यà¥à¤µà¤¤à¥€: डारà¥à¤²à¤¿à¤‚ग, पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने मà¥à¤à¥‡ आज पकड़ ही लिया होता।
चैंपलिन: जान! कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤® इन पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों को मूरà¥à¤– समà¤à¤¤à¥€ हो?
यà¥à¤µà¤¤à¥€: à¤à¤¾à¤— चलो यहां से, नहीं तो हम बà¥à¤°à¥€ तरह फंस जाà¤à¤‚गे।
पà¥à¤²à¤¿à¤¸: इस बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग को चारों तरफ से पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने घेर लिया है। सà¤à¥€ लोग अपने घरों से बाहर निकल आà¤à¤‚।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पीछा कर रहे थे कà¥à¤› पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वाले यà¥à¤µà¤¤à¥€ और चैंपलिन का? कà¥à¤¯à¤¾ यà¥à¤µà¤¤à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों को धोखा देने में कामयाब होती है? कà¥à¤¯à¤¾ चैंपलिन की पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों से मà¥à¤ à¤à¥‡à¤¡à¤¼ होती है? चैंपलिन और पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की मà¥à¤ à¤à¥‡à¤¡à¤¼ में किसकी मौत होती है? ताबूत में किसकी लाश मिलती है?
कहानी का ससà¥à¤ªà¥‡à¤‚स जानने के लिठआज ही सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ शेफाली कपूर की आवाज में कहानी ‘à¤à¤¨à¤•ाउंटर’।
यà¥à¤µà¤¤à¥€: डारà¥à¤²à¤¿à¤‚ग, पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने मà¥à¤à¥‡ आज पकड़ ही लिया होता।
चैंपलिन: जान! कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤® इन पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों को मूरà¥à¤– समà¤à¤¤à¥€ हो?
यà¥à¤µà¤¤à¥€: à¤à¤¾à¤— चलो यहां से, नहीं तो हम बà¥à¤°à¥€ तरह फंस जाà¤à¤‚गे।
पà¥à¤²à¤¿à¤¸: इस बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग को चारों तरफ से पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने घेर लिया है। सà¤à¥€ लोग अपने घरों से बाहर निकल आà¤à¤‚।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पीछा कर रहे थे कà¥à¤› पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वाले यà¥à¤µà¤¤à¥€ और चैंपलिन का? कà¥à¤¯à¤¾ यà¥à¤µà¤¤à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों को धोखा देने में कामयाब होती है? कà¥à¤¯à¤¾ चैंपलिन की पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों से मà¥à¤ à¤à¥‡à¤¡à¤¼ होती है? चैंपलिन और पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की मà¥à¤ à¤à¥‡à¤¡à¤¼ में किसकी मौत होती है? ताबूत में किसकी लाश मिलती है?
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यà¥à¤µà¤¤à¥€: डारà¥à¤²à¤¿à¤‚ग, पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने मà¥à¤à¥‡ आज पकड़ ही लिया होता।
चैंपलिन: जान! कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤® इन पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों को मूरà¥à¤– समà¤à¤¤à¥€ हो?
यà¥à¤µà¤¤à¥€: à¤à¤¾à¤— चलो यहां से, नहीं तो हम बà¥à¤°à¥€ तरह फंस जाà¤à¤‚गे।
पà¥à¤²à¤¿à¤¸: इस बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग को चारों तरफ से पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने घेर लिया है। सà¤à¥€ लोग अपने घरों से बाहर निकल आà¤à¤‚।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पीछा कर रहे थे कà¥à¤› पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वाले यà¥à¤µà¤¤à¥€ और चैंपलिन का? कà¥à¤¯à¤¾ यà¥à¤µà¤¤à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों को धोखा देने में कामयाब होती है? कà¥à¤¯à¤¾ चैंपलिन की पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों से मà¥à¤ à¤à¥‡à¤¡à¤¼ होती है? चैंपलिन और पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की मà¥à¤ à¤à¥‡à¤¡à¤¼ में किसकी मौत होती है? ताबूत में किसकी लाश मिलती है?
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यà¥à¤µà¤¤à¥€: डारà¥à¤²à¤¿à¤‚ग, पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने मà¥à¤à¥‡ आज पकड़ ही लिया होता।
चैंपलिन: जान! कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤® इन पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों को मूरà¥à¤– समà¤à¤¤à¥€ हो?
यà¥à¤µà¤¤à¥€: à¤à¤¾à¤— चलो यहां से, नहीं तो हम बà¥à¤°à¥€ तरह फंस जाà¤à¤‚गे।
पà¥à¤²à¤¿à¤¸: इस बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग को चारों तरफ से पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने घेर लिया है। सà¤à¥€ लोग अपने घरों से बाहर निकल आà¤à¤‚।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पीछा कर रहे थे कà¥à¤› पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वाले यà¥à¤µà¤¤à¥€ और चैंपलिन का? कà¥à¤¯à¤¾ यà¥à¤µà¤¤à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों को धोखा देने में कामयाब होती है? कà¥à¤¯à¤¾ चैंपलिन की पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वालों से मà¥à¤ à¤à¥‡à¤¡à¤¼ होती है? चैंपलिन और पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की मà¥à¤ à¤à¥‡à¤¡à¤¼ में किसकी मौत होती है? ताबूत में किसकी लाश मिलती है?
कहानी का ससà¥à¤ªà¥‡à¤‚स जानने के लिठआज ही सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ शेफाली कपूर की आवाज में कहानी ‘à¤à¤¨à¤•ाउंटर’।
“हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ अफ़सर – “”आप मà¥à¤à¥‡ कोई और बंगला अलॉट कर दीजिà¤à¥¤ वहाठमेरी जान को खतरा है। कोई साया और आवाज़ जैसे मेरा पीछा कर रहे हैं।””
सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ अफ़सर – “”तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी बात का à¤à¥à¤°à¤® हà¥à¤† होगा। कोई à¤à¥‚त-वूत नहीं होते। मैं इसकी जांच कराता हूà¤à¥¤””
जांचकरà¥à¤¤à¤¾ – “”अरे देखो! बाथरूम की खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ करने पर à¤à¤• मानव कंकाल मिला है।””
शिमला के कैथो बंगले पर जो कोई à¤à¥€ रहने जाता, à¤à¤• साया और à¤à¤• आवाज़ उसका पीछा करती रहती। बंगले के बाथरूम में जब खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ हà¥à¤ˆ तो à¤à¤• मानव कंकाल à¤à¥€ मिला। यह सब कà¥à¤¯à¤¾ था? यह कंकाल किसका था? कà¥à¤¯à¤¾ वाकई उस बंगले में किसी आतà¥à¤®à¤¾ का साया है? और आखिर वह आतà¥à¤®à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ कहना चाह रही है?
इस रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯à¥€ घटना के पीछे की सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ कà¥à¤¯à¤¾ है? जानिठसतà¥à¤¯ घटना पर आधारित डिपà¥à¤Ÿà¥€ कमिशà¥à¤¨à¤° किंग के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई कहानी ‘शिमला का बंगला’ में। आज ही सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।”
“हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ अफ़सर – “”आप मà¥à¤à¥‡ कोई और बंगला अलॉट कर दीजिà¤à¥¤ वहाठमेरी जान को खतरा है। कोई साया और आवाज़ जैसे मेरा पीछा कर रहे हैं।””
सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ अफ़सर – “”तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी बात का à¤à¥à¤°à¤® हà¥à¤† होगा। कोई à¤à¥‚त-वूत नहीं होते। मैं इसकी जांच कराता हूà¤à¥¤””
जांचकरà¥à¤¤à¤¾ – “”अरे देखो! बाथरूम की खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ करने पर à¤à¤• मानव कंकाल मिला है।””
शिमला के कैथो बंगले पर जो कोई à¤à¥€ रहने जाता, à¤à¤• साया और à¤à¤• आवाज़ उसका पीछा करती रहती। बंगले के बाथरूम में जब खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ हà¥à¤ˆ तो à¤à¤• मानव कंकाल à¤à¥€ मिला। यह सब कà¥à¤¯à¤¾ था? यह कंकाल किसका था? कà¥à¤¯à¤¾ वाकई उस बंगले में किसी आतà¥à¤®à¤¾ का साया है? और आखिर वह आतà¥à¤®à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ कहना चाह रही है?
इस रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯à¥€ घटना के पीछे की सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ कà¥à¤¯à¤¾ है? जानिठसतà¥à¤¯ घटना पर आधारित डिपà¥à¤Ÿà¥€ कमिशà¥à¤¨à¤° किंग के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई कहानी ‘शिमला का बंगला’ में। आज ही सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।”
“हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ अफ़सर – “”आप मà¥à¤à¥‡ कोई और बंगला अलॉट कर दीजिà¤à¥¤ वहाठमेरी जान को खतरा है। कोई साया और आवाज़ जैसे मेरा पीछा कर रहे हैं।””
सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ अफ़सर – “”तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी बात का à¤à¥à¤°à¤® हà¥à¤† होगा। कोई à¤à¥‚त-वूत नहीं होते। मैं इसकी जांच कराता हूà¤à¥¤””
जांचकरà¥à¤¤à¤¾ – “”अरे देखो! बाथरूम की खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ करने पर à¤à¤• मानव कंकाल मिला है।””
शिमला के कैथो बंगले पर जो कोई à¤à¥€ रहने जाता, à¤à¤• साया और à¤à¤• आवाज़ उसका पीछा करती रहती। बंगले के बाथरूम में जब खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ हà¥à¤ˆ तो à¤à¤• मानव कंकाल à¤à¥€ मिला। यह सब कà¥à¤¯à¤¾ था? यह कंकाल किसका था? कà¥à¤¯à¤¾ वाकई उस बंगले में किसी आतà¥à¤®à¤¾ का साया है? और आखिर वह आतà¥à¤®à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ कहना चाह रही है?
