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कुंभ में नागा साधुओं की भूमिका
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कुंभ में नागा साधुओं की भूमिका

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

Release Date

17 January, 2025

Duration

17min 03sec

कुंभ में नागा साधुओं की अनोखी भूमिका

कुंभ मेला केवल आस्था और अध्यात्म का पर्व नहीं, यह नागा साधुओं के साहस, तपस्या और अनूठे जीवन का अद्भुत दर्शन भी है।

नागा साधु:

आत्मसंयम और त्याग के प्रतीक
कठिन तपस्या और ब्रह्मचर्य का मार्ग
आंतरिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति का स्रो

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कुम्भ मेले का इतिहास

कुम्भ मेले का इतिहास

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कुम्भ मेले का इतिहास

Release Date

14 January, 2025

Duration

06min 08sec

कुम्भ मेले का इतिहास

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

कुंभ मेला, विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन, भारत की संस्कृति और आस्था की अद्भुत मिसाल है। इसकी शुरुआत पौराणिक कथा से होती है, जब समुद्र मंथन के दौरान अमृत कुंभ को लेकर देवता और असुरों के बीच संघर्ष हुआ। उस संघर्ष के दौरान अमृत की बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। इन चार स्थानों पर ही आज कुंभ मेले का आयोजन होता है।

हर 12 साल में लाखों श्रद्धालु इन पवित्र स्थलों पर स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाने और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करने आते हैं। यह मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारत की विविधता और एकता का प्रतीक भी है।

आइए, इस अद्भुत परंपरा को समझें और गर्व करें अपनी सांस्कृतिक धरोहर पर।

चारों स्थलों का महत्व

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चारों स्थलों का महत्व

चारों स्थलों का महत्व

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चारों स्थलों का महत्व

Release Date

14 January, 2025

Duration

07min 26sec

चारों स्थलों का महत्व

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

चारों कुंभ स्थलों का महत्व: भारतीय संस्कृति का आध्यात्मिक चमत्कार

भारत में चार स्थान ऐसे हैं, जो कुंभ मेले के आयोजन का पवित्र केंद्र बनते हैं – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। इन स्थलों का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि ये भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक भी हैं।

प्रयागराज: गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम। यहां कुंभ में स्नान से जीवन की शुद्धि और पापों का नाश होता है।
हरिद्वार: गंगा नदी का प्रवेश द्वार। यहां स्नान से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।
उज्जैन: क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित, यह स्थल भगवान महाकालेश्वर से जुड़ा है। यहां कुंभ अध्यात्म और शिव आराधना का केंद्र है।
नासिक: गोदावरी नदी के तट पर बसा यह स्थान रामायण और अमृत मंथन की कहानियों से जुड़ा है।

चारों स्थलों पर कुंभ मेला एक ऐसा अनुभव है, जो आस्था, परंपरा और आध्यात्मिकता को जीवंत करता है।

गाथा के साथ जानिए इन पवित्र स्थलों की कहानियां और इनके महत्व की गहराई।

अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

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अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

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अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

Release Date

14 January, 2025

Duration

10min 03sec

अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

कुंभ मेले की पहचान सिर्फ स्नान और आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके केंद्र में हैं अखाड़े, जो सनातन धर्म की परंपरा, साधना और शौर्य का प्रतीक हैं।

अखाड़ों का महत्व:
अखाड़े विभिन्न संत परंपराओं और साधुओं के संगठन हैं। ये न केवल धर्म की रक्षा करते हैं, बल्कि समाज को ज्ञान, योग, और भक्ति का मार्ग दिखाते हैं।

⚔ आध्यात्म और शौर्य का संगम:
अखाड़ों में साधु अपने शारीरिक और मानसिक बल का प्रदर्शन करते हैं। वे कुंभ मेले में अपने धर्मध्वज के साथ प्रवेश करते हैं, जिसे शाही स्नान के रूप में जाना जाता है।

🕉 प्रमुख अखाड़े:
जैसे जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा आदि। हर अखाड़े की अपनी परंपरा और इतिहास है।

