निशिकांत ट्रेन से दिल्ली जा रहा है |कहीं ना कहीं उसका निजी अनुभव अहिंदू कौम के लिए कुछ खट्टास पैदा कर रहा है लेकिन ट्रेन में कुछ ऐसी घटना होती है जिससे निशिकांत की सोच में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आता है|क्या है वह घटना ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं विष्णु प्रभाकर के द्वारा लिखी गई कहानी परिवर्तन नयनी दीक्षित की आवाज में
किसी भी इंसान की वाह्य और आंतरिक रुप में बहुत अंतर होता है ऐसा ही कुछ निशिकांत के साथ है निशिकांत की का विवाह रजनी नाम की साधारण रंग रूप की युवती से हुआ है| यूं तो निशिकांत के सामने प्रेम पूर्वक व्यवहार करता है किंतु कहीं ना कहीं उसके मन में सुंदर युवती से विवाह करने की इच्छा रही है तो क्या ऐसे में वह रजनी के साथ सच्चा प्रेम कर पाएगा? क्या होता है आगे रजनी के साथ क्या होता है इसको जानने के लिए सुनते हैं विष्णु प्रभाकर के द्वारा लिखी गई कहानी छाती के भीतर नयनी दीक्षित की आवाज में
नारी का अस्तित्व उसके नारीत्व से है ना कि उनकी शारीरिक सुंदरता से | कहानी का मुख्य पात्र निशिकांत सहस्त्रधारा घूमने गया हुआ है| वहां पर निशिकांत की मुलाकात बेहद गुणवान युवती चंद्रा से होती है जो अभी तक अविवाहित है एक युवती चंद्रा से होती है उसका विवाह ना हो पाने का कारण सिर्फ उसकी कुरूपता निशिकांत चंद्रा के बारे में क्या अपनी अंतर्वेदना रखता है इस पूरी कहानी को जानने के लिए सुनते हैं विष्णु प्रभाकर की लिखी कहानी अंतर्वेदना नए नयनी दीक्षित की आवाज में
धर्म से पीछा छुड़ाकर सिर्फ समाज के हित की बात करने वाला अमज़द से निशिकांत बहुत प्रभावित हुआ| आज वही अमज़द अपने धर्म का दामन पकड़ कर क्यों अपनी जीविका चला रहा है? अमज़द में ऐसा बदलाव किस लिए? क्या ऐसा करना उसकी कोई मजबूरी है या फिर उसकी कथनी और करनी में अंतर ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखी गई कहानी वो रास्ता नयनी दीक्षित की आवाज में
सीमित आय वाला निशिकांत जब अपना मासिक बजट बनाता है तो उसकी मनोदशा समझने लायक होती है |अब ऐसी अवस्था में यदि निशिकांत के पास अतिरिक्त खर्चे आ जाते हैं तो फिर वह किस तरीके से अपना बजट बना पाता है| विष्णु प्रभाकर के द्वारा लिखी गई कहानी जीवन एक कहानी में जानते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में…
सहानुभूति और प्रेम के बिना दुनिया में कुछ भी नहीं |जब अपनापन किसी को वास्तव में मिलता है तो दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है |कहानी ने कुछ ऐसा ही है निशीकांत घर में अकेला है और ज्वर से पीड़ित है |कमला उसकी देखभाल हेतु आती है फिर क्या निशिकांत को काफी अच्छा लगता है| आखिर क्या है कमला का निशीकांत से क्या रिश्ता है इस रहस्य को समझने के लिए सुनते हैं विष्णु प्रभाकर की कहानी रहस्य नयनी दीक्षित की आवाज में…
शोलागढ़@34km – Kumar Rehman (कुमार रहमान) – Nayani Dixit