इस रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯à¥€ घटना के पीछे की सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ कà¥à¤¯à¤¾ है? जानिठसतà¥à¤¯ घटना पर आधारित डिपà¥à¤Ÿà¥€ कमिशà¥à¤¨à¤° किंग के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई कहानी ‘शिमला का बंगला’ में। आज ही सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।”
“हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ अफ़सर – “”आप मà¥à¤à¥‡ कोई और बंगला अलॉट कर दीजिà¤à¥¤ वहाठमेरी जान को खतरा है। कोई साया और आवाज़ जैसे मेरा पीछा कर रहे हैं।””
सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ अफ़सर – “”तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी बात का à¤à¥à¤°à¤® हà¥à¤† होगा। कोई à¤à¥‚त-वूत नहीं होते। मैं इसकी जांच कराता हूà¤à¥¤””
जांचकरà¥à¤¤à¤¾ – “”अरे देखो! बाथरूम की खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ करने पर à¤à¤• मानव कंकाल मिला है।””
शिमला के कैथो बंगले पर जो कोई à¤à¥€ रहने जाता, à¤à¤• साया और à¤à¤• आवाज़ उसका पीछा करती रहती। बंगले के बाथरूम में जब खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ हà¥à¤ˆ तो à¤à¤• मानव कंकाल à¤à¥€ मिला। यह सब कà¥à¤¯à¤¾ था? यह कंकाल किसका था? कà¥à¤¯à¤¾ वाकई उस बंगले में किसी आतà¥à¤®à¤¾ का साया है? और आखिर वह आतà¥à¤®à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ कहना चाह रही है?
इस रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯à¥€ घटना के पीछे की सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ कà¥à¤¯à¤¾ है? जानिठसतà¥à¤¯ घटना पर आधारित डिपà¥à¤Ÿà¥€ कमिशà¥à¤¨à¤° किंग के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई कहानी ‘शिमला का बंगला’ में। आज ही सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।”
हेज़ल: कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ मालूम है कि कल रात किसी ने गरीब पीटर को चाकू मार कर कतà¥à¤² कर दिया?
à¤à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¤¾à¤¬à¥‡à¤¥: मैं यह à¤à¥€ जानती हूठकि पीटर का कातिल और कोई नहीं, बलà¥à¤•ि तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ पति रेमंड ही है।
हेज़ल: (हैरान होते हà¥à¤) यह नामà¥à¤®à¤•िन है! मेरे पति तो à¤à¤• रोड हादसे में मर चà¥à¤•े हैं। वह à¤à¤²à¤¾ पीटर की हतà¥à¤¯à¤¾ कैसे कर सकते हैं?
वालà¥à¤Ÿà¤°: à¤à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¤¾à¤¬à¥‡à¤¥! तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ हेज़ल के मरे हà¥à¤ पति के बारे में à¤à¤¸à¤¾ नहीं कहना चाहिà¤à¥¤
यहां पर कई सवाल उà¤à¤°à¤¤à¥‡ हैं: à¤à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¤¾à¤¬à¥‡à¤¥ ने हेज़ल के पति रेमंड पर पीटर की हतà¥à¤¯à¤¾ का इलà¥à¤œà¤¾à¤® कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लगाया? आखिर यह पीटर कौन है और उसकी हतà¥à¤¯à¤¾ की वजह कà¥à¤¯à¤¾ हो सकती है? रेमंड का पीटर की हतà¥à¤¯à¤¾ से कà¥à¤¯à¤¾ संबंध हो सकता है? अगर रेमंड ने पीटर की हतà¥à¤¯à¤¾ नहीं की, तो असली कातिल कौन है? और à¤à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¤¾à¤¬à¥‡à¤¥ का रेमंड के साथ कà¥à¤¯à¤¾ रिशà¥à¤¤à¤¾ है?
इन सà¤à¥€ सवालों के जवाब जानने के लिठसà¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¤°à¥‚निका पारà¥à¤•र जोनà¥à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯ कहानी ‘साजिशबाज़ औरत’ शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
हेज़ल: कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ मालूम है कि कल रात किसी ने गरीब पीटर को चाकू मार कर कतà¥à¤² कर दिया?
à¤à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¤¾à¤¬à¥‡à¤¥: मैं यह à¤à¥€ जानती हूठकि पीटर का कातिल और कोई नहीं, बलà¥à¤•ि तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ पति रेमंड ही है।
हेज़ल: (हैरान होते हà¥à¤) यह नामà¥à¤®à¤•िन है! मेरे पति तो à¤à¤• रोड हादसे में मर चà¥à¤•े हैं। वह à¤à¤²à¤¾ पीटर की हतà¥à¤¯à¤¾ कैसे कर सकते हैं?
वालà¥à¤Ÿà¤°: à¤à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¤¾à¤¬à¥‡à¤¥! तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ हेज़ल के मरे हà¥à¤ पति के बारे में à¤à¤¸à¤¾ नहीं कहना चाहिà¤à¥¤
यहां पर कई सवाल उà¤à¤°à¤¤à¥‡ हैं: à¤à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¤¾à¤¬à¥‡à¤¥ ने हेज़ल के पति रेमंड पर पीटर की हतà¥à¤¯à¤¾ का इलà¥à¤œà¤¾à¤® कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लगाया? आखिर यह पीटर कौन है और उसकी हतà¥à¤¯à¤¾ की वजह कà¥à¤¯à¤¾ हो सकती है? रेमंड का पीटर की हतà¥à¤¯à¤¾ से कà¥à¤¯à¤¾ संबंध हो सकता है? अगर रेमंड ने पीटर की हतà¥à¤¯à¤¾ नहीं की, तो असली कातिल कौन है? और à¤à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¤¾à¤¬à¥‡à¤¥ का रेमंड के साथ कà¥à¤¯à¤¾ रिशà¥à¤¤à¤¾ है?
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हेज़ल: कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ मालूम है कि कल रात किसी ने गरीब पीटर को चाकू मार कर कतà¥à¤² कर दिया?
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हेज़ल: (हैरान होते हà¥à¤) यह नामà¥à¤®à¤•िन है! मेरे पति तो à¤à¤• रोड हादसे में मर चà¥à¤•े हैं। वह à¤à¤²à¤¾ पीटर की हतà¥à¤¯à¤¾ कैसे कर सकते हैं?
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हेज़ल: कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ मालूम है कि कल रात किसी ने गरीब पीटर को चाकू मार कर कतà¥à¤² कर दिया?
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इन सà¤à¥€ सवालों के जवाब जानने के लिठसà¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¤°à¥‚निका पारà¥à¤•र जोनà¥à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯ कहानी ‘साजिशबाज़ औरत’ शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
हेज़ल: कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ मालूम है कि कल रात किसी ने गरीब पीटर को चाकू मार कर कतà¥à¤² कर दिया?
à¤à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¤¾à¤¬à¥‡à¤¥: मैं यह à¤à¥€ जानती हूठकि पीटर का कातिल और कोई नहीं, बलà¥à¤•ि तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ पति रेमंड ही है।
हेज़ल: (हैरान होते हà¥à¤) यह नामà¥à¤®à¤•िन है! मेरे पति तो à¤à¤• रोड हादसे में मर चà¥à¤•े हैं। वह à¤à¤²à¤¾ पीटर की हतà¥à¤¯à¤¾ कैसे कर सकते हैं?
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इन सà¤à¥€ सवालों के जवाब जानने के लिठसà¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¤°à¥‚निका पारà¥à¤•र जोनà¥à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯ कहानी ‘साजिशबाज़ औरत’ शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
जेनिफर: ओ डारà¥à¤²à¤¿à¤‚ग, बालकनी में यह कितना खूबसूरत गà¥à¤²à¤¾à¤¬ है! आज अपनी à¤à¤¨à¤¿à¤µà¤°à¥à¤¸à¤°à¥€ पर इसे अपने बालों में सजाऊंगी।
मैकà¥à¤¸: कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं डारà¥à¤²à¤¿à¤‚ग, आज ही तो वह सà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤² डे है।
पà¥à¤²à¤¿à¤¸: उस बालकनी से जो गिरा है, उसकी मौत हो गई है।
जेनिफर या मैकà¥à¤¸ – कौन उस बालकनी से गिरा था? कà¥à¤¯à¤¾ यह वाकई कोई हादसा था या कोई साजिश? और अगर यह साजिश थी तो उसके पीछे कà¥à¤¯à¤¾ कारण हो सकता है? जानने के लिठआज ही सà¥à¤¨à¤¿à¤, रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी ‘साजिश’, शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में
यà¥à¤µà¤¤à¥€: तो तà¥à¤®à¤¨à¥‡ आखिर कà¥à¤¯à¤¾ फैसला किया?
जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिंह: मैं इस कड़े को नहीं निकाल पाऊंगा और आखिर मैं à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ करूं?
यà¥à¤µà¤¤à¥€: मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ हर खà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶ पूरी कर दूंगी।
जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिंह: तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ दे ही कà¥à¤¯à¤¾ सकती हो?
