रेवती एक आधुनिक युग की लड़की है जिसे रूढ़िवादी विचार न तो पसंद हैं और न ही वह उन्हें अपना सकती है। वह हर कदम पर समाज से लड़ते हुए अंत में अपने बॉस प्रशांत से विवाह का निर्णय लेती है जोकि उसकी बिरादरी का नही है।
अवंतिका की शादी प्रभाकर से हो चुकी है और उसकी एक बच्ची भी है लेकिन नरेन जिसे वो जी जान से चाहती थी, उसे वर्षों बाद अपने सामने देख और कही चलकर बात करने के आग्रह को वो टाल न सकी। लेकिन चाहकर भी वो नरेन को उसके धोखे के लिए क्षमा नहीं कर सकी।
दिग्वलय – Alka saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
प्रेम की अलग-अलग अनुभूति होती है प्रेम मीरा और कृष्ण के मध्य भी था कहानी कुछ इसी तरह के भावों को आधुनिक समीकरण के रूप में ढाल दिया गया है कहानी का नायक अभिनव एक शादीशुदा युवक है जिसकी मित्रता अनीता के साथ हो जाती है ।उनकी मित्रता में एक अजीब सी आत्मीयता और लगाव है किंतु जैसे-जैसे अभिनव को सामाजिक मान मर्यादा की तरफ ध्यान आकर्षित होता है उसके अंदर अजीब सी बेचैनी उत्पन्न हो जाती है ।अभिनव की यह बेचैनी उसे किस हद तक ले जाएगी? जानेंगे अलका सैनी के द्वारा लिखी गई कहानी दो नावों में सवार, शिवानी आनंद की आवाज़ में..
हमदर्दी – Alka saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
एक अमीर आदमी बिना ज़रूरत के भी अपने ऊपर हजारों- लाखों रुपयों को बेमतलब में ख़र्च कर देता है किंतु किसी गरीब की एक छोटी सी मदद करने के लिए क्यों उसके हाथ सिकुड़ जाते हैं? अमीरी -गरीबी के रिश्तो को समझाती हुई अलका सैनी की एक कहानी हमदर्दी सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज़ में…
उर्वशी एक आधुनिक लड़की है जो होशियार होने के साथ ही जीवन में कुछ कर दिखाने की चाहत रखती है। प्रेम विवाह कर पति से उपेक्षित होने के बाद भी उसने हिम्मत न हारते हुए अपनी जिंदगी में कुछ कर दिखाने की चाहत को पूरा करने का प्रयास किया जिसमें उसकी खूबसूरती ही उसके लिए सबसे बड़ी बाधा बन गई। उसकी जिंदगी एक कटी पतंग की तरह झूलने लगी।
एक औरत यह सोचने पर क्यों विवश हो जाती है कि आखिर उसका एक औरत होने के नाते उसका वजूद क्या है ?आज चेतना भी यही सोचने को विवश है जब तक मां-बाप के साथ थी, तब तक उन पर निर्भर थी और आज अपने पति पर निर्भर है। आखिर चेतना ऐसा सोचने के लिए क्यों मज़बूर है ? चेतना के साथ क्या घटित हुआ ?जानिए अलका सैनी के द्वारा लिखी गई कहानी वज़ूद में शिवानी आनंद की आवाज़ में..
यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो अपनी बाल विधवा पड़ोसन से प्रेम तो करता है किंतु समाज और अन्य भय से कह नहीं पाता। वहीं उसका एक मित्र जो कि उसी से कविताएं सीखने आता है, उसी की लिखी कविताएं सुनाकर उसकी पड़ोसन से प्रेम विवाह कर लेता है।
एक बार महाराज ,राजपुरोहित और तेनालीराम सर्दी के मौसम में अपने राजमहल में टहल रहे थे | महाराज ने सर्दियों की मौसम की सबसे अच्छी मिठाई खाने की इच्छा जाहिर की| ऐसे में तेनाली रामा ने किस मिठाई को सर्दियों की सबसे अच्छी और मनपसंद मिठाई कहा? इस रोचक किस्से को जानने के लिए सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में तेनाली रामा की कहानियों में से एक कहानी तेनालीराम की मनपसंद मिठाई…
बचपन कितना मासूम होता है | कहानी 6- 7 साल की छोटी बच्ची की है जिसका खुद का दिया हुआ नाम है रानी मुखर्जी |बच्ची को एक परिवार गोद लेने के लिए आता है किंतु बच्ची इस बात से पूरी तरीके से अनभिज्ञ है | क्या होता है आगे कहानी में जाने के लिए सुनते हैं संध्या त्रिपाठी जी के द्वारा लिखी गई कहानी रानी मुखर्जी की गुड़िया,पूजा श्रीवास्तव की आवाज में आवाज में
Awoman with great look, good taste was still not getting the attention from her husband. Each day the distance was impacting huge among their relationship that prompted the lady to leave her house.
मेला – ममता कालिया – शैफाली कपूर
कहानी में प्रयागराज में लगे कुंभ मेले का दृश्य है जहां दूर-दूर से लाखों की संख्या में लोग अपने पाप को धोने के लिए संगम में डुबकी लगाने आते हैं। क्या मात्र डुबकी लगाकर पाप से मुक्त हुआ जा सकता है ?क्या वास्तव में अध्यात्म को भी एक पेशे की दृष्टि से अपनाया जाता है? आस्था ,परंपरा इन सब बातों का अद्भुत संगम है इस कहानी में। इसी बात को रोचक ढंग से आधार बनाकर ममता कालिया ने कहानी मेला का ताना-बाना बुना है,जिसे शेफ़ाली कपूर ने उतने ही अनोखे अंदाज़ से अपनी आवाज़ से निखारा है।
एक सेवानिवृत्त व्यक्ति के दिनचर्या, उसकी सोच और उसके जीवन में आए बदलाव को आलोकित करती हुई यह गीत भावना तिवारी की आवाज में ….
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