दिग्वलय – Alka saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
प्रेम की अलग-अलग अनुभूति होती है प्रेम मीरा और कृष्ण के मध्य भी था कहानी कुछ इसी तरह के भावों को आधुनिक समीकरण के रूप में ढाल दिया गया है कहानी का नायक अभिनव एक शादीशुदा युवक है जिसकी मित्रता अनीता के साथ हो जाती है ।उनकी मित्रता में एक अजीब सी आत्मीयता और लगाव है किंतु जैसे-जैसे अभिनव को सामाजिक मान मर्यादा की तरफ ध्यान आकर्षित होता है उसके अंदर अजीब सी बेचैनी उत्पन्न हो जाती है ।अभिनव की यह बेचैनी उसे किस हद तक ले जाएगी? जानेंगे अलका सैनी के द्वारा लिखी गई कहानी दो नावों में सवार, शिवानी आनंद की आवाज़ में..
रेवती एक आधुनिक युग की लड़की है जिसे रूढ़िवादी विचार न तो पसंद हैं और न ही वह उन्हें अपना सकती है। वह हर कदम पर समाज से लड़ते हुए अंत में अपने बॉस प्रशांत से विवाह का निर्णय लेती है जोकि उसकी बिरादरी का नही है।
असली पूँजी – Alka saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
जिज्ञासा और अनीता कॉलेज के दिनों की बहुत पक्की सहेलियां हैं जिज्ञासा शुरू से पढ़ाई में तेज रही है और उसने अनीता की हमेशा पढ़ाई में मदद किया| जिज्ञासा शादी के बाद अपने पति और अपने एक बेटी के साथ अपने घर गृह गृहस्थी में बहुत खुश है किंतु जब वह आज अपनी बेटी के कॉलेज में अपनी पक्की दोस्त अनीता को प्रिंसिपल के रूप में देखकर अपने को उसके आगे हीन समझने लगी। किंतु क्या अनीता की ज़िंदगी को जानने के बाद उसे समझ में आता है कि जीवन की असली पूंजी क्या होती है? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अलका सैनी के द्वारा लिखी गई कहानी असली पूंजी, शिवानी आनंद की आवाज़
मीनाक्षी और सुचेता कम समय में ही गहरी मित्र बन चुकी थी। एक दूसरे के मन को समझती थी और हर बात सांझा भी करती। मीनाक्षी को पति से प्रेम न मिलने की बात तो सुचेता जानती थी लेकिन मीनाक्षी किसी और को चाहने लगी है और अपने को पूरी तरह उसके चरणों में समर्पित कर चुकी है ये बात वो सुचेता को कैसे बताए वो समझ नही सकी।
उर्वशी एक आधुनिक लड़की है जो होशियार होने के साथ ही जीवन में कुछ कर दिखाने की चाहत रखती है। प्रेम विवाह कर पति से उपेक्षित होने के बाद भी उसने हिम्मत न हारते हुए अपनी जिंदगी में कुछ कर दिखाने की चाहत को पूरा करने का प्रयास किया जिसमें उसकी खूबसूरती ही उसके लिए सबसे बड़ी बाधा बन गई। उसकी जिंदगी एक कटी पतंग की तरह झूलने लगी।
Manjil (मंजिल) – Alka Saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
अपने संघर्षों को अपनी ताकत बना कर, जीवन की चुनौतियों का सामना करके, एक ऐसा लक्ष्य रखना जिस पर सबको फ्रक हो सके। कुछ ऐसी ही कहानी है अभी-अभी कॉलेज में दाखिला लेने वाली लड़की प्रतीक्षा की। प्रतीक्षा को किन -किन संघर्षों का सामना करना पड़ा और उन चुनौतियों ने उसे जीवन में क्या लक्ष्य दिया ?सुनिए अलका सैनी की लिखी कहानी मंजिल में, शिवानी आनंद की आवाज़ में..
