आज राजा विक्रमादित्य के सिंहासन की कमोदी नामक पुतली राजा भोज को विक्रमादित्य की अतिथि सेवा पर जो कहानी सुनाती है ,वही कहानी काबुलीवाला सुप्रिया को सुना रहा है |क्या है वह कहानी और सुप्रिया को इस कहानी से क्या सीख मिली? जानने के लिए सुनते हैं सुप्रिया और उसके मेहमान अनुपा की आवाज में
इस बार काबुली वाले ने सुप्रिया को विक्रमादित्य की सबसे प्रिय पुतली पदमा द्वारा राजा भोज को सुनाई कहानी सुनाता है किस प्रकार राजा विक्रमादित्य बार-बार जीवित हो जाने वाले राक्षस का वध कर एक स्त्री की रक्षा करता है? पूरी कहानी क्या थी और सुप्रिया को इस कहानी से क्या सीख मिली ?जानने के लिए सुनते हैं सुप्रिया और हमारे अंदर का राक्षस अनुपा की आवाज ..
आज सुप्रिया को काबुलीवाले से विक्रमादित्य कीउज्जैन नगरी में दो पंडितों के बीच चल रही वार्ता पर आधारित कहानी सुनने को मिल रही है| इस कहानी में विक्रमादित्य उन दोनों की वार्ता सुनते हैं और उसके बाद क्या निश्चय करते हैं ?इस कहानी से सुप्रिया को क्या सीख मिलती है? जानने के लिए सुनते हैं सुप्रिया और ज्ञान का महत्व
सुप्रिया अपने घर भोपाल वापस जाने वाली है| आज काबुलीवाला विक्रमादित्य की पुतली रूपरेखा द्वारा राजा भोज के लिए सुनाई गई कहानी सुनाता है क्या है वह कहानी ?और सुप्रिया ने इससे क्या सीखा? जानने के लिए सुनते हैं सुप्रिया और विक्रमादित्य के चार चोर....
सुप्रिया वापस अपने दादा- दादी के साथ भोपाल अपने घर लौट आई है| सुप्रिया को डकैतों की पहचान करने के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया है | क्या सुप्रिया निर्भीक होकर यह काम कर पाएगी ?जानते हैं कहानी सुप्रिया और अंतिम पड़ाव में ...
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