टीआरपी उसी जनता से बनता है जो शरीर में आग लगा कर, एक्सीडेंट से सडक पर पड़े या गुंडों के हाथों पिटते मर रहे आदमी को बचाने नहीं दौड़ती, मोबाइल से उसका विडिओ बनाने लगती है आजकल के पत्रकार नारद जी तक हो रिपोर्टिंग करना सिखा देते हैं इसी पत्रकारिता के ऊपर व्यंग करते हुए किस प्रकार टीआरपी बढ़ाने के लिए संवेदनहीन पत्रकारिता की जाती है इस पर सुनते हैंकमलेश पांडे द्वारा लिखी कहानी देखते रहिए कयामत तक अमित तिवारी जी की आवाज में
आउटसोर्सिंग का मतलब है कि अगर अपना काम खुद से ढंग से ना हो पा रहा हो तो किसी दूसरे से करवा लीजिए| यह सिस्टम पृथ्वी लोक में तो पॉपुलर है, लेकिन अब तो देव लोक तक पॉपुलर हो चुका है |कैसे? इसे जानने के लिए कमलेश पांडे के व्यंग आउटसोर्सिंग में सुनेंगे अमित तिवारी की आवाज में
आप खुद सोचिये कि अगर सरकार के विचार में हिन्दी कहीं पर रुकी पड़ी है तो उसे आगे बढ़ाने की ही बात होगी न। इस देश में किसी को आगे बढ़ाने की बात सरकार ही तो करती है? हिन्दी के मामले में तो सरकार केवल बात ही नहीं कर रही बल्कि अगर ध्यान दें तो सरकार ने इन साठ सालों में हिन्दी को धक्के लगा-लगा कर इंच-इंच आगे बढ़ाने की कोशिश में क्या-क्या नहीं किया।हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है किंतु आधुनिक समय में हिंदी के प्रयोग के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित करने की जरूरत पड़ रही है इसी बात पर व्यंग करते हुए कमलेश पांडे जी की कहानी प्रोत्साहित होती हिंदी अमित तिवारी जी की आवाज में
देश और संस्कृति के हित में एक प्रेम मुक्त समाज की परिकल्पना साकार करने की दिशा में पनौती गंज में पिंकू और रिंकू पर वेलेंटाइन सप्ताह कैसे गुजरता है इस पर व्यंग्यात्मक शैली में कमलेश पांडे जी द्वारा लिखी कहानी वैलेंटाइन डे इन पनौती गन सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में
एक मकान मालिक की व्यथा अपना सारा खर्चा और अपने सारे शौक अपने पेइंग-गेस्ट के जरिए पूरा कर लेता है वह पेइंग-गेस्ट उनके यहां से चला जाता है अब उनके घर का सारा खर्चा और उनके शौक कौन पूरा करें इसी बात को बड़े व्यंग्यात्मक शैली में कमलेश पांडे जी द्वारा लिखी गई कहानी तुम कब आओगे अतिथि सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में
मेरा ह्रदय एक आदमी की हत्या के बोझ से बोझिल हो उठा. घर आकर माँ से सब कुछ कहा- “माँ उसके कफ़न के लिए कोई नया कपड़ा निकाल दो!” माँ अपने सीने वाली पोटली उठा लायीं. नया कपड़ा निकलने के लिए उन्होंने ज्यों हीं पोटली खोली जम्बक की डिबिया खट से गिर पड़ी. बिना सत्यता परखे किसी निर्दोष को दोषी ठहरा देने पर उसकी जिंदगी में किस हद तक प्रभाव पड़ सकता है इसी बात को उजागर करती हुई यह कहानी है| केठानी एक बूढ़ा नौकर है और मात्र एक जंबक डिबिया घर में ना मिलने पर उस पर चोरी का इल्जाम लगाया जाता है और नौकरी से निकाल दिया जाता है कहानी में जानते हैं इस बात का केठानी की जिंदगी में क्या असर होता है ?सुनते इस मार्मिक कहानी को अमित तिवारी जी की आवाज मे