एक बार पुरुषार्थ और भाग्य में इस बात पर ठन गई कि कौन बड़ा है। राजा विक्रमादित्य ने किस प्रकार झगड़े का अंत किया ? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में सिंहासन बत्तीसी की कहानियों में से एक कहानी सिंहासन बत्तीसी-तीसरी पुतली चन्द्रकला
हस्तिनापुर के महाराज शांतनु ने गंगा से विवाह किया |गंगा का आठवां पुत्र देवव्रत (भीष्म )के रूप में जाने गए| आगे चलकर देवव्रत भीष्म ने क्या अखंड प्रतिज्ञा ली? जो भीष्म प्रतिज्ञा’’ के रूप में सदैव प्रख्यात रही है| इसे जानने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी भीष्म जन्म तथा अखंड प्रतिज्ञा, शिवानी आनंद की आवाज में…
पांडु जेष्ठ पुत्र युधिष्ठिर धर्मराज के रूप में विश्व में जाने जाते रहे हैं |कहानी में इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण मिलता है| जब यक्ष के प्रश्नों का उत्तर युधिष्ठिर के अन्य भाई नहीं दे पाते हैं ,तो उन सबको मृत्यु प्राप्त हो जाती है किंतु युधिष्ठिर यक्ष के प्रश्नों के उत्तर देकर यक्ष को प्रसन्न कर देते हैं और अपना मनचाहा वरदान भी प्राप्त कर लेते हैं |कैसे? इसे जानने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी यक्ष और युधिष्ठिर संवाद भाग -1 शिवानी आनंद की आवाज में …
कुसुम नवीन बाबू जी की पुत्री है। शादी के बाद उसका पति उससे किसी भी तरह का कोई वैवाहिक संबध नहीं रखता है। कुसुम को इस बात का कारण नहीं समझ आ रहा ।मायके से वो अपने पति को इसी संदर्भ में कई पत्र लिखती जिसमें पूर्ण सम्पर्ण की पराकाष्ठा उडेल देने के बाबजूद उसका पति उसे कोई उत्तर नहीं देता। आगे जानने के लिये कि आखिर क्या वज़ह है कि कुसुम के साथ ऐसा व्यवहार होने का,क्या कुसुम अपने आत्म सम्मान की रक्षा कैसे करती है सुनते हैं प्रेमचंद जी के द्वारा लिखी कहानी कुसुम सुमन वैद्य जी की आवाज़ में..।
बंशी रखकर साकी क्षणभर बेगम के पास आकर खडी हुई। उसका शरीर काँपा, ऑंखें जलने लगी, कंठ सूख गया। वह घुटने के बल बैठकर बहुत धीरे-धीरे अपने आंचल से बेगम के मुख का पसीना पोंछने लगी। इसके बाद उसने झुककर बेगम का मुँह चूम लिया। बादशाह जब शिकार से लौटते हैं ,तो अपनी बेगम को बेसुध देखकर बहुत क्रोधित होते हैं |बेगम सलीमा इस बात से अनभिज्ञ होती है ,उसके समीप रहने वाली साकी एक पुरुष है |बादशाह को जब यह ज्ञात होता है तो इसका जिम्मेदार बेगम सलीमा को समझते हैं | बेगम सलीमा बिना किसी खता होने पर भी अपने को इस बात का जिम्मेदार समझते हुए मृत्यु को अपना लेती है | क्या होता है? जब बादशाह को इस बात का पता चलता है कि इस पूरे प्रकरण में उनकी बेगम सलीमा का कोई दोष नहीं था | जानने के लिए सुनते हैं आचार्य चतुरसेन शास्त्री के द्वारा लिखी गई नामालूम सी एक खता ,अमित तिवारी जी की आवाज में…
गैंडा- मोटी चमड़ी का , थोड़ा कुरूप सा दिखने वाला प्राणी। राज मेहरा, सुपर्णा की बचपन की सहेली थी और स्कूल कॉलेज की हर प्रतियोगिता में पूरे समय बराबर रहकर अन्त में बाज़ी मार ले जाती थी । जब काफ़ी समय बाद दोनो सहेलियाँ मिली तो अपने सुदर्शन फौजी पति के सामने राज के मोटे काले पति को देखकर सुपर्णा को ना जाने क्यों बहुत सन्तोष हुआ था। पर जब रूपसी वाचाल राज , सुपर्णा के घर रहने आयी और सहेली के पति को ही पुरस्कार की तरह जीत लिया, तब सुपर्णा ये विश्वासघात सहन ना कर पायीं. फिर सुपर्णा ने उस आघात को कैसे झेला? क्या एक पत्नी , सहेली के सामने एक बार फिर हार गयी या उसने एक ऐसा कदम उठाया जिसके बारे में राज ने कल्पना भी ना करी थी . जानिए शिवानी की इस कहानी “गैंडा “ में … ((सुनिए शिवानी जी की लेखनी का जादू इस कहानी गैंडा में , जहाँ एक सहेली और पत्नी के मनोभवों को बड़ी सुंदरता और सजीवता से प्रस्तुत किया गया है )
चुनावी-रण – Alka saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
आयशा वैसे तो 5 वर्ष से राजनैतिक क्षेत्र से जुड़ी हुयी थी किन्तु चुनावी रण में आने वाली सि्थतियों से वो समझ गयी चुनाव लड़ना कोई आसान काम नहीं।आयशा को यह एहसास किस प्रकार हुआ जानते चुनावी रण में शिवानी आंनद की आवाज़ में…
रीना ने अभी तक शादी नहीं की है क्योंकि उसे अपने हिसाब से उपयुक्त जीवनसाथी नहीं मिल रहा है इसी बात को छेड़ते हुए उसकी मित्र अनुजा उसे कविता मैडम का उदाहरण देती है कविता मैडम ने काफी उम्र बढ़ने पर शादी की है कविता मैडम की जिंदगी में क्या-क्या उतार-चढ़ाव आए और उन्होंने इतनी बड़ी उम्र में विवाह क्यों किया पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं मालती जोशी की लिखी कहानी हादसे और हौसले शिवानी खरे की आवाज में .
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