“मुरझाई दिए की बाती पवन का वेग नहीं सहन कर पाती ,मशाल हवा के संग अनूठा नृत्य निर्वाण है “ , हमें अपने को इतना कठोर बना लेना चाहिए कि बड़े से बड़े अवसाद को भी सरलता से झेल सकें ,ना कि जरा से अवसाद में हम बिखर जाएं | कविता “मुझे मशाल रास आती है” के मूल रूप में इसी संदेश को दिया गया है…
30 seconds of positive energy, positive poetry.
तो क्या जिए | To Kya Jiye |Hindi Kavita |हिंदी कविता | Motivational Hindi Poems by Anupam Dhyani
There is no recipe for life, but it is important to live each moment as if it is your last. Easier said than done ! But you can try.
To Kya jiye is asking questions to myself. You can ask these or other questions as well.
A curious, unafraid life is a life well lived.
सुनहरी चिड़िया | Sunehri Chidiya | Hindi Poem | हिंदी कविता | Motivational Poems by Anupam Dhyani
Let India shine in its original Glory! Jai Hindi! The Golden Bird!
Thank you everyone for giving me so much love . मुझे इतना प्रेम देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
2021 hai.. aur 2020 mein ham sab nein kuch na kuch aisa mehsoos kiya jiski na to hum vyakhya kar sakte hain na khudh samajh sakte hain..poora.. maine bhi kuch aisa hi mehsoos kiya kisi ek din pichle saal.. aaiye is saal ka shubhaarambh karte hain is kavita se.. kavita ka aanand lein.. aur pasand aaye to channel ko subscribe zaroor karein This is 2021, in 2020 we all felt somethings that we either don’t understand fully or can’t explain. I did too. This is a small effort to express it.
जज़्बा |Passion| جازبہ | Hindi Kavita | हिंदी कविता | Motivational Poems by Anupam Dhyani
Passion is an ingredient , if missing, can dilute the hard work, talent, luck and focus put in winning.
Make passion the most important thing in your toolbox.
30 seconds of positive energy, positive poetry.
हमारे अंदर ईश्वर होता है अतः अपनी शक्ति पर पूर्ण विश्वास कर हम किसी भी परिस्थिति से निपट सकते हैं इस सत्य भावना को सजग करती हुई अनुपम ध्यानी की यह पंक्तियां…
कविता के अंश में सिंदूरी शाम की सुंदरता का वर्णन किया गया है
Meri or se RAM JANM BHOOMI POOJAN ke shubh uplaksh par bhent kee hui ek EENT.
Jai Shri Ram! Jai Maa Bhaarati ! Jai Hind !
हजूर नौकरी करता हूं, जान दे कर सरकार का नमक हलाल कर सकता हूँ पर ईमान नहीं बेच सकता,सरकार मालिक है। मैंने गद्दारी नहीं की, है………. नहीं की, लेकिन खुदा के रूबरू दरोगहलफी करके आकबत नहीं बिगाड़ सकता। यहाँ आप मालिक है, वहाँ वो मालिक है…। ऐसा कुछ कहानी का नायक उबेद कह रहा है | जो बचपन से बस यही सोचता था की मेहनत और सब्र का फल एक दिन मिलेगा ,खुदा सब कुछ देखता है किंतु क्या वाकई उसकी यह सोच सही साबित हुई? क्या वह अपने जीवन की कशमकश में कभी ऐसे मुकाम पर पहुंचा ,जहां उसे वाकई खुदा की मदद मिली हो| पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं यशपाल जी के द्वारा लिखी गई कहानी खुदा की मदद, नयनी दीक्षित की आवाज में…
अकाल की स्थिति में सारस का झुंड पानी की तलाश में इधर- उधर भटक रहा है एक बुढ़िया पानी का कटोरा उनके लिए रखती है लेकिन सारस का झुंड इस बात से अनजान है केदारनाथ सिंह के द्वारा लिखी गई कविता अकाल में सारस सुनते हैं पवन मिश्रा जी की आवाज में
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Pragati Sharma