कादम्बिनी में प्राण तब वापस आए जब उसे जलाने के लिए शमशान में रखकर, लोग लकड़ी लेने चले गए। अपने आस पास किसी को ना पाकर कादंबनी को लगा कि वह मर चुकी है और जीवन तथा मृत्यु के बीच लटक रही है, उसकी इसी जीवन और मृत्यु के बीच की यात्रा की कहानी।
राजा विक्रमादित्य जैसा न्यायप्रिय, दानी और त्यागी और कोई न था | राजा को एक बार दो व्यक्ति दिखाई दिए एक मानव मुण्डों की माला पहने बीभत्स दिखने वाला कापालिक है तथा दूसरा एक बेताल है |उन दोनों में किसके लिए द्वंद चल रहा है और राजा किस प्रकार निर्णय देते हैं इस रोचक कहानी को आवाज दी है शिवानी आनंद में..
एक बार तेनालीराम, महाराज कृष्ण देव राय जी से रूठ गए और उन्होंने दरबार आना बंद कर दिया | जब महाराज को तेनालीराम की कमी महसूस होने लगी तो उन्होंने उन्हें बुलाने की बात सोची लेकिन यह क्या? तेनालीराम तो कई दिनों से अपने घर भी नहीं गए , आखिर तेनालीराम कहां है और राजा ने किस प्रकार उनकी खोज की? इस पूरे रोचक किस्से को सुनते हैं तेनाली रामा की कहानियों में से एक कहानी तेनालीराम की खोज शिवानी आनंद की आवाज में
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ani