शल्य पर्व में कर्ण की मृत्यु के पश्चात कृपाचार्य द्वारा सन्धि के लिए दुर्योधन को समझाना, सेनापति पद पर शल्य का अभिषेक, मद्रराज शल्य का अदभुत पराक्रम, युधिष्ठिर द्वारा शल्य और उनके भाई का वध, सहदेव द्वारा शकुनि का वध, बची हुई सेना के साथ दुर्योधन का पलायन, दुर्योधन का ह्रद में प्रवेश, व्याधों द्वारा जानकारी मिलने पर युधिष्ठिर का ह्रद पर जाना, युधिष्ठिर का दुर्योधन से संवाद, श्रीकृष्ण और बलराम का भी वहाँ पहुँचना, दुर्योधन के साथ भीम का वाग्युद्ध और गदा युद्ध और दुर्योधन का धराशायी होना, क्रुद्ध बलराम को श्री कृष्ण द्वारा समझाया जाना, दुर्योधन का विलाप और सेनापति पद पर अश्वत्थामा का अभिषेक आदि वर्णित है|इसे जानने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानीशल्य पर्व ,शिवानी आनंद की आवाज में…
सुबल और सुशील नामक पिता और पुत्र की ऐसी कहानी जिसमे इच्छा पूरी करने वाली देवी उन्हें अदला बदली का वरदान देकर उनकी इच्छा पूरी करती हैं लेकिन इस वरदान से तंग आकर वे पुनः देवी से उन्हें पहले जैसा कर देने की प्रार्थना करते हैं।
राजा कृष्णदेव राय के प्रिय सुनहरे पौधे को बकरी के खा जाने पर माली को दिए जाने वाले दंड को किस प्रकार तेनाली रामा राजा को अनुचित निर्णय लेने से रोकते हैं ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं तेनाली रामा की कहानियों में से एक कहानी सुनहरा पौधा शिवानी आनंद की आवाज में
भगवान श्री कृष्ण के द्वारा इस लोक का त्याग करने के पश्चात ,पांडु पुत्र अर्जुन व अन्य भाई ,माता कुंती, द्रौपदी तथा अन्य सभी ने एक-एक करके अपनी देह को त्याग दिया |किंतु युधिष्ठिर ने संयास ले कर ब्रह्म ज्ञान प्राप्त किया और माना जाता है कि स्वयं देवराज इंद्र के द्वारा लाए गए रथ पर आरूढ़ होकर युधिष्ठिर ने स्वर्ग प्रस्थान किया| इस पूरी कहानी को जानने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी पाण्डवों का हिमालय गमन, शिवानी आनंद की आवाज में…
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