दुर्गा प्रसाद खत्री के द्वारा लिखी गई जासूसी उपन्यास रक्त मंडल 1923 में लिखी गई थी किंतु इसे 1926 में प्रकाशित किया गया| इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण था सी.आई.डी की नज़र इस उपन्यास पर पड़ गई थी और क्योंकि यह उपन्यास अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ था ,तो जब इसे प्रकाशित किया गया तो इस उपन्यास में आये देशों के नाम, राज्यों के नाम और किरदारों के नाम बदल दिए गए लेकिन जैसे-जैसे अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ ज्वाला भड़कने लगी उसके बाद रक्तमंडल के सारे किरदारों को सही नाम से प्रकाशित किया गया। इस उपन्यास की खास बात यह है कि यह उपन्यास हिन्दी खड़ी बोली का पहला जासूसी उपन्यास है जो अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लिखा गया था। सुनिए नयनी दीक्षित की आवाज़ में …