राष्ट्रीय कवि, लेखक, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी एक भारतीय आत्मा माखनलाल चतुर्वेदी की ज़िंदगी पर पहली बार एक घंटे की बायोपिक फ़िल्म। इस फ़िल्म में माखनलाल चतुर्वेदी की ज़िंदगी के अनेक पहलुओं को उजागर किया गया है। माखनलाल चतुर्वेदी काल कोठरी में भी रात रात भर जाग कर कविता लिखते थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सबसे प्रेरणादायी कविता – चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊँ— की रचना भी उन्होंने जेल में ही की। यह सब आप सुन सकते हैं ख़ुद माखनलाल चतुर्वेदी की आवाज़ में। अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिए माखनलाल चतुर्वेदी को कई बार जेल जाना पड़ा। ब्रिटिश सरकार ने उनपर राजद्रोह का मुक़दमा चलाया लेकिन माखनलाल चतुर्वेदी अपने निर्भीक पत्रकारिता से कभी नहीं हटे। प्रभा, प्रताप और कर्मवीर जैसे पत्रिकाओं के माध्यम से उन्होंने अँगरेज़ी सरकार का जमकर विरोध किया और पूरे देश में राष्ट्रीयता की भावना जगाई। अपने शानदार साहित्यिक लेखन के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले वे पहले व्यक्ति थे। देखिए एक भारतीय आत्मा माखनलाल चतुर्वेदी की जीवन गाथा पर बनी एक शानदार फ़िल्म।
रामकथा के मूर्धन्य रचनाकार, अँगरेज़ी हिंदी शब्दकोश के रचयिता और हिंदी के प्रकांड पंडित फ़ादर कामिल बुल्के यानी बाबा बुल्के एक ऐसे विद्वान थे जो भारतीय संस्कृति और हिंदी से जीवन भर प्यार करते रहे, एक विदेशी होकर नहीं बल्कि एक भारतीय होकर।
रामकथा के महत्व को लेकर बाबा बुल्के ने वर्षों शोध किया और देश-विदेश में रामकथा के प्रसार पर प्रामाणिक तथ्य जुटाए। उन्होंने पूरी दुनिया में रामायण के क़रीब तीन सौ रूपों की पहचान की। रामकथा पर विधिवत पहला शोध कार्य बाबा बुल्के ने ही किया, जो हिंदी शोध के क्षेत्र में एक मानक है। विरासत के इस कार्यक्रम में बाबा बुल्के के जीवन से जुड़े अनेक रोचक प्रसंगों को पहली बार दिखाया गया है। हम कह सकते हैं कि टेलीविजन के इतिहास में पहली बार बाबा बुल्के के जीवन और व्यक्तित्व-कृतित्व पर इतनी विस्तृत और मनोरंजक जानकारी दी गई है।
Anchor: Rajesh Badal
A lighthouse of literary values and epitome of rational thought, ‘Gurudev’ Rabindranath Tagore is regarded as the man who shaped the Bengali literature, art and Indian philosophy in the modern times. Recipient of Nobel prize in Literature, Rabindranath Tagore is revered in India and the world by young and old alike for his monumental contributions in various fields. In this two hour biopic which is the most extensive production in Hindi on the Bengali polymath, Rajya Sabha TV brings you a detailed account of various faces of Tagore — that of a poet, painter, musician, humanist, educationist, nationalist, and more. Also on this series, watch the interview of Gurudev’s close family and associates where we retrace his glorious life. Anchor: Rajesh Badal
राष्ट्रकवि, लेखक और पत्रकार मैथिलीशरण गुप्त की ज़िंदगी पर पहली बार एक घंटे की बायोपिक फ़िल्म। इस फ़िल्म में मैथिलीशरण गुप्त की ज़िंदगी के अनेक अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है। ब्रजभाषा में अपनी कविता शुरू करने वाले मैथिलीशरण गुप्त महावीर प्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा से खड़ी बोली हिंदी के अग्रणी कवि बन गए। उन्होंन खड़ी बोली को एक काव्य-भाषा के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । साहित्य जगत में दद्दा नाम से लोकप्रिय मैथिलीशरण गुप्त की कालजयी कृति भारत-भारती ने राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान नई राजनीतिक और सामाजिक चेतना जगाई। राष्ट्रवाद और ऐतिहासिक गौरव को आधार बनाकर उन्होंने अनमोल रचनाएं की। अपनी बेबाक लेखनी के लिए मैथिलीशरण गुप्त को आज़ादी के आंदोलन के दौरान जेल भी जाना पड़ा। अपने शानदार साहित्यिक लेखन के लिए पद्म भूषण से सम्मानित राष्ट्रकवि मैथिलीशरण की जीवन गाथा पर बनी एक शानदार फ़िल्म।
Anchor: Rajesh Badal
‘Main Jagjit’ — An exclusive series by RSTV chronicles the outstanding life of the beloved Ghazal maestro Jagjit Singh.
As we have shown the jagjit and chitra singh Ghazal legacy in the second part. We will now see how pain and melancholy in Jagjit’s voice gave vent to the feelings of many. We will also explore how he revived Ghalib’s poetry into melodious Ghazals and musical.
Jagjit Singh – A man for all seasons, Popularly known as the ‘Ghazal King’, he sang and composed a number of memorable Ghazals, folk & devotional songs which are highly acclaimed by both critics and people world over.
There is another world behind Jagjit Singh’s musical legacy which is equally interesting and exciting. Watch the ‘Main Jagjit’ series, where we unravel and explore more about Jagjit Singh, his life, his music and his wife Chitra Singh.
Anchor: Rajesh Badal
‘Sur Samrat’ – An exclusive series in two part by RSTV chronicles the outstanding life of the first superstar of Hindi film industry Kundan Lal Saigal. Kundan Lal Saigal was a singer, and actor in the early days of the Indian cinema. As a young man K L Saigal had several occupations. After he dropped out of school, he worked for a while as a railway timekeeper. Later he worked as a typewriter salesman this later occupation gave him the opportunity to travel widely in India. Watch the first episode of Sur Samrat series where we unravel and explore more about K L Saigal, his life, his popularity around the world. Anchor: Rajesh Badal
Reviews for: Makhanlal Chaturvedi