विक्रम के खान की लाश शेयाली के बंगले में मिलती है वहां पीले रंग का एक बाल भी मिलता है । क्या असली वज़ह है विक्रम की मौत का? कौन है वह नकाबपोश क्या हुआ हाशना के साथ है? आखिरकार शेक्सपियर कैफे में मिली लड़की रैक्सीना इस पूरे प्रकरण में क्या रोल है? जानने के लिए सुनते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में शोलागढ़@34 किलोमीटर का यह भाग
रक्तमंडल के पिछले भाग में आपने सुना कि कैप्टन कैप्टन फ़्युगैसन को अपना कैंप नष्ट कर देने के लिए संदेशा आया जो रक्त मंडल की तरफ से था। अमर सिंह जो रक्त मंडल गिरोह का बहुत ही उम्दा जवान सैनिक था, किले के अंदर उसे बारूद और मैगज़ीन को नष्ट करने के लिए भेजा गया लेकिन वहां उसकी मुलाकात अपने बरसो पहले बिछड़े पिता रघुवीर सिंह से हुई। रघुवीर सिंह उस किले के प्रधान अधिकारी थे क्या बाप और बेटे एक दूसरे से मिल पाए? अमर सिंह ने मैगजीन नष्ट करने पर अपनी जान भी गंवा दी। आगे क्या हुआ जाने के लिए सुनिए रक्त मंडल के इस भाग को नयनी दीक्षित की आवाज़ में..।
डायल 100 – महेश दुबे – नयनी दीक्षित
मुंबई महानगर में एक शातिर कातिल हर बार खून कर खुद ही पुलिस को Dial 100 कर जानकारी देता है| मगर यह कातिल अभी तक पकड़ में नहीं आया| इंस्पेक्टर सुधीर और त्यागी उसे जल्द से जल्द पकड़ लेना चाहते हैं परंतु अभी उन्हें कोई सबूत नहीं मिल पाया |कौन है वह Serial Killer ? लोगों का खून करने के पीछे उसका क्या मकसद हो सकता है?महेश दुबे जी के द्वारा लिखी Mysteries and Thrillers से भरपूर कहानी Dial 100 सुनते हैं नए नयनी दीक्षित की आवाज़ में…
कुएँ का राज – Ibnesafi ( इब्नेसफी) – Nayani Dixit
200 साल पुरानी एक कोठी, एक बहुत ही पुरानी इमारत और उसके अंदर एक कुआं ।जिसके राज़ को वहां के बाशिंदे आज तक नहीं जान पाए ।ऐसी कौन सी बातें हैं उस कुंए की?जिसे सॉल्व करने के लिए वहाँ पर रहने वाले लोगों को इंस्पेक्टर फ़रीदी की मदद लेनी पड़ी ।घर के अंदर से आती हुई जानवरों की चीखें ,रोज मरते जानवर और फिर आखिरकार एक इंसान ।कुंए के अंदर मिली लाशें, किसी भूत का साया है या किसी की चली हुई चाल और आखिर चली हुई चाल है तो क्यों ?यह सारे राज़ अगर आप जानना चाहते हैं तो सुनिए इब्रेसफ़ी के द्वारा लिखी गई कहानियों की सीरीज़ कुंए का राज़ नयनी दीक्षित की आवाज़ में…
दिलेर मुजरिम – Ibnesafi ( इब्नेसफी) – Nayani Dixit
यह कैसा इंसान है जो एक बेख़ौफ़ मुज़रिम है और बेहद दिलेर ।जिसे अपना गुनाह कुबूल करने में कोई हिचक भी नहीं, उसकी दिलेरी तो देखिए उसे अपने पकड़े जाने का भी कोई भय नहीं।लेकिन इंस्पेक्टर फ़रीदी भी कुछ कम नहीं, वो ऐसे दिलेर मुज़रिम से कैसे सामना करता है जो रहस्य की दुनिया का अजीब सा शाका बना हुआ है? उसके गुनाहों को कुबूल कराते उसे कैसे उसी के ज़ाल में फंसाता है?और कैसे सज़ा दिलवाता है ? यह कहानी का बहुत बड़ा सस्पेंस है। यह दिलेर मुज़रिम कौन है ?और आखिर उसकी इतनी दिलेरी दिखाने के के पीछे क्या राज़ छुपा हुआ है ?इस पूरी कहानी को जानने के लिए सुनते हैं इब्रेसफ़ी के द्वारा लिखी गई कहानी दिलेर मुज़रिम नयनी दीक्षित की आवाज़ में…
