अपनी मातृभाषा हिंदी से विशेष लगाव रखने वाले पवनेश ठाकुराठी की 7 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है । इनका प्रिय विषय” प्रेम” है। इसके अतिरिक्त कुमाऊनी में साहित्य की नवीन विधाओं में 8 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है ।कबीर, सूर और प्रेमचंद्र को अपना आदर्श मानने वाले पवनेश निरंतर अपनी रचनाओं में विविधता का समावेश कर रहे हैं।
एक फौजी की जिंदगी से रूबरू कराती कहानी जहां पर उसका अपना प्रेम और उसके देश के प्रति प्रेम के बीच में वह देश प्रेम को चुनता है ऐसी कहानी राजू की है जो एक फौजी है और जिसकी शादी उसके बचपन की दोस्त रूपा से होती है वह रूपा से अथाह प्रेम करता है किंतु जब देश को उसकी जरूरत होती है तो देश लिए तो हंसते-हंसते अपनी जान भी न्योछावर कर देता है पवनेश ठाकुराठी की बेहद मार्मिक कहानी पूजा श्रीवास्तव जी की आवाज में ।
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