आखिर वह खूबसूरत यà¥à¤µà¤¤à¥€ कौन है जो जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिंह से उसके गà¥à¤°à¥ का दिया हà¥à¤† कड़ा मांग रही है? à¤à¤• रात जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिंह के साथ कौन सी हैरतअंगेज घटना हà¥à¤ˆ? जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिंह के साथ आखिर कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤†? सà¥à¤¨à¤¿à¤ ससà¥à¤ªà¥‡à¤‚स से à¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ à¤à¤• रोमांचक कहानी “नागिन का इशà¥à¤•”, शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
यà¥à¤µà¤¤à¥€: तो तà¥à¤®à¤¨à¥‡ आखिर कà¥à¤¯à¤¾ फैसला किया?
जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिंह: मैं इस कड़े को नहीं निकाल पाऊंगा और आखिर मैं à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ करूं?
यà¥à¤µà¤¤à¥€: मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ हर खà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶ पूरी कर दूंगी।
जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिंह: तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ दे ही कà¥à¤¯à¤¾ सकती हो?
आखिर वह खूबसूरत यà¥à¤µà¤¤à¥€ कौन है जो जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिंह से उसके गà¥à¤°à¥ का दिया हà¥à¤† कड़ा मांग रही है? à¤à¤• रात जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिंह के साथ कौन सी हैरतअंगेज घटना हà¥à¤ˆ? जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिंह के साथ आखिर कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤†? सà¥à¤¨à¤¿à¤ ससà¥à¤ªà¥‡à¤‚स से à¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ à¤à¤• रोमांचक कहानी “नागिन का इशà¥à¤•”, शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
“सरकारी वकील: जज साहब, कारà¥à¤² बोलà¥à¤Ÿ ही अपनी पतà¥à¤¨à¥€ का असली कातिल है। जिंक और बोलà¥à¤Ÿ के बीच किसी बात को लेकर à¤à¤—ड़ा हà¥à¤† और बोलà¥à¤Ÿ ने गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ में आकर अपनी पतà¥à¤¨à¥€ का कतà¥à¤² कर दिया।
कारà¥à¤² बोलà¥à¤Ÿ: जज साहब, मैं बेकसूर हूं।
यà¥à¤µà¤•: जज साहब, मैं कारà¥à¤² बोलà¥à¤Ÿ के घर गया था। वह टीवी पर मूवी देखते-देखते सो गया था। वह कैसे कर सकता है अपनी पतà¥à¤¨à¥€ का कतà¥à¤²?
वह यà¥à¤µà¤• à¤à¥‚ठी गवाही देकर अपनी à¤à¤•à¥à¤¸ वाइफ के पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ कारà¥à¤² बोलà¥à¤Ÿ को कतà¥à¤² के इलà¥à¤œà¤¾à¤® से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बचाना चाह रहा है? इसके पीछे उस यà¥à¤µà¤• का कà¥à¤¯à¤¾ मकसद हो सकता है? सà¥à¤¨à¤¿à¤ बेहद दिलचसà¥à¤ª कहानी “”कतà¥à¤² का गवाह””, शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
“à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¯à¤¾: “”देखो, à¤à¤²à¤¿à¤¸, वह काली बिलà¥à¤²à¥€ अपना मà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾ बचà¥à¤šà¤¾ लेकर हमारा ही पीछा कर रही है।””
à¤à¤²à¤¿à¤¸: “”सॉरी, à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¯à¤¾, पर तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤¯à¤¾ लगता है, मैं बिलà¥à¤²à¥€ से डर जाऊंगा?””
à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¯à¤¾: “”पर मà¥à¤à¥‡ इसके इरादे कà¥à¤› नेक नहीं लग रहे।””
à¤à¤²à¤¿à¤¸: “”यह कà¥à¤› नहीं कर पाà¤à¤—ी मेरा।””
वह काली बिलà¥à¤²à¥€ अपने मà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾ बचà¥à¤šà¤¾ को लेकर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤²à¤¿à¤¸ के पीछे पड़ गई है? कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माज़रा? कà¥à¤¯à¤¾ वह काली बिलà¥à¤²à¥€ à¤à¤²à¤¿à¤¸ से किसी पà¥à¤°à¤•ार का बदला लेना चाह रही है? कà¥à¤¯à¤¾ होता है जब à¤à¤²à¤¿à¤¸ का सामना उसे काली बिलà¥à¤²à¥€ से होता है? à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› जो शायद आपने सोचा à¤à¥€ ना होगा! जानने के लिठआज ही सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ Bram Stoker के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯ कहानी ‘हनीमून’, शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।”
“आसिफ़: “”यार, à¤à¤¸à¥‡ कैसे चलेगा? कà¥à¤› तो आईडिया लगाना पड़ेगा।””
अशफ़ाक: “”हां, यार, कोई à¤à¤¸à¤¾ जà¥à¤—ाड़ करना पड़ेगा कि मेहनत à¤à¥€ ना करें और रातों-रात अमीर à¤à¥€ बन जाà¤à¥¤””
फ़रहान: “”जब मालामाल हो जाà¤à¤‚गे तो चल देंगे अमेरिका।””
आमिर: “”और होगी अपनी à¤à¤¶ ही à¤à¤¶à¥¤””
परवेज़: “”मेरे पास à¤à¤• सॉलिड आईडिया है, और मैं कहता हूं कि यह 100% काम करेगा।””
परवेज़ के पास à¤à¤¸à¤¾ कौन सा आईडिया था जो पांचो दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को रातों-रात अमीर बना सकता था? कà¥à¤¯à¤¾ परवेज़ के आईडिया से पांचो दोसà¥à¤¤ अमीर हो सके? जानने के लिठमिरà¥à¤œà¤¾ हैदर अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई कहानी ‘धोखा’, शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
“आसिफ़: “”यार, à¤à¤¸à¥‡ कैसे चलेगा? कà¥à¤› तो आईडिया लगाना पड़ेगा।””
अशफ़ाक: “”हां, यार, कोई à¤à¤¸à¤¾ जà¥à¤—ाड़ करना पड़ेगा कि मेहनत à¤à¥€ ना करें और रातों-रात अमीर à¤à¥€ बन जाà¤à¥¤””
फ़रहान: “”जब मालामाल हो जाà¤à¤‚गे तो चल देंगे अमेरिका।””
आमिर: “”और होगी अपनी à¤à¤¶ ही à¤à¤¶à¥¤””
परवेज़: “”मेरे पास à¤à¤• सॉलिड आईडिया है, और मैं कहता हूं कि यह 100% काम करेगा।””
परवेज़ के पास à¤à¤¸à¤¾ कौन सा आईडिया था जो पांचो दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को रातों-रात अमीर बना सकता था? कà¥à¤¯à¤¾ परवेज़ के आईडिया से पांचो दोसà¥à¤¤ अमीर हो सके? जानने के लिठमिरà¥à¤œà¤¾ हैदर अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई कहानी ‘धोखा’, शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
“डैनी: “”à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¾, मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ बहà¥à¤¤ पà¥à¤¯à¤¾à¤° करता हूं। मेरे पà¥à¤¯à¤¾à¤° की ख़ातिर मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• छोटी सी तकलीफ़ देना चाहता हूं।””
à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¾: “”कà¥à¤¯à¤¾ कह रहे हो, डैनी? कैसी तकलीफ़, कैसी मदद? मैं कà¥à¤› समà¤à¥€ नहीं।””
डैनी: “”तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ डॉकà¥à¤Ÿà¤° डà¥à¤¯à¥‚ड के यहां से कà¥à¤› फाइलें लानी पड़ेगी।””
à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¾: “”पर à¤à¤¸à¤¾ करना तो गलत होगा।””
डैनी डॉकà¥à¤Ÿà¤° डà¥à¤¯à¥‚ड के यहां से à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¾ से कà¥à¤› फाइलें कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मंगवाना चाह रहा है? आखिर इसके पीछे उसका कà¥à¤¯à¤¾ मकसद है? कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¾ अपने पà¥à¤¯à¤¾à¤° की खातिर यह गलत काम करने को राज़ी हो जाती है? कà¥à¤¯à¤¾ है इसके पीछे का राज़? जानने के लिठसà¥à¤¨à¤¿à¤ नसरीन हिना के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई कहानी ‘बà¥à¤²à¥ˆà¤•मेल’, शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
“डैनी: “”à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¾, मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ बहà¥à¤¤ पà¥à¤¯à¤¾à¤° करता हूं। मेरे पà¥à¤¯à¤¾à¤° की ख़ातिर मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• छोटी सी तकलीफ़ देना चाहता हूं।””
à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¾: “”कà¥à¤¯à¤¾ कह रहे हो, डैनी? कैसी तकलीफ़, कैसी मदद? मैं कà¥à¤› समà¤à¥€ नहीं।””
डैनी: “”तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ डॉकà¥à¤Ÿà¤° डà¥à¤¯à¥‚ड के यहां से कà¥à¤› फाइलें लानी पड़ेगी।””
à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¾: “”पर à¤à¤¸à¤¾ करना तो गलत होगा।””
डैनी डॉकà¥à¤Ÿà¤° डà¥à¤¯à¥‚ड के यहां से à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¾ से कà¥à¤› फाइलें कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मंगवाना चाह रहा है? आखिर इसके पीछे उसका कà¥à¤¯à¤¾ मकसद है? कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤®à¤¿à¤²à¤¾ अपने पà¥à¤¯à¤¾à¤° की खातिर यह गलत काम करने को राज़ी हो जाती है? कà¥à¤¯à¤¾ है इसके पीछे का राज़? जानने के लिठसà¥à¤¨à¤¿à¤ नसरीन हिना के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई कहानी ‘बà¥à¤²à¥ˆà¤•मेल’, शैफ़ाली कपूर की आवाज़ में।
इस मदरà¥à¤¸ डे पर, ‘गाथा’ आपके लिठलेकर आ रहा है à¤à¤• खास पेशकश – “माठतà¥à¤à¥‡ सलाम!” हमने संजोयी हैं वे कहानियाठऔर कविताà¤à¤, जो माठको जीवन के सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ और अनà¥à¤ªà¤® अंग के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करती हैं। ये संगà¥à¤°à¤¹ न केवल हमारी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¿à¤‚ब है, बलà¥à¤•ि हर माठके अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ योगदान को à¤à¥€ सलाम करता है।हर कहानी और हर कविता आपको माठके उन अनगिनत कà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ की याद दिलाà¤à¤—ी, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आपके जीवन को संवारा है