अनामिका का विवाह अतुल से हुआ है लेकिन अतुल का व्यवहार अनामिका के प्रति कुछ रुखा सा है अनामिका को अचानक एक दिन अपने कॉलेज के दिनों के एक दोस्त समीर की याद आती है जिसका प्यार अनामिका के द्वारा ठुकराया जाता है आज अनामिका को ऐसा क्यों लग रहा है कि ईश्वर उससे उसी बात का अधूरा बदला ले रहे हैं क्या हुआ था अनामिका की जिंदगी में पूरी कहानी जानने के लिए के लिए सुनते हैं विकास श्रेय केवल जी की लिखी कहानी अधूरा बदला अमित तिवारी जी की आवाज
कहानी में आइरिन ,जैक्स की प्रेमिका है| जैक्स का आइरिन के प्रति प्रेम बहुत गहरा और अत्यधिक स्नेह से भरा हुआ है | जैक्स का जीवन के प्रति दृष्टिकोण बहुत ही व्यवहारिक और सकारात्मक है | आइरिन एक शादीशुदा महिला है जो नव वर्ष की पूर्व रात्रि पर अचानक से जैक्स के घर रोते हुए पहुंची है |उसका कहना है कि उसका पति उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है| ऐसे में आइरिन ,जैक्स से क्या चाहती है ?और जैक्स क्या निर्णय लेता है| उन दोनों की प्रेम की पराकाष्ठा कहां तक है ? कहानी जानने के लिए पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं नव वर्ष का उपहार, नयनी दीक्षित की आवाज में
जवान बेटी विधवा है। कितने मरे हुए सपनों को ढो रही है जया। क्या देख पाई थी वह? कुछ भी तो नहीं। घर-संसार, देह-सुख, कुछ भी तो नहीं। चार दिन बाद वापस आ गई थी जया। सारा श्रृंगार धो लाई थी और साथ में ले आई थी जलते हुए सपने, धुएँ होती उमंगे, कितना टूट गई थी वे। किश्त-दर-किश्त जिंदगी से हारी थी जया एक जवान विधवा बेटी है विनय पंत जया की जिंदगी में आना चाहता है किंतु इस रिश्ते के संदर्भ में निर्मला देवी उदासीन है| अंत में कहानी में क्या निर्मला देवी इस रिश्ते को मान्यता दे पाती हैं ,और क्या कारण है कि वह इस रिश्ते के प्रति उदासीन है ?जाने के लिए सुनते हैं कहानी खोई हुई औरत
जेवर और पीहर बुढ़ापे तक इन दो चीजों का मुंह नहीं टूटता |पीहर के प्रति लगाव इतना जबरदस्त होता है कि उसे बरकरार रखने के लिए कई बार बेटियां अपना जायज हक तक छोड़ देती है| चंद्रहार कहानी में भावनाओं का ताना-बाना इसी बात को लेकर बुना गया है| कहानी ने मीनू 3 साल के बाद अपनी मां से मिलने भारत आती है | मां उसको उसकी पसंद का चंद्रहार देना चाहती है किंतु मीनू उसे लेने से इनकार कर देती है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं मालती जोशी जी की आवाज में कहानी चंद्रहार
बदरूनिसा.. जैसा रूप यौवन,उससे भी मीठा गला। पहले पहल उसका संगीत ही खींच ले गया था । फिर उसके रूप ने मोहपाश में ऐसा बंधा की दो दिन अपनी बदरू से ना मिलते जो जैसे साँस ही ना आती थी । उनकी जान थी वो फिर भी थी तो वो एक गाने वाली। वक़्त के साथ एक नामी परिवार के वारिस होने की ज़िम्मेदारी में उनकी बदरु कहीं पीछे छूट गयी । और फिर सालो बाद आया उसका वो पैग़ाम … “ एक बार मिल लीजिए , आपको आपकी अमानत सौपनी है “ क्या थी वो अमानत ? सेठ जी को अपनी पूरी साख मिट्टी में मिलती दिख रही थी । क्या सेठ जी बदरु से मिलने गए। क्या वो जान सके की किस अमानत की बात कर रही थी बदरूनिस्सा, और अब Iक्यों ? एक बेहतरीन कहानी शिवानी जी की लेखनी से … “कौन “
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