माता सीता समस्त नारी जाति के लिए अभिमान और प्रेरणा स्रोत हैं। एक स्त्री के सभी शक्ति रूप जिनमें समाहित है। एक पतिव्रता स्त्री होने के साथ-साथ एक ओजस्विनी नारी का पर्याय भी है ।रावण जैसे त्रिलोक विजेता के समक्ष निर्भीकता से रहना अपने आप में एक अद्वितीय है। सीता के जन्म से लेकर उनके संघर्ष, प्रेम समर्पण की पूरी कथा सुनिए गाथा पर