हम सब लोग ऐसी मिट्टी के बने हैं जिसे किसी बाहरी शक्ति की जरूरत नहीं है बनने-बिग़डने के लिए। यह ऐसी मिट्टी है जो अपने आप बहती है और अपने आप ही कठोर और ज़ड भी हो जाती है। जहाँ ज़ड हो गई है वहाँ कोई अहसास नहीं, वेदना नहीं, टीस नहीं और जहाँ बह रही है, गल रही है वहाँ भरपूर गुँजाइश है तर्क की, कुतर्क की, संवेदना की, खुशी की और दर्द की। लेकिन इसी मिट्टी से बनी दुनिया में जब चारों और से सवाल उठने लगें, भयंकर सवाल, तंग करने वाले, शोषित करने वाले, दमन करने वाले सवाल …. तो इसी मिट्टी से पनपने लगती हैं उलझनें और उलझनें … पुष्पेंद्र को अक्सर एक अजीब सा एहसास सताया करता था जैसे कोई मकड़ी का जाला उसके शरीर से चिपक गया हो जबकि वह पूरी तरह से स्वस्थ था | उसे और भी कई लोग मिले जिनके साथ कुछ अजीबोगरीब एहसास से ग्रसित थे |अंत में पुष्पेंद्र इन एहसासों को किस प्रकार समझा और किस निष्कर्ष पर पहुंचा ???जाने के लिए सुनते हैं कहानी उलझने………
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है यह कहानी इस बात का एहसास दिला जाती है जिसे जिंदगी में हम बंधन समझते हैं दर असल में वही हमारे जीने की मुख्य वजह होती है दिनकर वाडेकर के द्वारा लिखी गई कहानी अकेलेपन का एहसास अमित तिवारी जी की आवाज में
शामनाथ जी के यहां आज उनके अंग्रेज बॉस चीफ़ की दावत की है| शामनाथ अपनी झूठी शानो शौकत को दिखाने के उद्देश्य से अपनी उस मां की उपेक्षा करते हैं जिसने शामनाथ के लिए अपना सब कुछ लुटा दिया| भावुक कर देने वाली भीष्म साहनी की द्वारा लिखी गई कहानी चीफ़ की दावत ,सुनते हैं अमित तिवारी की आवाज में
मिताली और प्रियंका अपने कैंपस के दिनों में एक ही लड़के परितोष से प्रेम करती हैं किंतु परितोष दोनों के ही प्रेम को अस्वीकार कर देता है आज 40 के उम्र के पड़ाव पर भी अपने कैंपस लव को भूल नहीं पा रही है पूरी कहानी को जानने के लिए सुनते हैं आकांक्षा पारे की लिखी कहानी कैंपस लव अमित तिवारी जी की आवाज में
जिससे तुम्हारा नुकसान हो रहा हो, उससे अलग ही रहना अच्छा है, चाहे वह उस समय के लिए तुम्हाहरा दोस्तु भी क्यों न हो।पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं सूर्यकांत त्रिपाठी जी के द्वारा लिखी गई कहानी दो घड़े, निधि मिश्रा की आवाज में
वृद्धाश्रम में रहने वाला हर इंसान अपने आप ना जाने कितनी कहानियाँ समेटे होता है। स्वभाव में विपरीत सख़ुबाई और आनंदी की मित्रता होती है एक वृद्धाश्रम , आश्रय में. वृद्धाश्रम के निवासियों के जीवन की कहानी और उनके वहाँ पहुँचने के सफ़र का बड़ा सजीव चित्
कहानी मकड़ी आपको एहसास दिलाएगी इंसान किस प्रकार बाह्यआडंबर जालके में फंसता चला जाता है| जिस से निकल पाना कितना कठिन होता है |जानने के लिए सुनते हैं सुभाष नीरव द्वारा लिखी गई कहानी मकड़ी ,शिवानी आनंद की आवाज में
आज राजी एक शादीशुदा महिला है पति और बच्चे सब है | किंतु आज राजी को अपने बचपन के दोस्त की याद बहुत आ रही है |बचपन के वह बिताए हुए दिन, किस्से –कहानियां, वह हंसी ,वह सब कुछ | राजी के बचपन में ऐसा क्या था और वह अपनी कौन सी बातों को स्मरण कर रही है ?जानने के लिए सुनते हैं सूर्यबाला के द्वारा लिखी गई कहानी कागज की नाव में चांदी के बाल ,निधि
कहानी में शिवा अपने मौसा जी के लिए आगरा से एक संगमरमर ऐशट्रे लेता है |आज शिवा को गुजरे पूरे 10 वर्ष बीत चुके हैं, किंतु आज उसकी दी हुई निशानी उसकी याद दिला रही है |क्या है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कृष्ण बिहारी के द्वारा लिखी गई कहानी ऐशट्रे में ताजमहल ,अमित तिवारी की आवाज में
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