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कुंभ और विज्ञान
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कुंभ और विज्ञान

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

Release Date

29 January, 2025

Duration

12min 51sec
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चारों स्थलों का महत्व

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चारों स्थलों का महत्व

चारों स्थलों का महत्व

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चारों स्थलों का महत्व

Release Date

14 January, 2025

Duration

07min 26sec

चारों स्थलों का महत्व

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

चारों कुंभ स्थलों का महत्व: भारतीय संस्कृति का आध्यात्मिक चमत्कार

भारत में चार स्थान ऐसे हैं, जो कुंभ मेले के आयोजन का पवित्र केंद्र बनते हैं – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। इन स्थलों का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि ये भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक भी हैं।

प्रयागराज: गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम। यहां कुंभ में स्नान से जीवन की शुद्धि और पापों का नाश होता है।
हरिद्वार: गंगा नदी का प्रवेश द्वार। यहां स्नान से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।
उज्जैन: क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित, यह स्थल भगवान महाकालेश्वर से जुड़ा है। यहां कुंभ अध्यात्म और शिव आराधना का केंद्र है।
नासिक: गोदावरी नदी के तट पर बसा यह स्थान रामायण और अमृत मंथन की कहानियों से जुड़ा है।

चारों स्थलों पर कुंभ मेला एक ऐसा अनुभव है, जो आस्था, परंपरा और आध्यात्मिकता को जीवंत करता है।

गाथा के साथ जानिए इन पवित्र स्थलों की कहानियां और इनके महत्व की गहराई।

साधना का महत्व

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साधना का महत्व

साधना का महत्व

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साधना का महत्व

Release Date

29 January, 2025

Duration

7min 56sec

साधना का महत्व

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava
कुंभ-विदेशियों की नजरों से

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कुंभ-विदेशियों की नजरों से

कुंभ-विदेशियों की नजरों से

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कुंभ-विदेशियों की नजरों से

Release Date

29 January, 2025

Duration

13min 33sec

कुंभ-विदेशियों की नजरों से

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava
ग्रह-नक्षत्र और ज्योतिषीय गणनाएं

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ग्रह-नक्षत्र और ज्योतिषीय गणनाएं

ग्रह-नक्षत्र और ज्योतिषीय गणनाएं

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ग्रह-नक्षत्र और ज्योतिषीय गणनाएं

Release Date

14 January, 2025

Duration

06min 06sec

ग्रह-नक्षत्र और ज्योतिषीय गणनाएं

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

कुंभ मेला केवल आस्था और परंपरा का पर्व नहीं, यह खगोलीय घटनाओं और ज्योतिषीय गणनाओं से भी गहराई से जुड़ा है। कुंभ का आयोजन तब होता है जब ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग बनता है, जो इसे अत्यधिक पवित्र बनाता है।

ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव:
जब गुरु (बृहस्पति) सिंह, कुंभ, या अन्य विशेष राशियों में प्रवेश करते हैं और सूर्य और चंद्रमा की स्थिति अनुकूल होती है, तब कुंभ मेले का समय तय होता है। यह संयोग सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और इसे आत्मा की शुद्धि के लिए उपयुक्त बनाता है।

ज्योतिष के अनुसार:
कुंभ में स्नान और ध्यान करने से व्यक्ति के जीवन में शुभता, शांति और आध्यात्मिक उन्नति आती है। यह खगोलीय शक्तियों के माध्यम से आत्मा और ब्रह्मांड के बीच के संबंध को सुदृढ़ करता है।

गाथा के साथ जानिए कुंभ और ज्योतिष के इस अद्भुत संगम की कहानियां।

अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

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अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

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अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

Release Date

14 January, 2025

Duration

10min 03sec

अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

अखाड़े: कुंभ मेले की आत्मा

कुंभ मेले की पहचान सिर्फ स्नान और आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके केंद्र में हैं अखाड़े, जो सनातन धर्म की परंपरा, साधना और शौर्य का प्रतीक हैं।

