लेकिन बेहद घटिया किस्म का ब्लैकमेलर है ।जो ब्लैक मेलिंग तक ही नहीं रुकता बल्कि क़त्ल और दूसरे और हथकंडे अपनाने पर भी उतर आता है। कहानी में लियोनार्ड कौन-कौन से हथकंडे आज़माता हैं?फ़रीदी किस प्रकार उसको अपनी गिरफ्त में लेता है ?इस बेहद सनसनीख़ेज़ कहानी को आवाज़ दी है नयनी दीक्षित ने..
कुएँ का राज – Ibnesafi ( इब्नेसफी) – Nayani Dixit
200 साल पुरानी एक कोठी, एक बहुत ही पुरानी इमारत और उसके अंदर एक कुआं ।जिसके राज़ को वहां के बाशिंदे आज तक नहीं जान पाए ।ऐसी कौन सी बातें हैं उस कुंए की?जिसे सॉल्व करने के लिए वहाँ पर रहने वाले लोगों को इंस्पेक्टर फ़रीदी की मदद लेनी पड़ी ।घर के अंदर से आती हुई जानवरों की चीखें ,रोज मरते जानवर और फिर आखिरकार एक इंसान ।कुंए के अंदर मिली लाशें, किसी भूत का साया है या किसी की चली हुई चाल और आखिर चली हुई चाल है तो क्यों ?यह सारे राज़ अगर आप जानना चाहते हैं तो सुनिए इब्रेसफ़ी के द्वारा लिखी गई कहानियों की सीरीज़ कुंए का राज़ नयनी दीक्षित की आवाज़ में…
क्या 2000 का फटा हुआ नोट किसी की किस्मत बदल सकता है ?अच्छी या बुरी ,असली सवाल तो यह है| महेश दुबे जी की बेहद दिलचस्प कहानी है 2000 का नोट , 2000 का फटा नोट अपने आस-पास के काफी़ लोगों की किस्मत बदल रहा है। लेकिन किस्मत किस तरह और किस पलड़े बैठी है ?वही इस कहानी का Main story line है नयनी दीक्षित की आवाज़ में इस बेहतरीन से लव स्टोरी का लुफ़्त उठाएं।
कुएँ का राज – Ibnesafi ( इब्नेसफी) – Nayani Dixit
200 साल पुरानी एक कोठी, एक बहुत ही पुरानी इमारत और उसके अंदर एक कुआं ।जिसके राज़ को वहां के बाशिंदे आज तक नहीं जान पाए ।ऐसी कौन सी बातें हैं उस कुंए की?जिसे सॉल्व करने के लिए वहाँ पर रहने वाले लोगों को इंस्पेक्टर फ़रीदी की मदद लेनी पड़ी ।घर के अंदर से आती हुई जानवरों की चीखें ,रोज मरते जानवर और फिर आखिरकार एक इंसान ।कुंए के अंदर मिली लाशें, किसी भूत का साया है या किसी की चली हुई चाल और आखिर चली हुई चाल है तो क्यों ?यह सारे राज़ अगर आप जानना चाहते हैं तो सुनिए इब्रेसफ़ी के द्वारा लिखी गई कहानियों की सीरीज़ कुंए का राज़ नयनी दीक्षित की आवाज़ में…
शोलागढ़@34km – Kumar Rehman (कुमार रहमान) – Nayani Dixit
शोलागढ़ @34 किलोमीटर कुमार रहमान की एक जासूसी उपन्यास है कहानी की शुरुआत में ही एक फिल्म अभिनेत्री शेयाली की मौत हो जाती है प्रत्यक्षदर्शियों के हिसाब से शेयाली की मौत समुद्र में डूबने से हुई है लेकिन यह सस्पेंस बना हुआ है कि उसने खुदकुशी की है या उसकी हत्या हुई है ।सार्जेंट सलीम और सोहराब इसकी पड़ताल कर रहे हैं लेकिन आखिर लड़की पानी में क्यों चली गई? क्या लड़की मिल सकी? सार्जेंट सलीम ने आखिर मोबाइल में क्या देखा ?ऐसे बहुत से प्रश्न जिनके बारे में जानने लिए सुने शोलागढ़ @ 34 किलोमीटर का पहला भाग नयनी दीक्षित की आवाज़ में…
क्या आप मानते हैं कि यह क्या आपका पहला जीवन नहीं है? | आप अपने पिछले जीवन के बारे में और कैसे सीखते हैं? क्या कुछ लोग इसे याद करते हैं? जानने के लिए सुनते हैं Reincarnation
पागल खाने के सामने एक लंबा -चौड़ा शख्स फ्रांसिस कुछ इस तरह के भाव दे रहा है जैसे कि वह किसी घरेलू कुत्ते को बुला रहा हो किंतु वहां पर कोई कुत्ता नहीं है कहानी में फ्रांसिस विक्षिप्त सा हो गया है |आखिर कैसे और क्यों और उसका ऐसा होने के पीछे क्या कारण है?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कहानी विक्षिप्त, नयनी दीक्षित की आवाज में
अतृप्त आत्माओं से भरे एक महल की कथा जिसका एक एक पत्थर जिंदा व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
टैरनटुला का जहर – Byomkesh Bakshi (व्योमकेश बक्शी) – Nayani Dixit
टैरनटुला का जहर एक ऐसी कहानी है, जिसमें के एक आदमी जो कि हैंडीकैप है जो कि अपने बिस्तर से उठ भी नहीं सकता, फिर भी वह उस इंसान तक नशा करने के लिए जहर कैसे पहुंचाया जा रहा है? टैरनटुला एक बहुत ही खतरनाक जहर है| किस तरह चुटकियों में व्योमकेश बख्शी इस बात का पता लगा लेते हैं कि एक अपाहिज आदमी तक जो कि सिर्फ घर में कैद रहता है जहर कैसे पहुंच रहा है और उसे कैसे इस्तेमाल कर रहा है?
Reviews for: Raktmandal (रक्तमंडल) – Part 18