माता सीता समसà¥à¤¤ नारी जाति के लिठअà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ और पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ हैं। à¤à¤• सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के सà¤à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿ रूप जिनमें समाहित है। à¤à¤• पतिवà¥à¤°à¤¤à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ होने के साथ-साथ à¤à¤• ओजसà¥à¤µà¤¿à¤¨à¥€ नारी का परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ à¤à¥€ है ।रावण जैसे तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤• विजेता के समकà¥à¤· निरà¥à¤à¥€à¤•ता से रहना अपने आप में à¤à¤• अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ है। सीता के जनà¥à¤® से लेकर उनके संघरà¥à¤·, पà¥à¤°à¥‡à¤® समरà¥à¤ªà¤£ की पूरी कथा सà¥à¤¨à¤¿à¤ गाथा पर
कौशलà¥à¤¯à¤¾ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ राजà¥à¤¯ कौशल के राजा सà¥à¤•ौशल और रानी अमृत पà¥à¤°à¤à¤¾ की पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ थी। वह राजा दशरथ की पà¥à¤°à¤¥à¤® पतà¥à¤¨à¥€ थी और पà¥à¤°à¤à¥ शà¥à¤°à¥€ राम की मां। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ को जनà¥à¤® दिया था, जिसका नाम था शांता। शिकार के दौरान राजा दशरथ को मिली कैकेयी, जो उनकी दूसरी पतà¥à¤¨à¥€ थी और à¤à¤°à¤¤ की मां। कैकेयी यà¥à¤¦à¥à¤§ कला में पारंगत थीं और शà¥à¤°à¥€ राम के लिठअतà¥à¤¯à¤‚त पà¥à¤°à¤¿à¤¯ थीं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤°à¤¤ को राजगदà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करवाने के लिठशà¥à¤°à¥€ राम को 14 वरà¥à¤· का वनवास दिलवाया। दà¥à¤µà¤¾à¤ªà¤° यà¥à¤— में, कैकेयी ने देवकी के रूप में पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® लिया।
मांडवी और उरà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¾ का यह अदà¥à¤à¥à¤¤ तà¥à¤¯à¤¾à¤— और समरà¥à¤ªà¤£ सीता के समान महान था, जो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने पतियों और परिवार के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दिखाया।
अहिलà¥à¤¯à¤¾, महरà¥à¤·à¤¿ गौतम की पतà¥à¤¨à¥€ हैं। अनेक हिनà¥à¤¦à¥‚ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में उनकी कथा का वरà¥à¤£à¤¨ है, जिसमें देवराज इंदà¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनके साथ किठगठछल, उनके पति दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनकी निषà¥à¤•ामता के लिठशà¥à¤°à¤¾à¤ª, और उनके शà¥à¤°à¤¾à¤ª से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ की वरà¥à¤£à¤¨ है जो à¤à¤—वान राम दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ होती है।
बालि की पतà¥à¤¨à¥€ तारा, रामायण में à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤¶à¤¾à¤²à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ है। किषà¥à¤•िंधा नगर की समà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤žà¥€ तारा सà¥à¤‚दर थीं, लेकिन उनके साथ वाकचातà¥à¤°à¥à¤¯ और कà¥à¤¶à¤² राजनीतिजà¥à¤ž à¤à¥€ थे। इसलिठवालà¥à¤®à¥€à¤•ि ऋषि ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रामायण में सà¤à¥€ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• महतà¥à¤µ दिया है।वानर समाज में पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤®à¥à¤–ता थी। सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ केवल à¤à¥‹à¤—à¥à¤¯ वसà¥à¤¤à¥à¤° थीं। सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ की कनिषà¥à¤ पतà¥à¤¨à¥€ का दरà¥à¤œà¤¾ उसने सà¥à¤µà¥€à¤•ार करने की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की। तारा की कितनी ही मानसिक पीड़ा हो, इसकी कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ नहीं की जा सकती। लेकिन वे अपने पà¥à¤¤à¥à¤° के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ और वानर समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के हित के लिठसà¤à¥€ पीड़ा को खà¥à¤¶à¥€ से सहन किया। रामायण में तारा जैसी उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ कोई और नहीं है|
बालि की पतà¥à¤¨à¥€ तारा, रामायण में à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤¶à¤¾à¤²à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ है। किषà¥à¤•िंधा नगर की समà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤žà¥€ तारा सà¥à¤‚दर थीं, लेकिन उनके साथ वाकचातà¥à¤°à¥à¤¯ और कà¥à¤¶à¤² राजनीतिजà¥à¤ž à¤à¥€ थे। इसलिठवालà¥à¤®à¥€à¤•ि ऋषि ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रामायण में सà¤à¥€ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• महतà¥à¤µ दिया है।वानर समाज में पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤®à¥à¤–ता थी। सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ केवल à¤à¥‹à¤—à¥à¤¯ वसà¥à¤¤à¥à¤° थीं। सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ की कनिषà¥à¤ पतà¥à¤¨à¥€ का दरà¥à¤œà¤¾ उसने सà¥à¤µà¥€à¤•ार करने की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की। तारा की कितनी ही मानसिक पीड़ा हो, इसकी कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ नहीं की जा सकती। लेकिन वे अपने पà¥à¤¤à¥à¤° के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ और वानर समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के हित के लिठसà¤à¥€ पीड़ा को खà¥à¤¶à¥€ से सहन किया। रामायण में तारा जैसी उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ कोई और नहीं है|
शबरी की कथा धरà¥à¤® और à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ उदाहरण है। उनकी निषà¥à¤ ा, सादगी और à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में दृढ़ता ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤—वानॠशà¥à¤°à¥€ राम के दरà¥à¤¶à¤¨ का अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ आनंद पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कराया। शबरी ने अपने जीवन के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पल में à¤à¤—वानॠकी सेवा की, उनके आगमन का इंतज़ार किया, और उनको पूरी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ और पà¥à¤°à¥‡à¤® से सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया
रामायण में मंदोदरी का पातà¥à¤° à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ नारी के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है जो विवेक और समरà¥à¤ªà¤£ के की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ थी। जिसने अपने अहंकारी पति रावण के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ हेतॠअथक पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया ।पà¥à¤¤à¥à¤° की मृतà¥à¤¯à¥ के बाद à¤à¥€ वह समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ पतà¥à¤¨à¥€ और पटरानी होने का दायितà¥à¤µ निà¤à¤¾à¤¤à¥€ रही ।लंका के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ हेतॠरावण वध के बाद विà¤à¥€à¤·à¤£ से जिसने विवाह किया।
रामायण, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ साहितà¥à¤¯ की अनà¥à¤ªà¤® कृति, जिसमें नारी शकà¥à¤¤à¤¿ के अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ आयामों का गहराई से चितà¥à¤°à¤£ किया गया है, इस नवरातà¥à¤°à¤¿ “रामायण की 9 महान नारी शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤”- नौ असाधारण महिला पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की कहानियों के माधà¥à¤¯à¤® से, नारी शकà¥à¤¤à¤¿ की अनेक सà¥à¤µà¤°à¥‚पों को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करती है।अनà¥à¤ªà¤® रमेश किंगर की सà¥à¤®à¤§à¥à¤° आवाज़ में इन कहानियों को सà¥à¤¨à¤¨à¤¾ न केवल आपको à¤à¤¾à¤µà¤µà¤¿à¤à¥‹à¤° कर देगा बलà¥à¤•ि आपको नारी शकà¥à¤¤à¤¿ की अदमà¥à¤¯ गाथा के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पहलू से रूबरू à¤à¥€ कराà¤à¤—ा। यह सिरà¥à¤«à¤¼ और सिरà¥à¤«à¤¼ “गाथा” पर उपलबà¥à¤§ है
रामायण, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ साहितà¥à¤¯ की अनà¥à¤ªà¤® कृति, जिसमें नारी शकà¥à¤¤à¤¿ के अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ आयामों का गहराई से चितà¥à¤°à¤£ किया गया है, इस नवरातà¥à¤°à¤¿ “रामायण की 9 महान नारी शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤”- नौ असाधारण महिला पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की कहानियों के माधà¥à¤¯à¤® से, नारी शकà¥à¤¤à¤¿ की अनेक सà¥à¤µà¤°à¥‚पों को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करती है।अनà¥à¤ªà¤® रमेश किंगर की सà¥à¤®à¤§à¥à¤° आवाज़ में इन कहानियों को सà¥à¤¨à¤¨à¤¾ न केवल आपको à¤à¤¾à¤µà¤µà¤¿à¤à¥‹à¤° कर देगा बलà¥à¤•ि आपको नारी शकà¥à¤¤à¤¿ की अदमà¥à¤¯ गाथा के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पहलू से रूबरू à¤à¥€ कराà¤à¤—ा। यह सिरà¥à¤«à¤¼ और सिरà¥à¤«à¤¼ “गाथा” पर उपलबà¥à¤§ है
राकà¥à¤·à¤¸à¥€ ढूंढी ने राजा पृथृ के राजà¥à¤¯ में बहà¥à¤¤ अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° फैलाया। राजा पृथृ ने राकà¥à¤·à¤¸à¥€ ढूंढी के अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° से किस पà¥à¤°à¤•ार अपने राजà¥à¤¯ का संरकà¥à¤·à¤£ किया? और इस बात का होली के तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° से कà¥à¤¯à¤¾ संबंध है? जानने के लिठसà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हैं राकà¥à¤·à¤¸à¥€ ढूंढी की कथा, विनीता शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ की आवाज़ में
राकà¥à¤·à¤¸à¥€ पूतना का वध शà¥à¤°à¥€à¤•ृषà¥à¤£ ने किस पà¥à¤°à¤•ार किया ?और इस बात का होली के परà¥à¤µ से कà¥à¤¯à¤¾ संबंध है? जानने के लिठसà¥à¤¨à¥‡ कंस और पूतना की कथा, विनीता शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ की आवाज़ में
