स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले बिपिन चंद्र पाल का जन्म 7 नवंबर, 1858 को अविभाजित भारत के हबीबगंज जिले में (अब बांग्लादेश में) एक संपन्न कायस्थ परिवार में हुआ था।स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गरम राष्ट्रवादी विचारों के प्रतीक रहे।
16 नवंबर 1930 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक ब्राह्मण परिवार में मिहिर सेन का जन्म हुआ था|पूरी दुनिया को और खासकर यूरोप को दिखा देना चाहते थे कि भारतीय कितने सक्षम हैं| ऐसा करने के लिए वे बस तैरना चाहते थे और जीतना चाहते थे|
बीबीसी की शुरुआत ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड के रूप में 18 अक्टूबर 1922 को एक निजी कंपनी के तौर जॉन रीथ ने की थी. 1926 में ब्रिटेन में आम हड़ताल के दौरान प्रसारण का बेखौफ अंदाज जनता को पसंद आया और ये ब्रिटेन की जनता का विश्वास जीतने में कामयाब हुआ
भारतीय नृत्य सम्राट शंभू महाराज का वास्तविक नाम ‘शंभूनाथ मिश्रा’ था। नृत्य के संग ठुमरी गाकर उसके भावों को विभिन्न प्रकार से इस अदा से शंभू महाराज प्रदर्शित करते थे कि दर्शक मुग्ध हुए बिना नहीं रह सकते थे ।शंभू महाराज को 1967 में ‘संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप’ से तथा 1956 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था।
21 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद सरकार की स्थापना हुई. आज़ाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से सुभाष चन्द्र बोस ने स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार बनाई.
अपना पूरा जीवन भारत की स्वतंत्रता के लिए समर्पित करने वाले लाला हर दयाल माथुर एक प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी थे ।उन्होंने प्रसिद्ध क्रांतिकारी ‘ग़दर पाटी’ का गठन किया। देशभक्ति के साथ साहित्य के क्षेत्र में उनका अहम योगदान रहा। बौद्ध संस्कृति साहित्य पर उनको ‘डॉक्टरेट’ की उपाधि से सम्मानित भी किया गया।
1874 में गठित हुई ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ की याद में जापान के टोक्यो में 09 अक्टूबर 1969 को आयोजित विश्व डाक संघ के सम्मेलन में इसी दिन ‘विश्व डाक दिवस’ मनाए जाने की घोषणा की गई और तभी से प्रतिवर्ष 09 अक्टूबर को ही अंतरराष्ट्रीय डाक सेवा दिवस मनाया जा रहा है।
“मां का हमारे जीवन में क्या महत्व है ये कविता बख़ूबी बताती है। मां के होने से ही हमारा जीवन सुखी है। कविता के भाव जानने के लिए जरूर सुनें ये कविता।”
सत्य की जीत के इस प्रसंग में द्युत सभा में युधिष्ठिर जब द्रौपदी को भी हार जाते हैं तब दुशासन द्वारा द्रौपदी का द्युत सभा में चीरहरण करने के आगे बढ़ता है पर अभी भी समस्त धर्माचार्य भीष्म पितामह ,द्रोणाचार्य ,विदुर सहित सभी इस दृश्य को देख मौन हैं ।तब द्रौपदी का चीत्कार पूरी सभा में गूंजता है ।द्वारिका प्रसाद महेश्वरी के द्वारा लिखी गई महाभारत में द्युत सभा का वर्णन नयनी दीक्षित की आवाज़ में
9 अक्टूबर 1949 आधुनिक प्रादेशिक सेना का गठन किया गया। प्रादेशिक सेना अधिनियम 1948 में पारित होने के बाद इसका गठन किया गया। पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने इसका उद्घाटन किया ।1962 ,1965 और 1971 के सैन्य अभियानों में इसकी सक्रिय रूप से इसे शामिल किया गया। रक्षा से जुड़ी कई ज़िम्मेदारियां निभाने में प्रादेशिक सेवा का अहम भूमिका रही है ।आतंक विरोधी अभियान में सेना की मदद ली जाती रही है। कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी भी प्रादेशिक सेना का हिस्सा हैं।
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