गाथा के साथ जानिए अखाड़ों की कहानियां, उनकी परंपराएं और कुंभ मेले में उनके योगदान की अद्भुत गाथा।

कुंभ के प्रकार

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कुंभ के प्रकार

कुंभ के प्रकार

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कुंभ के प्रकार

Release Date

17 January, 2025

Duration

9min 42sec

कुंभ के प्रकार

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

इस गाथा में हम कुंभ मेले के प्रकारों की रोचक और विस्तृत कहानी साझा करेंगे। दरअसल, कुंभ मेला चार प्रकार का होता है- कुंभ, अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ। पूर्ण कुंभ: 12 वर्षों में एक बार
अर्ध कुंभ: हर 6 साल में
महाकुंभ: 144 वर्षों में एक बार
कुंभ स्नान: विशेष ग्रह-नक्षत्र योग में

हर कुंभ का अपना महत्व, अपनी महिमा है

कुम्भ में  स्नान का महत्व

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कुम्भ में स्नान का महत्व

कुम्भ में स्नान का महत्व

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कुम्भ में  स्नान का महत्व

Release Date

14 January, 2025

Duration

06min 05sec

कुम्भ में स्नान का महत्व

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

कुंभ मेले में स्नान का महत्व: पवित्रता की ओर एक कदम

कुंभ मेले में नदियों में स्नान करना सिर्फ एक परंपरा नहीं, यह आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम है। मान्यता है कि गंगा, यमुना और सरस्वती जैसे पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कुंभ के दौरान इन नदियों का जल अमृतमय हो जाता है। स्नान करने से केवल शरीर ही नहीं, मन और आत्मा भी शुद्ध होती है। यह एक ऐसा अनुभव है, जो व्यक्ति को अपने भीतर की गहराइयों को समझने और आध्यात्मिक शांति पाने में मदद करता है।

गाथा के साथ जानिए, कुंभ मेले में स्नान से जुड़ी कहानियां और धार्मिक रहस्यों की गहराई।

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अंतरिक्ष की वीरांगना: कल्पना चावला

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अंतरिक्ष की वीरांगना: कल्पना चावला

अंतरिक्ष की वीरांगना: कल्पना चावला

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अंतरिक्ष की वीरांगना: कल्पना चावला

Release Date

10 October, 2024

Duration

10min 03sec

अंतरिक्ष की वीरांगना: कल्पना चावला

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Arti Srivastava

“कल्पना चावला: वो नाम जिसने अंतरिक्ष की अनंत ऊंचाइयों को छूकर हर भारतीय को गर्व से भर दिया। अंतरिक्ष में जाने वाली भारत की पहली महिला, कल्पना का सपना बचपन से ही आसमान से परे देखने का था। उनकी यह जिज्ञासा और मेहनत उन्हें अंतरिक्ष तक ले गई। 1997 में पहली बार अंतरिक्ष में कदम रखने के बाद, उन्होंने अपनी दूसरी उड़ान के दौरान 2003 में सभी के दिलों में अमर हो गईं। कल्पना की कहानी न केवल उनकी उपलब्धियों का वर्णन करती है, बल्कि हर उस व्यक्ति को प्रेरित करती है जो बड़े सपने देखता है।

पूरी कहानी सुनने के लिए आज ही डाउनलोड करें Gaatha ऐप और सुनें उनकी अविस्मरणीय यात्रा की दास्तान।”

कुंभ और विज्ञान

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कुंभ और विज्ञान

कुंभ और विज्ञान

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कुंभ और विज्ञान

Release Date

29 January, 2025

Duration

12min 51sec

कुंभ और विज्ञान

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava
कुम्भ मेले का इतिहास

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कुम्भ मेले का इतिहास

कुम्भ मेले का इतिहास

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कुम्भ मेले का इतिहास

Release Date

14 January, 2025

Duration

06min 08sec

कुम्भ मेले का इतिहास

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

कुंभ मेला, विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन, भारत की संस्कृति और आस्था की अद्भुत मिसाल है। इसकी शुरुआत पौराणिक कथा से होती है, जब समुद्र मंथन के दौरान अमृत कुंभ को लेकर देवता और असुरों के बीच संघर्ष हुआ। उस संघर्ष के दौरान अमृत की बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। इन चार स्थानों पर ही आज कुंभ मेले का आयोजन होता है।