अखाड़ों का महत्व:
अखाड़े विभिन्न संत परंपराओं और साधुओं के संगठन हैं। ये न केवल धर्म की रक्षा करते हैं, बल्कि समाज को ज्ञान, योग, और भक्ति का मार्ग दिखाते हैं।

⚔ आध्यात्म और शौर्य का संगम:
अखाड़ों में साधु अपने शारीरिक और मानसिक बल का प्रदर्शन करते हैं। वे कुंभ मेले में अपने धर्मध्वज के साथ प्रवेश करते हैं, जिसे शाही स्नान के रूप में जाना जाता है।

🕉 प्रमुख अखाड़े:
जैसे जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा आदि। हर अखाड़े की अपनी परंपरा और इतिहास है।

गाथा के साथ जानिए अखाड़ों की कहानियां, उनकी परंपराएं और कुंभ मेले में उनके योगदान की अद्भुत गाथा।

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BM Balakrishna- कभी एक एक करके गिना करते थे दस रुपए, आज tycoon है RO Industry के

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BM Balakrishna- कभी एक एक करके गिना करते थे दस रुपए, आज tycoon है RO Industry के

BM Balakrishna- कभी एक एक करके गिना करते थे दस रुपए, आज tycoon है RO Industry के

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BM Balakrishna- कभी एक एक करके गिना करते थे दस रुपए, आज tycoon है RO Industry के

Release Date

28 August, 2021

Duration

10min 30sec

BM Balakrishna- कभी एक एक करके गिना करते थे दस रुपए, आज tycoon है RO Industry के

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Majeed

Genre

  • Inspirational Stories

कहते हैं “ अपनी धरती और जड़ों से जुड़कर ही मनुष्य अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है क्योंकि वे जड़े ही उसकी ज़िन्दगी को मज़बूती देती हैं जिनके सहारे वह आगे सदा आगे बढ़ता है और ज़िन्दगी को गहराई से समझता है “ सब उसे प्यार और दुलार से बाला पुकारते थे और बहुत कम उम्र में ही बाला ने इस बात को समझ कर जीवन में धारण कर लिया था इनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है , आइये जानते हैं इनके बारे में

मातृत्व,संघर्ष और सफलता यानि पल्लवी उतागी

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मातृत्व,संघर्ष और सफलता यानि पल्लवी उतागी

मातृत्व,संघर्ष और सफलता यानि पल्लवी उतागी

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मातृत्व,संघर्ष और सफलता यानि पल्लवी उतागी

Release Date

28 August, 2021

Duration

6min 14sec

मातृत्व,संघर्ष और सफलता यानि पल्लवी उतागी

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Majeed

Genre

  • Inspirational Stories

संघर्ष ,सामंजस्य ,जिम्मेदारियाँ ,समर्पण ,त्याग का नाम ज़िदंगी है| आज मिलते हैं ऐसे ही एक शख्सियत से जिन्होंने ज़िदंगी के सारे पहलुओं पर खरे उतरते हुए आज एक विशिष्ट मुकाम हासिल किया है|अपनी मातृत्व- शक्ति ,निपुणता और बेजोड़ आत्मविश्वास के बल पर जीवन की चुनौतियों को आविष्कार के रूप में परिवर्तित कर दिया है| जिससे वो अपनी जैसी लाखों महिलावर्ग के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है|. इनकी संकल्प की शक्ति से आज कितनो के जीवन बदल गए हैं | “पल्लवी उतागी”, का अद्भुत व्यक्तित्व है, ये सुपरबॉटम की सी.ई.ओ और संस्थापक हैं|इन्होंने ऐसे डायपर का आविष्कार किया जो रियूज़ेबल और कपास से निर्मित है| यह भारत की सफल महिला उद्यमी है, जिन्होंने शिशु और पृथ्वी दोनों की देखभाल हेतु अपने उत्पाद को बाजार में उतारा और सफलता प्राप्त की|6

ग्रह-नक्षत्र और ज्योतिषीय गणनाएं

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ग्रह-नक्षत्र और ज्योतिषीय गणनाएं

ग्रह-नक्षत्र और ज्योतिषीय गणनाएं

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ग्रह-नक्षत्र और ज्योतिषीय गणनाएं

