दो सगी बहनों की कहानी जो एक ही युवक से प्रेम करती है किंतु जब छोटी बहन को यह पता लगता है कि मैं युवा उसकी बड़ी बहन से प्रेम करता है ऐसी स्थिति में छोटी बहन की क्या मनोदशा होती है निर्मल वर्मा द्वारा लिखी गई कहानी दहलीज सुनते हैं सुमन वैद्य की आवाज में
ऐसा अक्सर होता है कि एकांत में बैठकर हम अपनी यादों के पन्ने पलटते हैं उनका विश्लेषण करते हैं। कभी-कभी हम उन बातों को दूसरों के साथ साझा भी करते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है “धूप का टुकड़ा “जो हमें हमारे अतीत की ओर ले जाएगी।
हमारे पूर्व के साहित्य में और पश्चिम के साहित्य में स्पष्ट अंतर है उसे लेखक निर्मल वर्मा जी के द्वारा अपनी विचारधारा में साफ तौर पर स्पष्ट किया गया है उसे समझने का प्रयास करते हैं इस विचार गाथा में पूर्व एवं पश्चिम सुमन वैद्य जी की आवाज में
और मुझे लगा, जैसे उस शाम दूसरी बार किसी ने मुझसे अपने सच का प्रमाण माँगा हो। झाड़ी मुझसे सिर्फ तीन कदम दूर है तीन कदम भी नहीं, शायद उससे भी कम। मुझे वहाँ जाने में बहुत कम समय लगेगा। मैं पहले एक कदम लूँगा, फिर दूसरा और फिर वह मेरे सामने होगा। हर कदम मुझे उस झाड़ी के पास ले जाएगा जहाँ वह है, अब भी है। निर्मल वर्मा जी की कहानी चलती झाड़ी एक ऐसा वृतांत है जो रहस्यमई घटनाओं से भरा हुआ है क्विक सामान्य से दिखने वाले व्यक्ति को असहज कर देती है ऐसा ही कुछ होता है एक व्यक्ति से ऐसा जो कि अजनबी शहर में एक अजनबी स्थान पर बैठा हुआ है वहां पर आए हुए कुछ लोगों के व्यवहार से उसे ऐसा प्रतीत होता है जैसे वहां पर लोग उसे परिचित है इस पूरे रहस्य को सुनने के लिए सुमन जी की आवाज में जानते हैं कहानी जलती झाड़ी
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कहानी कुल्लू की खूबसूरत वादियों में घूमने आए एक पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर की है |वहां पर सेबों से लदे पेड़ों को देखकर उनका मन प्रफुल्लित हो उठता है और एक लड़के को इसलिए दंडित करते हैं क्योंकि उसने वहां से एक सेब को चुराया है वही प्रोफेसर साहब प्राचीन मंदिर से मूर्ति उठाकर अपने अपने साथ ले आते हैं तब उनके अंतर्मन से क्या अंतर्मन से क्या आवाज आती है? जानने के लिए सुनते हैं अज्ञेय के द्वारा लिखी गई कहानी सेब और देव
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सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते -काटते लोगों की उम्र बीत जाती है , पर काम कुछ नहीं होता है | ऐसा ही कुछ एक अधेड़ उम्र के आदमी के साथ हो रहा है| वह व्यक्ति अपने को परमात्मा का कुत्ता कहता है और सरकारी दफ्तर के लोगों को सरकारी कुत्ता |आखिर क्यों? समझते हैं उसकी पीड़ा को मोहन राकेश जी के द्वारा लिखी गई कहानी परमात्मा का कुत्ता में सुमन वैद्य जी की आवाज में….