हर 12 साल में लाखों श्रद्धालु इन पवित्र स्थलों पर स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाने और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करने आते हैं। यह मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारत की विविधता और एकता का प्रतीक भी है।

आइए, इस अद्भुत परंपरा को समझें और गर्व करें अपनी सांस्कृतिक धरोहर पर।

कुम्भ में  स्नान का महत्व

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कुम्भ में स्नान का महत्व

कुम्भ में स्नान का महत्व

×
×
कुम्भ में  स्नान का महत्व

Release Date

14 January, 2025

Duration

06min 05sec

कुम्भ में स्नान का महत्व

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

कुंभ मेले में स्नान का महत्व: पवित्रता की ओर एक कदम

कुंभ मेले में नदियों में स्नान करना सिर्फ एक परंपरा नहीं, यह आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम है। मान्यता है कि गंगा, यमुना और सरस्वती जैसे पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कुंभ के दौरान इन नदियों का जल अमृतमय हो जाता है। स्नान करने से केवल शरीर ही नहीं, मन और आत्मा भी शुद्ध होती है। यह एक ऐसा अनुभव है, जो व्यक्ति को अपने भीतर की गहराइयों को समझने और आध्यात्मिक शांति पाने में मदद करता है।

गाथा के साथ जानिए, कुंभ मेले में स्नान से जुड़ी कहानियां और धार्मिक रहस्यों की गहराई।

Paramveer Chakra Joginder Singh- Jay Gaan

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Paramveer Chakra Joginder Singh- Jay Gaan

Paramveer Chakra Joginder Singh- Jay Gaan

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Paramveer Chakra Joginder Singh- Jay Gaan

Release Date

13 March, 2024

Duration

10min 14sec

Paramveer Chakra Joginder Singh- Jay Gaan

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Sandeep Dwivedi

सूबेदार जोगिंदर सिंह शूरसैनी राजपूत (26 सितंबर 1921 – 23अक्टूबर1962) सिख रेजिमेंट के एक भारतीय सैनिक थे। इन्हें 1962 के भारत-चीन युद्ध में असाधारण वीरता के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।साल 1962 का भारत-चीन युद्ध में एक हीरो ऐसा भी था जिसने गोली लगने के बाद भी हार नहीं मानी और युद्ध के मैदान में डटा रहा. ये हीरो कोई और नहीं बल्कि सूबेदार जोगिंदर सिंह थे,जोगिंदर सिंह ने ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के नारे लगाते हुए चीनी सेना पर हमला किया था और अकेले फौज पर भारी पड़े|

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नवरात्रि नौवाँ दिन – मां सिद्धिदात्री

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नवरात्रि नौवाँ दिन – मां सिद्धिदात्री

नवरात्रि नौवाँ दिन – मां सिद्धिदात्री

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नवरात्रि नौवाँ दिन – मां सिद्धिदात्री

Release Date

14 October, 2021

Duration

07min 10sec

नवरात्रि नौवाँ दिन – मां सिद्धिदात्री

Narrator

  • Pooja Srivastava

Genre

  • Dharm- Adhyatm
  • Festival Specific
  • Spiritual

Maa Siddhidatri

मां  दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्रि-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।