Release Date

14 January, 2025

Duration

06min 06sec

ग्रह-नक्षत्र और ज्योतिषीय गणनाएं

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

कुंभ मेला केवल आस्था और परंपरा का पर्व नहीं, यह खगोलीय घटनाओं और ज्योतिषीय गणनाओं से भी गहराई से जुड़ा है। कुंभ का आयोजन तब होता है जब ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग बनता है, जो इसे अत्यधिक पवित्र बनाता है।

ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव:
जब गुरु (बृहस्पति) सिंह, कुंभ, या अन्य विशेष राशियों में प्रवेश करते हैं और सूर्य और चंद्रमा की स्थिति अनुकूल होती है, तब कुंभ मेले का समय तय होता है। यह संयोग सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और इसे आत्मा की शुद्धि के लिए उपयुक्त बनाता है।

ज्योतिष के अनुसार:
कुंभ में स्नान और ध्यान करने से व्यक्ति के जीवन में शुभता, शांति और आध्यात्मिक उन्नति आती है। यह खगोलीय शक्तियों के माध्यम से आत्मा और ब्रह्मांड के बीच के संबंध को सुदृढ़ करता है।

गाथा के साथ जानिए कुंभ और ज्योतिष के इस अद्भुत संगम की कहानियां।

Asife Ahmed – ठेले से की शुरुआत, आज 70 करोड़ का कारोबार

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Asife Ahmed – ठेले से की शुरुआत, आज 70 करोड़ का कारोबार

Asife Ahmed – ठेले से की शुरुआत, आज 70 करोड़ का कारोबार

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Asife Ahmed – ठेले से की शुरुआत, आज 70 करोड़ का कारोबार

Release Date

28 August, 2021

Duration

11min 14sec

Asife Ahmed – ठेले से की शुरुआत, आज 70 करोड़ का कारोबार

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Amit Tiwari

Genre

  • Inspirational Stories

आसिफ़ अहमद की फ़र्श से अर्श तक की कहानी, बचपन से आर्थिक तंगी से गुज़रने वाले आसिफ़ अहमद का बड़ा बनने का जुनून ,उनका आत्मविश्वास और अपने सपनों की डोर को हमेशा थामें रखने का हुनर उन्हें एक मामूली से बिरयानी का ठेला लगाने वाले शख़्स से आज 70 करोड़ टर्न ओवर के मालिक होने की पहचान दिला रहा है। यह सब कैसे हुआ? आसिफ़ अहमद की आम आदमी से ख़ास आदमी बनने की क्या रही कहानी ?इसे जानते हैं अमित तिवारी के द्वारा

कुम्भ मेले का इतिहास

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कुम्भ मेले का इतिहास

कुम्भ मेले का इतिहास

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कुम्भ मेले का इतिहास

Release Date

14 January, 2025

Duration

06min 08sec

कुम्भ मेले का इतिहास

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

कुंभ मेला, विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन, भारत की संस्कृति और आस्था की अद्भुत मिसाल है। इसकी शुरुआत पौराणिक कथा से होती है, जब समुद्र मंथन के दौरान अमृत कुंभ को लेकर देवता और असुरों के बीच संघर्ष हुआ। उस संघर्ष के दौरान अमृत की बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। इन चार स्थानों पर ही आज कुंभ मेले का आयोजन होता है।

हर 12 साल में लाखों श्रद्धालु इन पवित्र स्थलों पर स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाने और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करने आते हैं। यह मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारत की विविधता और एकता का प्रतीक भी है।

आइए, इस अद्भुत परंपरा को समझें और गर्व करें अपनी सांस्कृतिक धरोहर पर।

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कुम्भ में  स्नान का महत्व

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कुम्भ में स्नान का महत्व

कुम्भ में स्नान का महत्व

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कुम्भ में  स्नान का महत्व

Release Date

14 January, 2025

Duration

06min 05sec

कुम्भ में स्नान का महत्व

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

कुंभ मेले में स्नान का महत्व: पवित्रता की ओर एक कदम

कुंभ मेले में नदियों में स्नान करना सिर्फ एक परंपरा नहीं, यह आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम है। मान्यता है कि गंगा, यमुना और सरस्वती जैसे पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कुंभ के दौरान इन नदियों का जल अमृतमय हो जाता है। स्नान करने से केवल शरीर ही नहीं, मन और आत्मा भी शुद्ध होती है। यह एक ऐसा अनुभव है, जो व्यक्ति को अपने भीतर की गहराइयों को समझने और आध्यात्मिक शांति पाने में मदद करता है।

