संयुक्त राष्ट्र दिवस 24 अक्टूबर को 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक निर्माण की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है
10 नवंबर 1920 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के अरवी में जन्मे दत्तोपंत ठेंगड़ी ने श्रमिक आंदोलनों को एक नयी दृष्टि और चेतना दी। राष्ट्र के औद्योगीकरण के साथ श्रम के राष्ट्रीयकरण के पक्षधर दत्तोपंत ठेंगड़ी ने भारतीयता के दर्शन को अपने जीवन में उतार कर उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने वैश्वीकरण को आर्थिक पक्ष तक सीमित न रह कर मानवतावादी सोच का आह्वान किया
साल 1996 में 20 अक्टूबर को पहली बार विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस (World Osteoporosis Day) मनाया गया था। जिसकी शुरुआत यूनाइटेड किंगडम के नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस सोसाइटी ने यूरोपीय आयोग के साथ मिलकर एक अभियान के साथ की थी।
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ़ भारत की आज़ादी की मांग करते हुए जिसने हंसते-हंसते अपनी अपनी आखिरी सांस भी कुर्बान करने में ऐसी निडरता दिखाई जो भारतीय इतिहास के पन्नों में एक मिसाल बन अंकित हो गई। महान क्रांतिकारी भगत सिंह के यह स्वर ‘इंकलाब जिंदाबाद’ सबकी रगों में देशभक्ति का संचार कर गया।
1983 मेंआज ही के दिन देश में पहली बार नई दिल्ली में राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था। यह राष्ट्रमंडल देशों का सातवां शिखर सम्मेलन था। इसकी अध्यक्षता भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी। यह सम्मेलन 29 नवंबर तक चला।
देश के पहले गैर राजनीतिज्ञ राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम, जिनको उनके विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा। भारत के मिसाइल मैन के नाम से जाने जाने वाले अब्दुल कलाम जी ने मिसाइल प्रणाली को उड़ान दी। ‘पद्म भूषण’ और ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित होने वाले वह एक पहले ऐसे राष्ट्रपति बने जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पूर्व ही ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया गया।
1983 मेंआज ही के दिन देश में पहली बार नई दिल्ली में राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था। यह राष्ट्रमंडल देशों का सातवां शिखर सम्मेलन था। इसकी अध्यक्षता भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी। यह सम्मेलन 29 नवंबर तक चला।
10 अक्तूबर के दिन वर्ष 1970 में 96 वर्ष के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के बाद फिजी को आधिकारिक रूप से स्वतंत्रता प्रदान की गई थी। फिजी दक्षिण प्रशांत महासागर में एक देश और द्वीप समूह है। यह न्यूज़ीलैंड के आकलैंड से करीब 2000 किमी |
रामनाथ एक क्रांतिकारी है | रामनाथ में पूरा जीवन भारत माता के लिए समर्पित कर दिया| जिसके चलते आप 30 वर्षों के बाद वह जेल से निकल पाया है |जेल से निकलने के पश्चात निशिकांत और उसकी पत्नी के पास पहुंचा है दोनों दंपत्ति रामनाथ का बेहद स्नेह के साथ ख्याल रख रहे हैं किंतु फिर भी रामनाथ उनके पास नहीं रहना चाहता आखिर क्यों विष्णु प्रभाकर की कहानी क्रांतिकारी जानते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में
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