Dari Hui Aurat

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Dari Hui Aurat

Dari Hui Aurat

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Dari Hui Aurat

Release Date

24 February, 2023

Duration

18min 14sec

Dari Hui Aurat

Writer

  • रवींद्र कालिया

Narrator

  • Pooja Srivastava

Genre

  • Love aur romance

डरी हुयी औरत – रवींद्र कालिया – पूजा श्रीवास्तव

यूं तो  तुलना और गौतम एक खुशहाल शादीशुदा ज़िन्दगी व्यतीत कर रहे हैं ।इन दोनों यानि कि तुलना और गौतम का एक बेहद करीब मित्र है खुशवंत। तुलना कहीं ना कहीं खुशवंत के व्यक्तित्व से प्रभावित है।क्या यही वजह है कि तुलना के मन में एक अजीब सा भय है कि कहीं उसकी खुशवंत के प्रति  जो भावना है वह उसकी शादी- शुदा ज़िन्दगी को प्रभावित ना कर दे?क्या गौतम को भी इस बात का अंदाजा है? पूरी कहानी जानने के लिए सुने रवीन्द्र कालिया के द्वारा लिखी गई कहानी डरी हुई औरत,पूजा श्रीवास्तव की आवाज़ में…

Ajnabi

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Ajnabi

Ajnabi

10
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Ajnabi

Release Date

6 December, 2021

Duration

20min 00sec

Ajnabi

Narrator

  • Pooja Srivastava

Genre

  • Bollywood Diaries
sometimes one feels freer speaking to a stranger than to people one knows. Why is that?
listen and enjoy such an interesting talks about “AJNABI”
Chitthi aayi hai (चिट्ठी आई है)

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Chitthi aayi hai (चिट्ठी आई है)

Chitthi aayi hai (चिट्ठी आई है)

3.0
×
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Chitthi aayi hai (चिट्ठी आई है)

Release Date

11 September, 2020

Duration

9min 04sec

Chitthi aayi hai (चिट्ठी आई है)

Writer

  • Kamlesh Bhatt Kamal

Narrator

  • Pooja Srivastava

Genre

  • Fiction
  • Social
  • Stories(Kahani)

कहानी में दो जिगरी दोस्त मक्खन और प्रवीण एक दूसरे से काफी समय के बाद मिलते हैं | प्रवीर ,मक्खन से उसकी निजी जिंदगी में उसकी पत्नी लाली के बारे में जानना चाह रहा है |मक्खन ,प्रवीर को क्या बतलाता है? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कमलेश भट्ट के द्वारा लिखी गई कहानी, चिट्ठी आई है “”,पूजा श्रीवास्तव की आवाज में …

Gainda part 4 (गैंडा – भाग- 4)

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Gainda part 4 (गैंडा – भाग- 4)

Gainda part 4 (गैंडा – भाग- 4)

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Gainda part 4 (गैंडा – भाग- 4)

Release Date

4 May, 2020

Duration

21min 28sec

Gainda part 4 (गैंडा – भाग- 4)

Writer

  • Shivani

Narrator

  • Pooja Srivastava

Genre

  • Classics
  • Gainda
  • Love aur romance
  • Samajik
  • Social

गैंडा- मोटी चमड़ी का , थोड़ा कुरूप सा दिखने वाला प्राणी। राज मेहरा, सुपर्णा की बचपन की सहेली थी और स्कूल कॉलेज की हर प्रतियोगिता में पूरे समय बराबर रहकर अन्त में बाज़ी मार ले जाती थी । जब काफ़ी समय बाद दोनो सहेलियाँ मिली तो अपने सुदर्शन फौजी पति के सामने राज के मोटे काले पति को देखकर सुपर्णा को ना जाने क्यों बहुत सन्तोष हुआ था। पर जब रूपसी वाचाल राज , सुपर्णा के घर रहने आयी और सहेली के पति को ही पुरस्कार की तरह जीत लिया, तब सुपर्णा ये विश्वासघात सहन ना कर पायीं. फिर सुपर्णा ने उस आघात को कैसे झेला? क्या एक पत्नी , सहेली के सामने एक बार फिर हार गयी या उसने एक ऐसा कदम उठाया जिसके बारे में राज ने कल्पना भी ना करी थी . जानिए शिवानी की इस कहानी “गैंडा “ में … ((सुनिए शिवानी जी की लेखनी का जादू इस कहानी गैंडा में , जहाँ एक सहेली और पत्नी के मनोभवों को बड़ी सुंदरता और सजीवता से प्रस्तुत किया गया है )

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