यतीन की मुलाकात चुनिया से उसकी चचेरी बहन पटल के घर पर होती है। अपने मजाकिया स्वभाव के चलते पटल दोनों को खूब छेड़ती है जिससे तंग आकर यतीन तो अपने घर चला आता है पर चुनिया उसका जाना सहन नहीं कर पाती और घर छोड़ कर चली जाती है। काफी समय बाद वह यतीन को फिर मिलती है हमेशा के लिए चले जाने के लिए।
वास्तव में जिसका जैसा स्वाभाविक स्वभाव होता है ,वह हर परिस्थिति में वैसा ही रहता है |कहानी एक गीदड़ के बच्चे की है ,जिसे शेरनी के द्वारा पाला जाता है |विष्णु शर्मा द्वारा लिखी गई पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी गीदड़ -गीदड़ ही रहता है, सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में…
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