श्रीमती ने बालपन में ही खेल -खेल में मंदिर के एक मुनि को अपना पति स्वीकार कर लिया | अब श्रीमती सयानी हो चुकी है तो उसके सामने विवाह के कई प्रस्ताव आ रहे हैं और वह सब को अस्वीकार कर रही है| क्या वास्तव में श्रीमती को मुनि पति के रूप में प्राप्त होते हैं? क्या मुनि गृहस्थ जीवन स्वीकार करते हैं ? इंद्र चंद्र शास्त्री जी के द्वारा लिखी गई कहानी प्रेम के धागे जानते हैं सुमन वैद्य जी की आवाज में …
स्टेशन के प्लेटफार्म में 2 औरतें जोर-जोर से लड़ रही है| उन दोनों औरतों का दावा एक छोटे दूध पीते बच्चे की मां होने का है| इस विषम परिस्थिति में जानने के लिए कि कौन उस बच्चे की वास्तविक मा है मां है? उसके पीछे क्या कहानी है? सुनते हैं भीष्म साहनी द्वारा लिखी गई कहानी माता -विमाता ,सुमन वैद्य जी की आवाज में
दीनानाथ को एक कार्यालय में जब₹50 की नौकरी मिल जाती है, तो उसकी ईश्वर के प्रति श्रद्धा और बढ़ जाती है| कहानी के एक प्रसंग में दीनानाथ द्वारा गलत कार्य हो जाता है जिसके कारण ईश्वर से दंड मिलने की शंका से दीनानाथ के मन में भय व्याप्त हो जाता है | क्या दीनानाथ का भय वास्तव में सत्य हो जाता है ?क्या दीनानाथ उसी प्रकार ईश्वर में आस्था रख पाता है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी बासी भात में खुदा का साझा ,सुमन वैद्य जी की आवाज में….
सामाजिक व्यवस्था के उस रूप को देखकर गरीब व्यक्ति की उस मनोदशा को दर्शाती यह कहानी जब वह श्रमजीवी लोगों को अपनी जैसी स्थिति में पाता है तो वह बिना श्रम के ही अपना जीवन व्यतीत करना चाहता है ऐसे में वह सारे मानवीय और आत्मीय रिश्तो को दफन कर देता है वो संवेदनाओ से विहीन होकर किसी अपने की मृत्यु का भी शौक नहीं करता अपितु उस बात का फायदा उठाकर अपनी जिंदगी का लुत्फ उठाना चाहता है । हृदयस्पर्शीऔर मार्मिक कहानी है मुंशी प्रेमचंद्र की कफन।
गैंडा- मोटी चमड़ी का , थोड़ा कुरूप सा दिखने वाला प्राणी। राज मेहरा, सुपर्णा की बचपन की सहेली थी और स्कूल कॉलेज की हर प्रतियोगिता में पूरे समय बराबर रहकर अन्त में बाज़ी मार ले जाती थी । जब काफ़ी समय बाद दोनो सहेलियाँ मिली तो अपने सुदर्शन फौजी पति के सामने राज के मोटे काले पति को देखकर सुपर्णा को ना जाने क्यों बहुत सन्तोष हुआ था। पर जब रूपसी वाचाल राज , सुपर्णा के घर रहने आयी और सहेली के पति को ही पुरस्कार की तरह जीत लिया, तब सुपर्णा ये विश्वासघात सहन ना कर पायीं. फिर सुपर्णा ने उस आघात को कैसे झेला? क्या एक पत्नी , सहेली के सामने एक बार फिर हार गयी या उसने एक ऐसा कदम उठाया जिसके बारे में राज ने कल्पना भी ना करी थी . जानिए शिवानी की इस कहानी “गैंडा “ में … ((सुनिए शिवानी जी की लेखनी का जादू इस कहानी गैंडा में , जहाँ एक सहेली और पत्नी के मनोभवों को बड़ी सुंदरता और सजीवता से प्रस्तुत किया गया है )
निशा निमंत्रण से लिया गया यह गीत जिसमें शाम होने पर किस प्रकार वातावरण बदल जाता है बड़ी ही खूबसूरती के साथ उल्लेख किया गया है
देश एक है, देशवासी भी एक हैं, राज्य अलग हैं, भाषाएँ अलग हैं और इसी की बुनियाद पे कई बार लोग आपस में बट जाते हैं|भेदभाव करने लगते हैं, पर इन सबसे अलग हो कर कोई अपनी धुन में मस्त होकर जीना चाहे भी तो लोग उसे जीने नहीं देते |फिर भी जीवन आगे बढ़ता जाता है , और इंसान खुश रहने के रास्ते निकाल ही लेता हैं , भाषाओं के आगे भी बहुत कुछ है…
शिकागो शहर में ग़रीब एंटोनी चौकीदारी का काम करता है रात के करीब 11:30 बजे एक कार से 3आदमी कार से उतरते हुए देखता है |उनमें से दो आदमी तीसरे आदमी का मर्डर कर देते हैं | एंटोनी यह सब देख लेता है और अंत में अपने एक डिटेक्टिव दोस्त एंथनी को सब बताता है | रोमांच और सस्पेंस से भरी कहानी शिकागो की एक रात में जा जान सकेंगे इसके पीछे की इस उलझी पहेली को
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