होली का तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦ और होलिका की कथा से किस पà¥à¤°à¤•ार गहराइयों से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ है? इसे जानने के लिठपूरी कहानी सà¥à¤¨à¥‡ पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦ और होली का की कथा, विनीता शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ की आवाज़ में
कामदेव ने किस पà¥à¤°à¤•ार à¤à¤—वान शिव से पारà¥à¤µà¤¤à¥€ जी का विवाह कराने में उनकी सहायता की ?और होली परà¥à¤µ का इस बात से कà¥à¤¯à¤¾ संबंध है ?पूरी कहानी जानने के लिठसà¥à¤¨à¤¿à¤ शिव पारà¥à¤µà¤¤à¥€ और कामदेव की कथा विनीत शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ की आवाज़ में
होली का तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° राधा और कृषà¥à¤£ की पà¥à¤°à¥‡à¤® कहानी से अटूट जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¤† है ।राधा- कृषà¥à¤£ की पà¥à¤°à¥‡à¤®-लीला का होली से कà¥à¤¯à¤¾ संबंध है ?और इसके पीछे कà¥à¤¯à¤¾ कथा है? सà¥à¤¨à¤¿à¤ राधा और कृषà¥à¤£ की कथा, विनीता शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ की आवाज़ में
Uttar Pradesh, the heart of India, is a land of epics, holy rivers, ancient cities and pilgrimage. In modern times, it is emerging as a driver of the nation’s economy with its network of expressways, industrial corridors, international airports, centers of educational and medical excellence, and an exporter of indigenous products.
Uttar Pradesh, the heart of India, is a land of epics, holy rivers, ancient cities and pilgrimage. In modern times, it is emerging as a driver of the nation’s economy with its network of expressways, industrial corridors, international airports, centers of educational and medical excellence, and an exporter of indigenous products.
Uttar Pradesh, the heart of India, is a land of epics, holy rivers, ancient cities and pilgrimage. In modern times, it is emerging as a driver of the nation’s economy with its network of expressways, industrial corridors, international airports, centers of educational and medical excellence, and an exporter of indigenous products.
करà¥à¤¨à¤² होशियार सिंह ( 5 मई, 1937- 6 दिसमà¥à¤¬à¤°, 1998) परमवीर चकà¥à¤° से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ है।1971 की à¤à¤¾à¤°à¤¤-पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की जंग à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनिकों की वीरता और पराकà¥à¤°à¤® का à¤à¤• शानदार उदाहरण है। इस जंग से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ जवानों के बहादà¥à¤°à¥€ के कई किसà¥à¤¸à¥‡ हैं। इस यà¥à¤¦à¥à¤§ में यूं तो चार जांबाजों को सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š वीरता पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार परमवीर चकà¥à¤° से नवाजा गया था, मगर सिरà¥à¤« à¤à¤• जांबाज मेजर होशियार सिंह à¤à¤¸à¥‡ थे जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार जीवित रहते मिला।
3 नवंबर 1947 को, जब देश अà¤à¥€ आजाद हà¥à¤† था, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ ने शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र पर हमला बोल दिया था। इस हमले का मकसद था शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र à¤à¤¯à¤°à¤¬à¥‡à¤¸ को कबà¥à¤œà¥‡ में करना। 700 दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ आकà¥à¤°à¤®à¤£à¤•ारी थे, लेकिन हमारे 50 जवानों ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बहादà¥à¤°à¥€ से रोका। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सिरà¥à¤« छह घंटे में आगे बढ़ने से रोका और 200 आतंकवादी को नरà¥à¤• पहà¥à¤‚चा दिया। इस यà¥à¤¦à¥à¤§ में हमारे 22 जवान शहीद हो गà¤, लेकिन उनकी बलिदानी चेतना हमें आगे बढ़ने का साहस देती है। इस कहानी का मà¥à¤–à¥à¤¯ किरदार, देश के पहले परमवीर चकà¥à¤° विजेता मेजर सोमनाथ शरà¥à¤®à¤¾ (Major Somnath Sharma) है।
अबà¥à¤¦à¥à¤² हमीद मसऊदी (1 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 1933 – 10सितमà¥à¤¬à¤° 1965)à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना की 4 गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‡à¤¡à¤¿à¤¯à¤° में à¤à¤• सिपाही थे जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 1965 के à¤à¤¾à¤°à¤¤-पाक यà¥à¤¦à¥à¤§ के दौरान खेमकरण सैकà¥à¤Ÿà¤° के आसल उतà¥à¤¤à¤¾à¤¡à¤¼ में लड़े गठयà¥à¤¦à¥à¤§ में अदà¥à¤à¥à¤¤ वीरता का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ करते हà¥à¤ वीरगति पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की जिसके लिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मरणोपरानà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š सेना पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार परमवीर चकà¥à¤° मिला।यà¥à¤¦à¥à¤§ में शहीद होने से पहले पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ सेना के आठपैटन टैंको को नषà¥à¤Ÿ कर लड़ाई का रà¥à¤– पलट दिया था| पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को à¤à¤¾à¤—ना पड़ा था और इस तरह से à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना को विजय मिली थी
कैपà¥à¤Ÿà¤¨ गà¥à¤°à¤¬à¤šà¤¨ सिंह सलारिया परमवीर चकà¥à¤° (29 नवंबर 1935 – 5 दिसंबर 1961) à¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनà¥à¤¯ अधिकारी और संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° शांति अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ के सदसà¥à¤¯ थे। वह परमवीर चकà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने वाले à¤à¤•मातà¥à¤° संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° शांतिरकà¥à¤·à¤• हैं। वह किंग जॉरà¥à¤œ के रॉयल मिलिटà¥à¤°à¥€ कॉलेज और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ रकà¥à¤·à¤¾ अकादमी के पूरà¥à¤µ छातà¥à¤° थे।
सूबेदार जोगिंदर सिंह शूरसैनी राजपूत (26 सितंबर 1921 – 23अकà¥à¤Ÿà¥‚बर1962) सिख रेजिमेंट के à¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनिक थे। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 1962 के à¤à¤¾à¤°à¤¤-चीन यà¥à¤¦à¥à¤§ में असाधारण वीरता के लिठमरणोपरांत परमवीर चकà¥à¤° से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया।साल 1962 का à¤à¤¾à¤°à¤¤-चीन यà¥à¤¦à¥à¤§ में à¤à¤• हीरो à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ था जिसने गोली लगने के बाद à¤à¥€ हार नहीं मानी और यà¥à¤¦à¥à¤§ के मैदान में डटा रहा. ये हीरो कोई और नहीं बलà¥à¤•ि सूबेदार जोगिंदर सिंह थे,जोगिंदर सिंह ने ‘जो बोले सो निहाल, सत शà¥à¤°à¥€ अकाल’ के नारे लगाते हà¥à¤ चीनी सेना पर हमला किया था और अकेले फौज पर à¤à¤¾à¤°à¥€ पड़े|
फà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤‚ग ऑफिसर निरà¥à¤®à¤²à¤œà¥€à¤¤ सिंह सेखों (17 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 1943 – 14 दिसंबर 1971) à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वायॠसेना के à¤à¤• अधिकारी थे। à¤à¤¾à¤°à¤¤-पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ यà¥à¤¦à¥à¤§ 1971 के दौरान पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ वायॠसेना के हवाई हमले के खिलाफ शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र à¤à¤¯à¤° बेस के बचाव में शहीद हो गठथे। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मरणोपरांत à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š सैनà¥à¤¯ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ परमवीर चकà¥à¤° से वरà¥à¤· 1972 में समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया।
कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह (शà¥à¤°à¥€ पीरू सिंह शेखावत à¤à¥€) (20 मई 1918 – 18 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 1948) à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनिक थे। उनका 1947 के à¤à¤¾à¤°à¤¤-पाक यà¥à¤¦à¥à¤§ में निधन हà¥à¤†à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 1952 में मरणोपरांत परमवीर चकà¥à¤° से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया जो शतà¥à¤°à¥ के सामने वीरता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठदिया जाने वाला सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ है।
कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ रेजीमेंट की 13वीं बटालियन, जिसमें 123 वीर जवान थे, à¤à¤¾à¤°à¤¤-चीन 1962 यà¥à¤¦à¥à¤§ में अदà¥à¤à¥à¤¤ पराकà¥à¤°à¤® दिखाते हà¥à¤ à¤à¤• महान योदà¥à¤§à¤¾, मेजर शैतान सिंह à¤à¤¾à¤Ÿà¥€ के नेतृतà¥à¤µ में, उचà¥à¤š शिखरों पर à¤à¤¯à¤‚कर मà¥à¤¶à¥à¤•िलों का सामना किया। उनकी अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ साहस, पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¦à¤¾à¤¯à¤• नेतृतà¥à¤µ और अननà¥à¤¤ बलिदान ने चीनी सैनिकों को अंधेरे में डाल दिया। मेजर शैतान सिंह को आखिरी सांस तक हारने का सोचना तक नहीं था, और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ को उलà¥à¤Ÿà¥‡ पैर à¤à¤¾à¤—ते देखा। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ पराकà¥à¤°à¤® के लिठपरमवीर चकà¥à¤° (मरणोपरांत) से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया।
