सयानी बुआ का नाम वास्तव में ही सयानी था या उनके सयानेपन को देखकर लोग उन्हें सयानी कहने लगे थे, । बचपन में ही वे समय की जितनी पाबंद थीं, अपना सामान संभालकर रखने में जितनी पटु थीं, और व्यवस्था की जितना कायल थीं, उसे देखकर चकित हो जाना पडता था| कहानी में सयानी बुआ के चरित्र को और अच्छे से समझने के लिए मनु भंडारी जी के द्वारा लिखी गई कहानी सयानी बुआ सुनते हैं माधवी शंकर जी की आवाज में