Sukoon (सुकून)
फ़ैज़, ग़ालिब के शेरों से लेकर गुलज़ार की शायरी हम सब सुनते और सराहते है। उर्दू को मोहब्बत की ज़बान कहते है। ज़रा सोचिए, अगर इस मोहब्बत की ज़ुबान को, उर्दू शेरों शायरी को कोई सरल भाषा में ऐसे समझा दे जिससे कि उसकी मिठास सिर्फ़ ज़बान नहीं दिल में भी उतर जाए- तो कैसा रहे?
गाथा आपके लिए एक ऐसी ही ख़ास शृंखला ले कर आया है “सुकून”.
सुकून – एक ऐसा एहसास जिसमे इत्मिनान है , जिस लम्हे में दिल हल्का और खुश महसूस करता है ।
आमिर की पुरसुकूँ आवाज़ में आप सुनेंगे चुनिंदा शायरों की मशहूर नज़्में एक बहुत ही ख़ास अन्दाज़ में ।
आमिर अज़हर भारत के काव्य क्षितिज पर एक उभरती आवाज़ है। उन्हें साहित्य से बेहद लगाव है और स्वयं एक कवि हैं। वे लगभग 10 वर्षों से उर्दू कविता का अध्ययन कर रहे हैं। पेशेवर रूप से, वह इतिहास में पीएचडी स्कॉलर हैं।
बकौल उनके, उनका पेशा और उनका शौक, कविता बन कर एक रूप में उभरते है।