अलà¥à¤¬à¤°à¥à¤Ÿ à¤à¤•à¥à¤•ा ने 1971 के à¤à¤¾à¤°à¤¤-पाक यà¥à¤¦à¥à¤§ में à¤à¤¾à¤— लिया था, जहां वह दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ से लड़ते हà¥à¤ वे शहीद हो गठथे| मरणोपरांत उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देश की सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ परमवीर चकà¥à¤° से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया था|बता दें कि जंग के दौरान उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 20 से 25 गोलियां लगी थी| उनका पूरा शरीर दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ की गोलियों से छलनी हो गया था|
वो कौन था | आवाज़- शेफ़ाली कपूर
इस कहानी में लॉरà¥à¤¡ डफ़रिन की à¤à¤• अनूठी घटना है, जिसमें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इरिश गाà¤à¤µ में à¤à¤• रात à¤à¤• à¤à¥‚तिया दृशà¥à¤¯ देखा और फिर दस सालों बाद पेरिस में à¤à¤• होटल में à¤à¤• लिफà¥à¤Ÿ ऑपरेटर को पहचाना जो उसी à¤à¥‚तिया दृशà¥à¤¯ में था। लॉरà¥à¤¡ डफरिन ने लिफà¥à¤Ÿ में नहीं बैठकर अपने और अपने सचिव की जान बचाई, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि लिफà¥à¤Ÿ का हादसा हà¥à¤† और सà¤à¥€ की मौके पर मौत हो गई। कहानी में à¤à¤• रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯ और à¤à¤• रोमांचक बात यह है कि वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ आखिर कौन था? जिसे देखकर लॉरà¥à¤¡ डफ़रिन ने लिफà¥à¤Ÿ में न जाने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया था और अंत में उस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का कोई सà¥à¤°à¤¾à¤— कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं मिल पाया ?जो à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की जिंदगी को बचा सकता है।
27 नवंबर 1895 को अलà¥à¤«à¥à¤°à¥‡à¤¡ नोबेल ने अपनी आखिरी वसीयत लिखी थी। इसी वसीयत के आधार पर नोबेल पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ारों की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हà¥à¤ˆà¥¤ 1901 में पहली बार नोबेल पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार दिठगà¤à¥¤ अब तक 975 शखà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¤ और संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को 609 नोबेल पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार मिल चà¥à¤•े हैं।
गणेश वासà¥à¤¦à¥‡à¤µ मावलंकर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ सेनानी à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ लोकसà¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤¥à¤® अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· थे। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ‘दादासाहेब’ के नाम से à¤à¥€ जाना जाता था। वे अहमदाबाद लोकसà¤à¤¾ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के सदसà¥à¤¯ के रà¥à¤ª में लोकसà¤à¤¾ में निरà¥à¤µà¤¾à¤šà¤¿à¤¤ हà¥à¤¯à¥‡ थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसदीय संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में à¤à¤• उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ वकà¥à¤¤à¤¾ के रूप में अपनी पहचान बनाई।
मीरा बेन का जनà¥à¤® इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड में साल 1892 को 22 नवंबर के दिन हà¥à¤† था। उनका असली नाम मेडेलीन सà¥à¤²à¥‡à¤¡ था। मेडेलीन मà¥à¤‚बई के नौसेना के ईसà¥à¤Ÿ इंडीज सà¥à¤•à¥à¤µà¤¾à¤¡à¥à¤°à¤¨ में कमांडर इन चीफ के पद पर तैनात सर à¤à¤¡à¤®à¤‚ड सà¥à¤²à¥‡à¤¡ की बेटी थीं। गाà¤à¤§à¥€à¤œà¥€ के वà¥â€à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥â€à¤µ के जादू में बà¤à¤§à¥€ सात समंदर पार देश हिंदà¥à¤¸à¥â€à¤¤à¤¾à¤¨ चली आई और फिर यहीं की होकर रह गईं। गाà¤à¤§à¥€ ने उनà¥â€à¤¹à¥‡à¤‚ नाम दिया था – ‘मीरा बेन’।
गà¥à¤°à¥ नानक देव जी की 500 जयंती के अवसर पर अमृतसर में गà¥à¤°à¥ नानक देव विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की गई।यह पंजाब राजà¥à¤¯ विधानमंडल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पारित à¤à¤• अधिनियम दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया था। विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ को यूजीसी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ “उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ वाले विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯â€ का दरà¥à¤œà¤¾ à¤à¥€ दिया गया है।
सर छोटू राम, (जनà¥à¤®-24 नवंबर 1881 – 9 जनवरी 1945) बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पंजाब पà¥à¤°à¤¾à¤‚त के à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– राजनेता à¤à¤µà¤‚ विचारक थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ उपमहादà¥à¤µà¥€à¤ª के ग़रीबों के हित में काम किया। इस उपलबà¥à¤§à¤¿ के लिà¤, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 1937 में ‘नाइट’ की उपाधि दी गई।
लचित बरफूकन का जनà¥à¤® 24 नवंबर, 1622 को अहोम सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ के à¤à¤• अधिकारी सेंग कालà¥à¤•-मो-साई और माता कà¥à¤‚दी मराम के घर हà¥à¤† था। उनका पूरा नाम ‘चाउ लाचित फà¥à¤•नलà¥à¤‚ग’ था। लचित को अहोम सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ के राजा चकà¥à¤°à¤§à¥à¤µà¤œ सिंह की शाही घà¥à¤¡à¤¼à¤¸à¤¾à¤² के अधीकà¥à¤·à¤• और महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सिमलूगढ़ किले के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– के रूप में नियà¥à¤•à¥à¤¤ किया गया। बहादà¥à¤° और समà¤à¤¦à¤¾à¤° लचित जलà¥à¤¦à¥€ ही अहोम सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ के सेनापति बन गà¤à¥¤ ‘बरफूकन’ लचित का नाम नहीं, बलà¥à¤•ि उनकी पदवी थी।
डॉ॰ (सर) जगदीश चनà¥à¤¦à¥à¤° बसॠ(बंगाली: (30 नवंबर 1858 – 23 नवंबर, 1937) à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• थे जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•ी, जीवविजà¥à¤žà¤¾à¤¨, वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤µà¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ तथा पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¤à¥à¤µ का गहरा जà¥à¤žà¤¾à¤¨ था। वे पहले वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• थे जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रेडियो और सूकà¥à¤·à¥à¤® तरंगों की पà¥à¤°à¤•ाशिकी पर कारà¥à¤¯ किया।
1904 में आज ही के दिन अमेरिका के सेंट लà¥à¤ˆà¤¸ में तीसरे ओलंपिक खेलों का समापन हो गया था
1983 मेंआज ही के दिन देश में पहली बार नई दिलà¥à¤²à¥€ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤®à¤‚डल शिखर समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ का आयोजन हà¥à¤† था। यह राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤®à¤‚डल देशों का सातवां शिखर समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ था। इसकी अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की ततà¥à¤•ालीन पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ इंदिरा गांधी ने की थी। यह समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ 29 नवंबर तक चला।
शांति घोष का जनà¥à¤® 22 नवंबर, 1916 को पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल के कोलकाता में हà¥à¤† था| उनके पिता का नाम देवेंदà¥à¤° नाथ घोष था, जो पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ थे इसलिठशांति घोष पर बचपन से ही राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ था| वह बचपन से ही कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारियों के बारे में पढ़ा करती थीं इसलिठउनका रà¥à¤à¤¾à¤¨ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ आंदोलन की तरफ बढ़ने लगा|
à¤à¤²à¤•ारी बाई (22 नवंबर 1830 – 4 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 1857) à¤à¤¾à¤à¤¸à¥€ की रानी लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤¬à¤¾à¤ˆ की नियमित सेना में, महिला शाखा दà¥à¤°à¥à¤—ा दल की सेनापति थीं। वे लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤¬à¤¾à¤ˆ की हमशकà¥à¤² à¤à¥€ थीं इस कारण शतà¥à¤°à¥ को गà¥à¤®à¤°à¤¾à¤¹ करने के लिठवे रानी के वेश में à¤à¥€ यà¥à¤¦à¥à¤§ करती थीं। अपने अंतिम समय में à¤à¥€ वे रानी के वेश में यà¥à¤¦à¥à¤§ करते हà¥à¤ वे अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥‹à¤‚ के हाथों पकड़ी गयीं और रानी को किले से à¤à¤¾à¤— निकलने का अवसर मिल गया।
सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° नाथ बोस à¤à¤• महान कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी थे। ये अरविंद घोष के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारियों के संपरà¥à¤• में आà¤à¥¤ सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से “छातà¥à¤° à¤à¤‚डार” नामक संसà¥à¤¥à¤¾ बनाई जिसमें यà¥à¤µà¤•ों को कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी दल से जोड़ने का कारà¥à¤¯ किया। 21 नवंबर 1908 को सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° नाथ देश के लिठशहीद हà¥à¤à¥¤
20 नवंबर à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ तारीख है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसी दिन 1959 में संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° (United Nations) महासà¤à¤¾ ने बाल अधिकारों को अपनाने की घोषणा की थी| विशà¥à¤µ बाल दिवस को पहली बार 1954 में सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• बाल दिवस के रूप में मनाया गया था और पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वरà¥à¤· 20 नवंबर को मनाया जाता है|