गाथा के साथ जानिए, कुंभ मेले में स्नान से जुड़ी कहानियां और धार्मिक रहस्यों की गहराई।

चारों स्थलों का महत्व

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चारों स्थलों का महत्व

चारों स्थलों का महत्व

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चारों स्थलों का महत्व

Release Date

14 January, 2025

Duration

07min 26sec

चारों स्थलों का महत्व

Writer

  • Anjana Kapur

Narrator

  • Pooja Srivastava

चारों कुंभ स्थलों का महत्व: भारतीय संस्कृति का आध्यात्मिक चमत्कार

भारत में चार स्थान ऐसे हैं, जो कुंभ मेले के आयोजन का पवित्र केंद्र बनते हैं – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। इन स्थलों का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि ये भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक भी हैं।

प्रयागराज: गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम। यहां कुंभ में स्नान से जीवन की शुद्धि और पापों का नाश होता है।
हरिद्वार: गंगा नदी का प्रवेश द्वार। यहां स्नान से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।
उज्जैन: क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित, यह स्थल भगवान महाकालेश्वर से जुड़ा है। यहां कुंभ अध्यात्म और शिव आराधना का केंद्र है।
नासिक: गोदावरी नदी के तट पर बसा यह स्थान रामायण और अमृत मंथन की कहानियों से जुड़ा है।

चारों स्थलों पर कुंभ मेला एक ऐसा अनुभव है, जो आस्था, परंपरा और आध्यात्मिकता को जीवंत करता है।

गाथा के साथ जानिए इन पवित्र स्थलों की कहानियां और इनके महत्व की गहराई।

Jebkatra (जेबकतरा)

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Jebkatra (जेबकतरा)

Jebkatra (जेबकतरा)

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Jebkatra (जेबकतरा)

Duration

2min 00s

Jebkatra (जेबकतरा)

Writer

  • Gyan Prakash Vivek

Narrator

  • Pooja Srivastava

Genre

  • Fiction
  • Stories(Kahani)

एक जेबकतरे के द्वारा इंसानियत का परिचय देना , इस कहानी को और भीभावुक बनाती है कैसे? जानते हैं ज्ञानप्रकाश विवेक द्वारा लिखी गई कहानी जेबकतरा , पूजा श्रीवास्तव की आवाज में आवाज में

A diffrent Bappi

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A diffrent Bappi

A diffrent Bappi

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A diffrent Bappi

Release Date

10 August, 2022

Duration

1H 00min 15sec

A diffrent Bappi

Narrator

  • Pooja Srivastava

Genre

  • Bollywood Diaries
Let Us Grow Together ( लेट अस ग्रो टुगेदर)

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Let Us Grow Together ( लेट अस ग्रो टुगेदर)

Let Us Grow Together ( लेट अस ग्रो टुगेदर)

10
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Let Us Grow Together ( लेट अस ग्रो टुगेदर)

Duration

14min 15sec

Let Us Grow Together ( लेट अस ग्रो टुगेदर)

Writer

  • Manisha Kulshreshtha

Narrator

  • Pooja Srivastava

Genre

  • Fiction
  • Social
  • Stories(Kahani)
  • Teen and Young Adult

नयी नयी शादी के बाद कैसे हम हर वक़्त साथ रहना चाहते है। लगता है एक पल भी दूर रहने का मतलब है प्यार कम हो रहा है। पर कैसे वक़्त के साथ ये प्यारा सा रिश्ता भी परिपक्व होता है। वैवाहिक जीवन के पलो को बेहद खूबसूरती और सजीवता से प्रस्तुत करती है ये कहानी “ लेट उस ग्रो टुगेदर”

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