Nazm Subhash ji ki likhi kahani adhoori khwaahish, badi khoobsoorti se, Umrao Jaan, jinke husn aur adaaon ke laakhon deewaane thei, unke dard aur unki man mein dafn ho chuki khwaahishon ka sajeev chitran karti hai. Unki ekAdhoori khwaahish jo bas un
नागार्जुन के काव्य संग्रह हजार- हजार पांव वाली से ली गई रचना उनको प्रणाम… कवि ने अपनी रचना के माध्यम से उन सभी को उन सभी को शत-शत नमन किया है जिनका किसी न किसी रूप में अपनी सेवाओं के द्वारा देश ,समाज आदि के लिए अतुलनीय योगदान रहा है |नागार्जुन के द्वारा लिखी गई इस खूबसूरत प्रेरक रचना को आवाज दी है डॉक्टर पवन मिश्रा
अकाल की स्थिति में सारस का झुंड पानी की तलाश में इधर- उधर भटक रहा है एक बुढ़िया पानी का कटोरा उनके लिए रखती है लेकिन सारस का झुंड इस बात से अनजान है केदारनाथ सिंह के द्वारा लिखी गई कविता अकाल में सारस सुनते हैं पवन मिश्रा जी की आवाज में
ये कहानी है एक ऐसे इंसान की जो एक जानवर को पाल के रखता है , और समय के साथ वो जानवर बड़ा होता जाता है , उस इंसान के घर में उसकी बीवी भी बहुत कलेश करती है क्युकी उसकी अपने पति से कुछ उमीदें और कुछ शक हैं जिनको वो अधूरा पति है , दूसरी और वो जानवर समय के साथ बड़ा होता जाता है , और वो उस इंसान को खाना चाहता है , फिर एक वक्त ऐसा आता है की उस जानवर जिसे कैद किया गया था इंसान में लड़ाई होती है ,,, कौन था वो जानवर ? और क्या हुआ इस लड़ाई में ? जानने के लिए सुनिए ये कहानी
गीति और अनिरुद्ध का प्रेम विवाह हुआ था, किंतु आज एक जरा सी बात पर दोनों का जमकर झगड़ा हुआ| गीति इस झगड़े के बाद अनिरुद्ध का घर छोड़ने का निर्णय कर लेती है किंतु कहानी के एक प्रसंग में गीति अपने निर्णय पर विचार करने लग जाती है |क्या है कहानी का वह प्रसंग जो गीति को अपने निर्णय को बदलने पर मजबूर कर देता है |क्या होगा गीति और अनिरुद्ध के वैवाहिक का ?जानने के लिए सुनते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ द्वारा लिखी गई कहानी टिटहरी ,पूजा श्रीवास्तव की आवाज में….
कहानी ने निमिषा एक हाउसवाइफ है |निमिषा -अनिकेत की दो बेटियां हैं मानसी और रूपसी | निमिषा अपनी दोनों बेटियों को अपने जीवन से जुड़ी कुछ बातें साझा कर रही है मानसी और रूपसी से | निमिषा की यह बातें और विचार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के विचारों के अंतराल को कैसे समेट रही है |जानने के लिए सुनते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ जी के द्वारा लिखी गई कहानी पीढ़ियों का अंतराल, पूजा श्रीवास्तव की आवाज में
जीवन और मृत्यु – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
इंसान जब पैदा होता है तब यह आनंद की स्थिति होती है, लेकिन क्या जब इंसान मरता है तब भी क्या वह कुछ लोगों के लिए आनंद की स्थिति होती है? क्या जब इंसान मरता है तो क्या यह समाज़ अवसरवादिता में बदल जाता है ।कुछ ऐसे ही तर्ज़ पर है यह कहानी जीवन और मृत्यु और इसे लिखा है फ्रेंच लेखक guy de Maupassantने जो वास्तव में समाज़ के प्रति वास्तविक व्यंग है कि सदियों से मनुष्य समाज अपनी सहूलियत के चलते क्या किसी की मृत्यु का इंतजार भी कर सकता है? कहानी को जिस प्रकार बेहद चुटिले अंदाज़ में लिखा गया है वैसे ही नयनी दीक्षित ने उसी अंदाज़ में अपनी आवाज़ देकर कहानी को पेश किया है।
Reviews for: Ann Pachhisi (अन्न पचीसी के दोहे)