4 जून 1986 संगरिया राजस्थान में जन्मे बाल साहित्यकार गोविंद शर्मा जी की अब तक बाल साहित्य में 35 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं |गोविंद शर्मा जी की कहानियाँ बालक के मानस पटल से कभी विस्मृत नहीं होती,चाहे बाल कथा के पात्र बच्चे हो या जानवर, बाल रुचि के अनुकूल ही प्रभाव छोड़ते हैं |गोविंद शर्मा जी को बाल कथाओं पर राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय अनेक पुरस्कारों से उन्हें विभूषित किया जा चुका है|
काचू एक बेहद भला और ईमानदार व्यक्ति है। वो कभी किसी का बुरा या किसी के साथ गलत नही कर सकता, इसलिए अपनी टोपी चोर द्वारा ली जाने पर जब वह चुपके से उसे वापस ले लेता है तो अपराध बोध से ग्रसित हो खुद ही जेल चला जाता है और वहां इंस्पेक्टर से कहता है कि उसे सजा दी जाए।
This story contains the description of a tarbooj (watermelon) and the whole world inside it.
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