बुजुर्ग सभ्य और सभ्रांत भाषा मे गालियाँ देते हैं-बल्ड़ी , रास्कल और कुछ इसी तरह की।बच्चे समझते नहीं । न उनकी गालियों को और न उनकी ऊँची हैसियत को । एक बड़ा बच्चा उलझनें लगता है तो -तो जोसेफ बीच बचाव करने उठ जाता । तुम थोड़े आदर से नहीं बात कर सकते ?देखते नहीं बुजुर्ग आदमी है ….. आदर से….ऊ का होता है सर । जोसेफ एक यात्री है, जो प्लेटफार्म नंबर10मे अपनी गाड़ी का इंतजार कर रहा है ।प्लेटफार्म मे12 से17 साल के 7-8बच्चों का झुंड देखता है ।जो गन्दे कपड़े पहने हुए हैं लेकिन उन बच्चों की क्रियाकलाप उसे कुछ परेशान करती हैं । पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं तुषारकान्त उपाध्याय जी के द्वारा लिखी कहानी प्लेटफार्म नंबर10….अमित तिवारी जी कि आवाज़ में….।
“प्रेम सिर्फ प्रेम होता है, ना यह गांव देखता है… ना शहर ..और ना सरहदें ….”” एक ऐसी प्रेम कहानी जिसमें एक ग्रामीण युवक कार्तिक , एक युवती अवनी अवनी से बाल्यकाल से बेतहाशा प्रेम करता है किंतु अवनी उसका उपहास करती है | क्या होता है उस उपहास के कारण युवक कार्तिक के साथ ?? जानते हैं कहानी आई हेट यू में…..
कहानी में 60 साल के एक हीरे के व्यापारी धनपाल जी का उन्हीं की हवेली में हत्या हो जाती है |परिवार में उनकी पहली पत्नी की बेटी नमिता,उनके भाई का बेटा घनश्याम और उनकी दूसरी पत्नी सोनिया रहते हैं | हत्या के रहस्य से उलझा यह केस प्राइवेट डिटेक्टिव अविनाश के पास आता है |किस प्रकार अविनाश इस हत्या के इस रहस्य को सुलझा पाता है? कौन है धनपाल जी का हत्यारा? अमित कुमार पांडे द्वारा लिखी सस्पेंस से भरी कहानी हत्या हवेली, में जानते हैं अमित तिवारी की आवाज में
कहानी में शिवा अपने मौसा जी के लिए आगरा से एक संगमरमर ऐशट्रे लेता है |आज शिवा को गुजरे पूरे 10 वर्ष बीत चुके हैं, किंतु आज उसकी दी हुई निशानी उसकी याद दिला रही है |क्या है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कृष्ण बिहारी के द्वारा लिखी गई कहानी ऐशट्रे में ताजमहल ,अमित तिवारी की आवाज में
कमज़ोर और टूटन भरे हिस्से दिखाते हैं। उन पलों में यकायक सारे फासले ख़त्म हो जाते हैं, सारी दीवारें ढह जाती हैं। अगर ये क्षण न आयें तो सारी उम्र साथ गुज़ारने पर भी दो प्रेमी अजनबी ही बने रहते हैं। इन क्षणों से गुजरने के लिए थोड़ा सा साहस चाहिए होता है और बहुत बहुत सारा विश्वास। इन क्षणों से गुज़रना आग से गुज़रना है जिसके बाद या तो सब जलकर नष्ट हो जाता है या तपकर रिश्ता फौलाद सा मजबूत हो जाता है। एक प्रेमी युगल अपने बीते हुए दिनों में हुई गलतियों के बारे में एक दूसरे से कन्फेक्शन कर रहे हैं कहानी में जानते हैं कि उनके कन्फेशन से उनके आपसी संबंधों में क्या प्रभाव पड़ता है पल्लवी त्रिवेदी के द्वारा लिखी गई कहानी कन्फेशन, ये कैसे क्षण आते हैं प्रेमी प्रेमिका के जीवन में जब वे एक दूसरे को अपने निजी स्पेस में आमंत्रित कर अपने सबसे सीले, अमित तिवारी जी की आवाज
सुशील यादव जी द्वारा लिखी गई कहानी एक सस्पेंडेड थानेदार का इंटरव्यू आज की कानून प्रणाली पर व्यंग है एक थानेदार का इंटरव्यू लिया जाता है जोकि सस्पेंड हो चुका है जानते हैं कहानी में आखिर थानेदार को क्यों सस्पेंड किया गया और थानेदार का सस्पेंड होना जैसे उसके लिए कोई गर्व की बात हो जानते हैं पूरी कहानी एक सस्पेंडेड थानेदार का इंटरव्यू अमित तिवारी जी की आवाज में
देश और काल का फैलाव वहीं सबसे अधिक होता है जहाँ उनका महत्त्व सबसे कम होता है -जब-जब जीवन में तनाव आता है और सारी प्राणशक्ति एक केन्द्र या बिन्दु में संचित होने लगती है, तब-तब देश-काल भी उसी अनुपात में सिमट आते हैं… देवकान्त नाव खे रहा है, उसके सामने, आगे-पीछे कहीं, उस क्षण के सिवा कुछ नहीं है जिसमें वह है और नाव खे रहा और मोहन की बड़ी-बड़ी काली आँखों की ओर जा रहा है – मोहन जो एक हिरन का छौना है जिसे नीलिमा ने उसे दिया था – किन्तु फिर भी उस क्षण में ही कई देश-काल संचित हो आये हैं – वह एक साथ ही कई स्थानों, कई कालों में जी रहा है, कई घटनाओं का घटक है…
मोबाइल मोहब्बत- ममता कालिया – शैफाली कपूर
मुग्धा को अपने बचपन से जब से वह सही से बोल भी नहीं पाती थी तब से उसे मोबाइल फोन से जो मोहब्बत हुई ,उसका असर उसके हर एक क्रियाकलाप में देखा जा सकता है किंतु आज तो मुग्धा की शादी नमित के साथ हो रही है। क्या इन दोनों के जीवन की इस नयी शुरुआत करने पर मोबाइल फोन क्या कोई अपना रंग दिखायेगा?कैसी रहेगी विवाह के बाद की उनकी शुरुआत?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं ममता कालिया के द्वारा लिखी गई कहानी मोबाइल मोहब्बत, शेफाली कपूर की आवाज़ में
सुधा अरोड़ा के द्वारा लिखी गई कहानी करवाचौथी औरत में व्यंग का अच्छा -खासा पुट शामिल किया गया है कहानी इस ओर संकेत कर रही है किस प्रकार एक पालतू कुत्तिया के नखरे घर वालों के लिए एक करवाचौथी औरत औरत की अपेक्षा ज्यादा अहमियत रखता है?
वृद्ध पिता की कहानी,जो अपनी सारी जिम्मेदारियां पूरी कर चुका है और उसका शरीर शिथिल हो गया है |इस समय काल में जब उसे अपने बच्चों का सानिध्य प्राप्त होता है ,तो उसके अंदर एक विशेष ऊर्जा का संचार होता है | किंतु यह सानिध्य उसे अल्प समय के लिए प्राप्त
इंसान अपने जीवन में भौतिक खुशियों को पाने के चक्कर में अपनी वास्तविक खुशियों से दूर होता चला जाता है| इसी भावना से ओतप्रोत है अंजना वर्मा जी के द्वारा लिखी गई कहानी हॉर्स- रेस , ,सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज …
Reviews for: Platform no 10 (प्लेटफार्म नम्बर १०)