Rajya Sabha TV brings to you ‘Virasat’, a series which explores the life and times of distinguished artistes from various fields. In the first episode of this series, watch a biopic on the legendary actor and choreographer, Zohra Sehgal.
Anchor: Rajesh Badal
Meena Kumari, who was given the moniker ‘Tragedy Queen’, left an indelible mark in the world of cinema with her unparalleled acting, and outside it by living a life with enviable élan. Watch her life story in this edition of Virasat. Anchor: Rajesh Badal
राष्ट्रीय कवि, लेखक, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी एक भारतीय आत्मा माखनलाल चतुर्वेदी की ज़िंदगी पर पहली बार एक घंटे की बायोपिक फ़िल्म। इस फ़िल्म में माखनलाल चतुर्वेदी की ज़िंदगी के अनेक पहलुओं को उजागर किया गया है। माखनलाल चतुर्वेदी काल कोठरी में भी रात रात भर जाग कर कविता लिखते थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सबसे प्रेरणादायी कविता – चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊँ— की रचना भी उन्होंने जेल में ही की। यह सब आप सुन सकते हैं ख़ुद माखनलाल चतुर्वेदी की आवाज़ में। अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिए माखनलाल चतुर्वेदी को कई बार जेल जाना पड़ा। ब्रिटिश सरकार ने उनपर राजद्रोह का मुक़दमा चलाया लेकिन माखनलाल चतुर्वेदी अपने निर्भीक पत्रकारिता से कभी नहीं हटे। प्रभा, प्रताप और कर्मवीर जैसे पत्रिकाओं के माध्यम से उन्होंने अँगरेज़ी सरकार का जमकर विरोध किया और पूरे देश में राष्ट्रीयता की भावना जगाई। अपने शानदार साहित्यिक लेखन के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले वे पहले व्यक्ति थे। देखिए एक भारतीय आत्मा माखनलाल चतुर्वेदी की जीवन गाथा पर बनी एक शानदार फ़िल्म।
रामकथा के मूर्धन्य रचनाकार, अँगरेज़ी हिंदी शब्दकोश के रचयिता और हिंदी के प्रकांड पंडित फ़ादर कामिल बुल्के यानी बाबा बुल्के एक ऐसे विद्वान थे जो भारतीय संस्कृति और हिंदी से जीवन भर प्यार करते रहे, एक विदेशी होकर नहीं बल्कि एक भारतीय होकर।
रामकथा के महत्व को लेकर बाबा बुल्के ने वर्षों शोध किया और देश-विदेश में रामकथा के प्रसार पर प्रामाणिक तथ्य जुटाए। उन्होंने पूरी दुनिया में रामायण के क़रीब तीन सौ रूपों की पहचान की। रामकथा पर विधिवत पहला शोध कार्य बाबा बुल्के ने ही किया, जो हिंदी शोध के क्षेत्र में एक मानक है। विरासत के इस कार्यक्रम में बाबा बुल्के के जीवन से जुड़े अनेक रोचक प्रसंगों को पहली बार दिखाया गया है। हम कह सकते हैं कि टेलीविजन के इतिहास में पहली बार बाबा बुल्के के जीवन और व्यक्तित्व-कृतित्व पर इतनी विस्तृत और मनोरंजक जानकारी दी गई है।
Anchor: Rajesh Badal
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जीवन गाथा पर पहली बार एक घंटे की बायोपिक फ़िल्म । इसमें ध्यानचंद की ज़िंदगी के अनेक अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है | ध्यानचंद हॉकी के इतने दीवाने थे कि पेड़ से हॉकी के आकार की लकड़ी काटकर उससे रात रात भर चाँद की रौशनी में हॉकी खेला करते थे। यह सब आप सुन सकते हैं खुद मेजर ध्यानचंद की अपनी आवाज़ में | डॉन ब्रेडमेन ने ध्यानचंद से कहा, आप तो ऐसे गोल करते हैं जैसे मैं क्रिकेट में रन बनाता हूँ | हिटलर उनके के खेल का इतना दीवाना था कि उसने उन्हें जर्मन सेना में फील्ड मास्टर बनने का प्रस्ताव दिया, जिसे ध्यानचंद ने इंकार कर दिया। ज़िंदगी में उन्होंने हज़ार गोल से ज़्यादा किए | यह कभी न टूटने वाला रिकॉर्ड है | हॉकी का ये बेमिसाल जादूगर ज़िंदगी के आख़िरी दिनों में पैसों के लिए मोहताज़ रहा | कमेंटेटर गुरुदेवसिंह से उन्होंने फोटो खींचने के लिए मना कर दिया था क्योंकि उनका पैन्ट फटा हुआ था और वो नहीं चाहते थे कि ऐसा फोटो देख कर नई पीढ़ी हॉकी खेलना छोड़ देगी | देखिए मेजर ध्यानचंद की जीवन गाथा पर बनी एक शानदार फ़िल्म।
‘Main Jagjit’ — An exclusive series by RSTV chronicles the outstanding life of the beloved Ghazal maestro Jagjit Singh. As we have shown the jagjit and chitra singh Ghazal legacy in the second part. We will now see how pain and melancholy in Jagjit’s voice gave vent to the feelings of many. We will also explore how he revived Ghalib’s poetry into melodious Ghazals and musical. Jagjit Singh – A man for all seasons, Popularly known as the ‘Ghazal King’, he sang and composed a number of memorable Ghazals, folk & devotional songs which are highly acclaimed by both critics and people world over. There is another world behind Jagjit Singh’s musical legacy which is equally interesting and exciting. Watch the ‘Main Jagjit’ series, where we unravel and explore more about Jagjit Singh, his life, his music and his wife Chitra Singh.
Anchor: Rajesh Badal
Reviews for: Zohra Sehgal