
Main Tumhe Fir Milungi
Main Tumhe Fir Milungi
Introduction
Introduction

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Duration
Dard
Dard

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Dard
Writer
Narrator
अमृता बहुर्मुखी प्रतिभा की धनी रहीं। उनके अंदर जितना अनुराग रहा,उतना ही दर्द छुपा रहा। बंटवारे का दर्द उन्हें बहुत तकलीफ देता था। जीवन के अंतिम पड़ाव पर थीं अमृता जब पाकिस्तान से तौसीफ़ उनसे मिलने आईं। मिलने की खुशी से अधिक, उनके उस वक़्त लिखे गद्य काव्य में बचपन की यादों का दर्द, अपने साथियों से, बंटवारे के कारण या मृत्यु के कारण बिछड़ने का दर्द, समाज के बदलते स्वरूप का दर्द बड़ी सरलता से व्यक्त हुआ और दिल की गहराइयों तक उतर गया।
सुनते हैं दर्द शीर्षक के अंतर्गत, अमृता के इस दर्द को उकेरती मैं तुम्हें फिर मिलूँगी काव्य संग्रह की कुछ कविताएँ गाथा ऐप्प पे,पल्लवी गर्ग की आवाज़ में
Mulakaat
Mulakaat

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Mulakaat
Writer
Narrator
मैं तुम्हे फिर मिलूँगी काव्य संग्रह की कुछ कविताओं को शीर्षक दिया है मुलाक़ात।
अमृता बीमार थीं, बहुत बीमार। अपने नग्मों, अपनी कविताओं के माध्यम से वो कभी अपनी माँ को याद करतीं, कभी सभी बंधनों के परे जा, कृष्ण से, गणेश से, साईं से मिलतीं, कभी बस अपने प्रेमी से मुलाक़ात के लिए किसी भी सीमा को पार करने की बात करतीं।
सुनते हैं शीर्षक मुलाक़ात के अंतर्गत समाहित मैं तुम्हे फिर मिलूँगी की कुछ कविताएँ गाथा ऐप्प पे, पल्लवी गर्ग की आवाज़ में
Prem
Prem

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Prem
Writer
Narrator
मैं तुम्हें फिर मिलूँगी इस कविता से शुरुवात होती है इस शीर्षक प्रेम की कविताओं की।
मैं तुम्हें फिर मिलूँगी आखिरी कविता थी जो अमृता ने लिखी थी। प्रेम से लबरेज़ ये कविता, आंखे नम कर देती है। बेइन्तहां प्रेम में डूबी अमृता, बेहद बीमार अमृता पूरे प्रेम और समर्पण से अपने आप को तैयार कर लेती हैं अपनी आने वाली अन्त यात्रा के लिए।
प्रेम शीर्षक के अंतर्गत जी कविताएँ हैं, उनमें न सिर्फ उनका अपने साथी के लिए प्रेम उमड़ता है, बल्कि, उंस ईश्वर के लिए भी प्रदर्शित होता है जिसके आगे उन्होंने समर्पण कर दिया है।
सुनते हैं शीर्षक प्रेम के अंतर्गत, आत्मा की परमात्मा के लिए प्रेम में डूबी मैं तुम्हें फिर मिलूँगी की कुछ कविताएँ गाथा ऐप्प पर, पल्लवी गर्ग की आवाज़ में
Sapne
Sapne

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Sapne
Writer
Narrator
अमृता अपने सपने लिखतीं थीं अपनी डायरी में।
उनींदे सपने, गहरी नींद के सपने, जागती आंखों के सपने…
ये कुछ सपने जो उन्होंने 2001 से ले कर 2003 के बीच देखे और लिखे। कुछ सपनों पर कविता या नज़्म लिखी, कुछ को बस उड़ने के लिए छोड़ दिया।
उनकी आत्मा की चेतना तक पहुंचाते हैं ये सपने
सुनते हैं, मैं तुम्हें फिर मिलूँगी काव्य संग्रह में दर्ज़ अमृता के कुछ सपने, गाथा ऐप्प पे, पल्लवी गर्ग की आवाज़ में