अपने तज़ुर्बे औरअपने एहसासों को अपनी नज़्म में पूरी तरीके से उड़ेल देने वाले शायर थे सुदर्शन फ़ाकिर ।उनकी कुछ बेहतरीन गज़ल जैसे हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराब, आई बरसात तो बरसात में दिल तोड़ दिया ।।बहुत चर्चित रही ।उनके जीवन के कई पहलुओं को जानते हुए उनकी खूबसूरत शायरियों का लुफ़्त लीजिए, आनंद कक्कड़ के साथ..
अनवर जलालपुरी की हर एक नगमें ज़मीनी हकीकत को बयां करती है ।भगवत गीता के श्लोकों को अपने उर्दू शायरी का ज़ामा पहनाकर शायर ने उसे एक सरल रूप दे दिया है ।उनकी शायरी में जवान नस्ल को कई तरह की हिदायतें भी दी गई ।उनकी खूबसूरत शायरियों का लुफ्त उठाएं आनंद कक्कड़ की आवाज़ में..
अनवर जलालपुरी की हर एक नगमें ज़मीनी हकीकत को बयां करती है ।भगवत गीता के श्लोकों को अपने उर्दू शायरी का ज़ामा पहनाकर शायर ने उसे एक सरल रूप दे दिया है ।उनकी शायरी में जवान नस्ल को कई तरह की हिदायतें भी दी गई ।उनकी खूबसूरत शायरियों का लुफ्त उठाएं आनंद कक्कड़ की आवाज़ में..
शायर आज अपने रकीब( प्रेम में उसका प्रतिद्वंदी )से कह रहा है कि वह कितना किस्मत वाला है कि उसे वास्तव में उसकी महबूबा का प्यार मिल रहा है, जबकि वह केवल अपनी कल्पनाओं में उसके प्रेम को महसूस कर पाया है| आमिर की खूबसूरत आवाज में सुनते हैं फैज़ अहमद फैज़ की नज़्म रकीब से…
गुलशन में बहार तभी आएगी जब महबूब आएगा ,यह खामोश गमगीन माहौल तभी खुशनुमा और रंगीन होगा जब महबूब का जिक्र होगा | शायर ने अपनी महबूबा की दिलकशी को अपने लफ्जों किस प्रकारसे सजाया है ?आमिर की खूबसूरत आवाज नहीं सुनते हैं अहमद फ़ैज़ की नज़्म “गुलों में रंग भरे”..
शायर ने उस इश्क का जिक्र किया है जो किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी टूटता नहीं है और हमेशा वैसे का वैसा ही बना रहता है |इश्क (प्रेम )हार- जीत से बहुत ऊपर होता है, शायर का मानना है कि इसमें सिर्फ जीता जा सकता है, हारने का तो सवाल ही नहीं होता…
शायर ने बड़े व्यंग्यात्मक ढंग से अपने देश को संबोधित करते हुए कहा है कि अब यहां कोई वतन -परस्त भी सुकून से नहीं रह सकता |यहां पर खास जगह जाने वालों के ऊपर पाबंदी है और जो लोगों को रोक रहे हैं, वह आवारा घूम रहे हैं| फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ द्वारा लिखी गई नज़्म “निसार में तेरी गलियां “को सुनते हैं आमिर की आवाज में…
Reviews for: Hardil Aziz Shayar: Sudarshan ‘Fakir’
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