दुनिया की शहरी चुनौतियों पर जोर देने और नए शहरी एजेंडा की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को शामिल करने के लिए 2014 में यूएन-हैबिटेट द्वारा अर्बन अक्टूबर की शुरुआत की गई थी।
लीला सेठ का जन्म लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 20 अक्टूबर, 1930 को हुआ। लीला सेठ बचपन में ही पिता की मृत्यु के बाद विधवा मां के सहारे पली-बड़ीं और मुश्किलों का सामना करते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जैसे पद तक पहुंचने का सफर पूरा किया
विद्यार्थी एक ऐसे रचनाकार थे, जिन्होंने आजादी आंदोलन के दौर में दंगाई भीड़ के बीच भाईचारा कायम करने के लिए उन्होंने जान दे दी. आजादी के इस दीवाने और सांप्रदायिक सौहार्द के पुजारी गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का जन्म 26 अक्टूबर, 1890 को इलाहाबाद के अतरसुइया मौहल्ले में हुआ था |
30 सितंबर 1993 का दिन महाराष्ट्र के लातूर के लिए काला दिन था। 6.4 तीव्रता से आए भूकंप ने लातूर को तहस-नहस कर दिया ।इस भयानक त्रासदी में करीब 10000 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवायी और हजारों की संख्या में लोग घायल हुए कई विदेशी एजेंसियां और पूरे विश्व में भारत को इस त्रासदी से निपटने में अपना सहयोग दिया।
खंडू भाई देसाई का जन्म 23 अक्टूबर, 1898 ई. को गुजरात के वलसाड ज़िले में हुआ था। वलसाड में आरंभिक शिक्षा के बाद वे मुम्बई के विलसन कॉलेज में भर्ती हुए। परंतु 1920 में महात्मा गाँधी के असहयोग आंदोलन में कॉलेज का बहिष्कार करके बाहर आ गए।
बीबीसी की शुरुआत ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड के रूप में 18 अक्टूबर 1922 को एक निजी कंपनी के तौर जॉन रीथ ने की थी. 1926 में ब्रिटेन में आम हड़ताल के दौरान प्रसारण का बेखौफ अंदाज जनता को पसंद आया और ये ब्रिटेन की जनता का विश्वास जीतने में कामयाब हुआ
तिलिस्मी दुनिया जहां बड़े लोग, बड़े व्यापार, बड़ी पार्टियां, बड़ी सुंदरता ,बड़ी मारकाट ,बड़ी सफलता और चकाचौंध कर देने वाली जिंदगी को पाने के लिए इंसान ऐसी नींद के आगोश में चला जाता है कि उसके कारण वह अपने सच्चे रिश्ते, सच्चा प्यार और यहां तक की अपने से भी प्यार करना भूल जाता है |वह समझ नहीं पाता है कि उस नींद के बाहर की दुनिया अब उसके लिए कितनी अजनबी हो चुकी है ?एक आम -इंसान की रोजमर्रा की जिंदगी में आए हुए कई बदलावों को चित्रित करती हुई धीरेंद्र अस्थाना की कहानी नींद के बाहर ,सुनते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में
स्वर्गीय चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा सामाजिक समानता के प्रबल पक्षधर थे, उनके प्रयासों के चलते इस बांध का निर्माण संभव हुआ। 22 अक्टूबर 1963 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस बांध को राष्ट्र को समर्पित किया।
मीरा बेन का जन्म इंग्लैंड में साल 1892 को 22 नवंबर के दिन हुआ था। उनका असली नाम मेडेलीन स्लेड था। मेडेलीन मुंबई के नौसेना के ईस्ट इंडीज स्क्वाड्रन में कमांडर इन चीफ के पद पर तैनात सर एडमंड स्लेड की बेटी थीं। गाँधीजी के व्यक्तित्व के जादू में बँधी सात समंदर पार देश हिंदुस्तान चली आई और फिर यहीं की होकर रह गईं। गाँधी ने उन्हें नाम दिया था – ‘मीरा बेन’।
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