पदà¥à¤®à¤¶à¥à¤°à¥€ उड़न सिख मिलà¥à¤–ा सिंह का जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ है। सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय मिलà¥à¤–ा सिंह का जनà¥à¤® 20 नवंबर,1929 को मौजूदा पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के गोविंदपà¥à¤°à¤¾ शहर में हà¥à¤† था। उनका जीवन खेल को ही समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहा। मिलखा सिंह मरते दम तक खिलाड़ियों में जोश à¤à¤°à¤¨à¥‡ का काम करते रहे।
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मिरà¥à¤—ी दिवस मनाने की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ 2015 में हà¥à¤ˆ थी| इंटरनेशनल बà¥â€à¤¯à¥‚रो और इंटरनेशनल लीग अगेंसà¥â€à¤Ÿ à¤à¤ªà¤¿à¤²à¥‡à¤ªà¥â€à¤¸à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इसे आयोजित किया गया था| इस दिन देशà¤à¤° में लोगों को मिरà¥à¤—ी के लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚, कारणों और उपचार के बारे में जानकारी दी जाती है साथ ही लोगों को अपना अनà¥à¤à¤µ शेयर करने को मौका à¤à¥€ दिया जाता है|
सà¥à¤µà¥‡à¤œ नहर मिसà¥à¤° में à¤à¥‚मधà¥à¤¯ सागर पर बनà¥à¤¦à¤°à¤—ाह सईद से दकà¥à¤·à¤¿à¤£ की ओर सà¥à¤µà¥‡à¤œ शहर (सà¥à¤µà¥‡à¤œ की खाड़ी के उतà¥à¤¤à¤°à¥€ किनारे पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤) तक 120 मील तक फैली हà¥à¤ˆ है। नहर मिसà¥à¤° के बड़े हिसà¥à¤¸à¥‡ को सिनाई पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¦à¥à¤µà¥€à¤ª से अलग करती है। इसे बनने में 10 साल लगे और इसे आधिकारिक तौर पर 17 नवंबर, 1869 को खोला गया।
सà¥à¤µà¥‡à¤œ नहर मिसà¥à¤° में à¤à¥‚मधà¥à¤¯ सागर पर बनà¥à¤¦à¤°à¤—ाह सईद से दकà¥à¤·à¤¿à¤£ की ओर सà¥à¤µà¥‡à¤œ शहर (सà¥à¤µà¥‡à¤œ की खाड़ी के उतà¥à¤¤à¤°à¥€ किनारे पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤) तक 120 मील तक फैली हà¥à¤ˆ है। नहर मिसà¥à¤° के बड़े हिसà¥à¤¸à¥‡ को सिनाई पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¦à¥à¤µà¥€à¤ª से अलग करती है। इसे बनने में 10 साल लगे और इसे आधिकारिक तौर पर 17 नवंबर, 1869 को खोला गया।
संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की इस विशेष संसà¥à¤¥à¤¾ का गठन 16 नवमà¥à¤¬à¤° 1945 को हà¥à¤† था। इसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•ृति के अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सहयोग से शांति à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ करना है, ताकि संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के चारà¥à¤Ÿà¤° में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯, कानून का राज, मानवाधिकार à¤à¤µà¤‚ मौलिक सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ हेतॠवैशà¥à¤µà¤¿à¤• सहमति बने।
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥‡à¤¸ दिवस (National Press Day) हर साल 16 नवंबर को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° और जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° पà¥à¤°à¥‡à¤¸ का जशà¥à¤¨ मनाने के लिठमनाया जाता है। इस दिन à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥‡à¤¸ परिषद (Press Council of India) ने यह सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने के लिठà¤à¤• नैतिक पà¥à¤°à¤¹à¤°à¥€ के रूप में कारà¥à¤¯ करना शà¥à¤°à¥‚ किया कि पà¥à¤°à¥‡à¤¸ उचà¥à¤š मानकों को बनाठरखे और किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ या खतरों से विवश न हो।…
यह विचार 2 अगसà¥à¤¤ 2000 में साकार हà¥à¤†, जब संसद में à¤à¤¾à¤°à¤–ंड को अलग राजà¥à¤¯ का दरà¥à¤œà¤¾ देने का बिल पास हà¥à¤† और 2000 में ही 15 नवंबर को à¤à¤¾à¤°à¤–ंड à¤à¤¾à¤°à¤¤ का 28वां राजà¥à¤¯ बनाया गया|
इनका जनà¥à¤® à¤à¤¾à¤°à¤–ंड राजà¥à¤¯ के खूंटी जिले के उलिहातू में हà¥à¤† था। 15 नवंबर 1875 को बिरसा मà¥à¤‚डा का जनà¥à¤® हà¥à¤†à¥¤ 9 जून 1900 में रांची के कारागार में मृतà¥à¤¯à¥ हà¥à¤ˆà¥¤ करीब 19वरà¥à¤· की आयॠमें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बिरसा सेना का गठन किया।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पंडित जवाहरलाल नेहरू का जनà¥à¤® 14 नवंबर, 1889 को उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के इलाहाबाद में हà¥à¤† था। पंडित जवाहरलाल नेहरू को पà¥à¤¯à¤¾à¤° से ‘चाचा नेहरू’ à¤à¥€ कहा जाता था और उनकी मृतà¥à¤¯à¥ के बाद, उनके जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाने का सरà¥à¤µà¤¸à¤®à¥à¤®à¤¤à¤¿ से निरà¥à¤£à¤¯ लिया गया।
शांति और विकास के लिये विशà¥à¤µ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिवस सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® 10 नवंबर, 2002 को यूनेसà¥à¤•ो (UNESCO) के ततà¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में मनाया गया था। शांति और विकास के लिये विशà¥à¤µ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिवस, आम जनता को उनके जीवन में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिकता दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‡ और इसे वारà¥à¤¤à¤¾ में शामिल करने का अवसर पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है।
10 नवंबर 1920 को महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के वरà¥à¤§à¤¾ जिले के अरवी में जनà¥à¤®à¥‡ दतà¥à¤¤à¥‹à¤ªà¤‚त ठेंगड़ी ने शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤• आंदोलनों को à¤à¤• नयी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ और चेतना दी। राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के औदà¥à¤¯à¥‹à¤—ीकरण के साथ शà¥à¤°à¤® के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤•रण के पकà¥à¤·à¤§à¤° दतà¥à¤¤à¥‹à¤ªà¤‚त ठेंगड़ी ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ के दरà¥à¤¶à¤¨ को अपने जीवन में उतार कर उदाहरण पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वैशà¥à¤µà¥€à¤•रण को आरà¥à¤¥à¤¿à¤• पकà¥à¤· तक सीमित न रह कर मानवतावादी सोच का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया
10 नवंबर 1908 को कनाई लाल दतà¥à¤¤ को मातà¥à¤° 20 बरस की आयॠमें फांसी हà¥à¤ˆà¥¤ खà¥à¤¦à¥€à¤°à¤¾à¤® बोस के बाद फांसी के फंदे पर à¤à¥‚लने वाले वह दूसरे कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी थी।
9 नवंबर 1947 के दिन जूनागढ़ का à¤à¤¾à¤°à¤¤ में विलय हो गया|बाद में à¤à¤• जनमत à¤à¥€ कराया गया, जिसमें जूनागढ़ की जनता ने खà¥à¤¦ फैसला किया था कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के साथ रहना है. 20 फरवरी 1948 को हà¥à¤ इस जनमत में 190870 लोगों ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ को चà¥à¤¨à¤¾ था, जबकि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के लिठसिरà¥à¤« 91 लोगों ने मतदान किया था |
9 नवंबर 1953 को कंबोडिया आजाद मà¥à¤²à¥à¤• बन गया| लेकिन इसके लोकतंतà¥à¤° बनने में अà¤à¥€ समय था. सतà¥à¤¤à¤¾ का केंदà¥à¤° थे राजा नॉरडम सिहानà¥à¤•|
8 अगसà¥à¤¤ 2000 को, और फिर यह 9 नवंबर 2000 को अधिनियम में बदल गया, नया राजà¥à¤¯ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚चल à¤à¤¾à¤°à¤¤ के 27वें राजà¥à¤¯ के रूप में असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में आया। जनवरी 2007 में नठराजà¥à¤¯ ने अपना नाम बदलकर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड कर लिया, जिसका अरà¥à¤¥ है “उतà¥à¤¤à¤°à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°” जो इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का पारंपरिक नाम था।
विशà¥à¤µ रेडियोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ दिवस पहली बार साल 2012 में मनाया गया था| इस दिन को मनाने की पहल यूरोपियन सोसाइटी ऑफ रेडियोलॉजी, रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉरà¥à¤¥ अमेरिका और अमेरिकन कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजी की तरफ से की गई थी|तà¤à¥€ से हर साल दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में इस दिन को 8 नवंबर को बड़े ही उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के साथ मनाया जाता है|
8 नवंबर, 2016 को पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ मोदी ने रात को 8 बजे अचानक राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को संबोधित करते हà¥à¤ जानकारी दी कि रात 12 बजे के बाद 500 और 1000 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ के नोट को बंद कर दिया जाà¤à¤—ा |अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के लिठकाला धन खतरा बन जाता है। इसके चलते अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को सà¥à¤¦à¥ƒà¤¢ करने के लिठनोटबंदी की घोषणा की गई थी।
रमन का जनà¥à¤® 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडॠके तिरà¥à¤šà¤¿à¤°à¤¾à¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ में हà¥à¤† था। गणित व à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•ी का माहौल इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ घर ने ही पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया था। इनके पिता चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र अयà¥à¤¯à¤° गणित व à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•ी के लेकà¥à¤šà¤°à¤° थे। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ से रमन में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ व शिकà¥à¤·à¤£ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ लगाव पैदा हà¥à¤†à¥¤1928 में ‘रमन पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ’ की खोज से इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§à¤¿ मिली। 1930 में à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में योगदान करने के कारण इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नोबेल पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया। इसके अलावा 1954 में ‘à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨’ से à¤à¥€ यह नवाज़े गà¤à¥¤
सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ आंदोलन में à¤à¤¾à¤— लेने वाले बिपिन चंदà¥à¤° पाल का जनà¥à¤® 7 नवंबर, 1858 को अविà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के हबीबगंज जिले में (अब बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ में) à¤à¤• संपनà¥à¤¨ कायसà¥à¤¥ परिवार में हà¥à¤† था।सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® के दौरान गरम राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ विचारों के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• रहे।
संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° महासà¤à¤¾ ने पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वरà¥à¤· के 6 नवंबर को यà¥à¤¦à¥à¤§ और सशसà¥à¤¤à¥à¤° संघरà¥à¤· में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के शोषण को रोकने के लिठअंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ दिवस के रूप में घोषित किया। यà¥à¤¦à¥à¤§ के समय, यह पारिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤•ी तंतà¥à¤° को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करता है जैसे कि पानी को दूषित करना, जंगल को जलाना, जानवरों को मारना, आदि।
6 नवंबर 1861 को कनाडा के ओंटारियो में अलमोंटे शहर में जेमà¥à¤¸ नाइसà¥à¤®à¤¿à¤¥ का जनà¥à¤® हà¥à¤†à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मैकगिल यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ से शारीरिक शिकà¥à¤·à¤¾ में गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤¶à¤¨ किया। साल 1959 को सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤‚गफीलà¥à¤¡, मैसाचà¥à¤¸à¥‡à¤Ÿà¥à¤¸ में जेमà¥à¤¸ नाइसà¥à¤®à¤¿à¤¥ को बासà¥à¤•ेटबॉल हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। खेल को à¤à¤¸à¥‡ समय में पेश किया गया, जब सà¥à¤•ूलों को अलग कर दिया गया था।
6 नवंबर 1913 को दमनकारी कानून के खिलाफ द गà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ मारà¥à¤š निकाला। 2,000 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोगों ने गांधीजी के नेतृतà¥à¤µ में नटाल तक मारà¥à¤š किया। गांधीजी गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° हà¥à¤à¥¤ जमानत पर छूटे तो फिर मारà¥à¤š में शामिल हो गà¤à¥¤
चितरंजन दास का जनà¥à¤® 05 नवमà¥à¤¬à¤° 1870 ई. को ढाका के विकà¥à¤°à¤®à¤ªà¥à¤° में हà¥à¤† था। वे कोलकाता उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ वकील थे, जो 1909 ई. में अलीपà¥à¤° बम कांड में अरविंदो घोष का बचाव कर चरà¥à¤šà¤¿à¤¤ हो गठ।
मंगलयान मंगलवार के दिन दोपहर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समय 2:38 अपराहà¥à¤¨ पर शà¥à¤°à¥€à¤¹à¤°à¤¿à¤•ोटा (आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶) के सतीश धवन अनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤•à¥à¤· केनà¥à¤¦à¥à¤° से धà¥à¤°à¥à¤µà¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ªà¤£ यान पीà¤à¤¸à¤à¤²à¤µà¥€ सी-25 दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया।
4 नवंबर, 1845 को महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के रायगढ़ जिले के शिरढोणे गांव में जनà¥à¤®à¥‡ वासà¥à¤¦à¥‡à¤µ बलवंत फड़के बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सरकार के खिलाफ सशसà¥à¤¤à¥à¤° विदà¥à¤°à¥‹à¤¹ का संगठन करने वाले पहले कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी के रूप में जाने जाते हैं. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ही 1857 के पà¥à¤°à¤¥à¤® सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® की विफलता के बाद आज़ादी के महासमर की पहली चिंगारी जलाई थी
हिमालय परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ 4 नवंबर, 1954 में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ को कà¥à¤°à¥€à¤¡à¤¼à¤¾ के रूप में बढ़ावा देने हेतॠकी गई थी|1953 में तेंज़िंग नाॅरगे और à¤à¤¡à¤®à¤‚ड हिलेरी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤µà¤°à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿ की चोटी पर पहला मानव कदम रखा गया|
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नृतà¥à¤¯ समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ शंà¤à¥‚ महाराज का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• नाम ‘शंà¤à¥‚नाथ मिशà¥à¤°à¤¾â€™ था। नृतà¥à¤¯ के संग ठà¥à¤®à¤°à¥€ गाकर उसके à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•ार से इस अदा से शंà¤à¥‚ महाराज पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ करते थे कि दरà¥à¤¶à¤• मà¥à¤—à¥à¤§ हà¥à¤ बिना नहीं रह सकते थे ।शंà¤à¥‚ महाराज को 1967 में ‘संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप’ से तथा 1956 में ‘पदà¥à¤®à¤¶à¥à¤°à¥€â€™ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया था।
3 नवंबर, 1957 की तारीख इतिहास के पनà¥à¤¨à¥‹à¤‚ में दरà¥à¤œ हो गई, जब सोवियत संघ ने पहली बार सà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¨à¤¿à¤•-2 सà¥à¤ªà¥‡à¤¸à¤•à¥à¤°à¤¾à¤«à¤¼à¥à¤Ÿ से लाइका नाम की सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤Ÿ फ़ीमेल डॉग को अंतरिकà¥à¤· में à¤à¥‡à¤œà¤¾. वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• दावा करते हैं कि लाइका को सà¥à¤ªà¥‡à¤¸ में à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— ने इंसानों के अंतरिकà¥à¤· तक पहà¥à¤‚चने का रासà¥à¤¤à¤¾ साफ किया
à¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾, फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾, फिलà¥à¤® निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤•, लेखक और राजनीतिजà¥à¤ž थे, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हिंदी सिनेमा के मूक यà¥à¤— में अपना करियर शà¥à¤°à¥‚ किया था । वह इपà¥à¤Ÿà¤¾ के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• के रूप में जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ थे और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 1944 में मà¥à¤‚बई सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• टà¥à¤°à¥ˆà¤µà¤²à¤¿à¤‚ग थिà¤à¤Ÿà¤° कंपनी, पृथà¥à¤µà¥€ थिà¤à¤Ÿà¤° की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी। वह हिंदी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के कपूर परिवार के पितामह थे , जिनमें से चार पीढ़ियों ने उनसे शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की थी1969 में पदà¥à¤®à¤à¥‚षण से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया इसके अलावा 1972 में दादा साहब फालà¥à¤•े पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार से à¤à¥€ इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नवाजा गया
जीन बैपà¥à¤Ÿà¤¸ सीमेन चारà¥à¤¡à¤¿à¤¨ ने 200 से अधिक चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ की रचना की। इनका पसंदीदा विषय खेलने वाला बचà¥à¤šà¤¾ रहा। घरेलू अंदरूनी शैली के चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ का को इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बखूबी चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया। उनकी चितà¥à¤°à¤•ारी में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ और घरेलू गतिविधियों को बखूबी दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है
महेंदà¥à¤° लाल सरकार à¤à¤¾à¤°à¤¤ के चिकितà¥à¤¸à¤•, समाज सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤• और वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤ ।इनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ‘इंडियन à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤¶à¤¨ फॉर द कलà¥à¤Ÿà¥€à¤µà¥‡à¤¶à¤¨ ऑफ़ साइंस’ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की गई।
संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हर साल 2 नवंबर को विशà¥à¤µ सà¥à¤¤à¤° पर “इंटरनेशनल डे टू इंड इमà¥à¤ªà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤Ÿà¥€ फॉर कà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤®à¥à¤¸ अगेंसà¥à¤Ÿ जरà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿâ€ यानि “पतà¥à¤°à¤•ारों के खिलाफ अपराधों के लिठदणà¥à¤¡ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ समापà¥à¤¤ करने का अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ दिवस†मनाया जाता है। यह दिन पतà¥à¤°à¤•ारों और मीडियाकरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के खिलाफ हिंसक अपराधों के लिठकम वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सजा दर पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करने के लिठमनाया जाता है, जिसका अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• दस मामलों में केवल à¤à¤• में जताया जाता है।